गोपेश्वर,देवेंद्ररावत।लॉकडाउनकेदौरानमहानगरोंमेंरहरहेपहाड़केहजारोंयुवाजबअपनारोजगारगंवाबैठेहों,तबचमोलीजिलेकेग्रामकिरुलीनिवासीराजेंद्रबंडवालबेरोजगारोंकोहस्तशिल्पसेजोड़करउनमेंभविष्यकीउम्मीदजगारहेहैं।वहचमोलीजिलेकेबंडवालक्षेत्रकेयुवाओंकोरिंगालसेउत्पादतैयारकरनेकाप्रशिक्षणभीदेरहेहैं।ताकिवहपहाड़मेंरहकरहीरोजगारकामजबूतआधारतयकरसकें।
हस्तशिल्पमेंखासतौरपररिंगालकेउत्पादोंकानिर्माणअबबीतेजमानेकीबातहोगईहै।पहलेपहाड़मेंसैकड़ोंलोगरिंगालउद्योगसेजुड़कररोजगारप्राप्तकियाकरतेथे।समयबदलाऔरधीरे-धीरेयुवाइसपुश्तैनीहुनरकोछोड़कररोजगारकीतलाशमेंमैदानीक्षेत्रोंकीओरपलायनकरनेलगे।ऐसेहालातमेंभीकिरुलीगांवकेराजेंद्रबंडवालनेपलायनकरनेकेबजायअपनेइसीपुश्तैनीकारोबारकोआगेबढ़ाया।
वहकहतेहैंकि-पहलेमैंरिंगालसेपरंपरागतकंडी,सुप्पाआदिवस्तुएंतैयारकरताथा।इनकीखपतबेहदसीमितहोनेकेकारणबादमेंमैंनेनयाप्रयोगकरतेहुएकलमदान,लैंपशेड,टीट्रे,डस्टबिन,फूलदान,टोकरी,टोपी,ऐशट्रेआदिबनानेशुरूकरदिए।
इनवस्तुओंकोराजेंद्रबदरीनाथहाइवेपरयात्रियोंकोबेचतेहैं।इससेउन्हेंअच्छी-खासीआमदनीहोजातीहै।इसकेअलावाउन्होंनेकिरुलीसमेतआसपासकेगांवोंके20सेअधिकयुवाओंकोभीरिंगालकेवस्तुएंतैयारकरनेकाप्रशिक्षणदियाहै।आजयेयुवाभीआजरिंगालउत्पादतैयारकरअपनीरोजी-रोटीचलारहेहैं।
किरुलीनिवासीसंजयसिंहचौहानबतातेहैंकिराजेंद्रआजक्षेत्रकेयुवाओंकेलिएप्रेरणास्रोतबनगएहैं।वहलॉकडाउनकेचलतेवापसलौटेकईप्रवासीयुवाओंकोभीरिंगालसेउत्पादतैयारकरनेकाप्रशिक्षणदेकरउन्हेंरोजगारसेजोड़नेकाप्रयासकररहेहैं।
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प्रवासीयुवाबैंकसेऋणलेकरशुरूकरसकतेहैंअपनाउद्यम
जिलाउद्योगकेंद्र,चमोलीकेमहाप्रबंधकडॉ.एमएससजवाणकेमुताबिक,राजेंद्रबंडवालनेहस्तशिल्पकोनईऊंचाइयांदीहैं।सरकारभीहस्तशिल्पकोबढ़ावादेनेकेलिएकईयोजनाएंसंचालितकररहीहै।प्रवासीयुवाभीरिंगालसमेतअन्यउद्योगोंकोसंचालितकरनेकेलिएबैंकसेऋणलेकरभीअपनाउद्यमशुरूकरसकतेहैं।
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