युवाओं को दे रहे स्वरोजगार का संदेश

ज्ञानप्रसाद,रेवाड़ी

देशकेसंविधानमेंहमारेअधिकारवर्णितहै।इन्हींअधिकारोंकेसहारेहमअपनीस्वतंत्रताकोसुरक्षितरखपातेहैं।अधिकारोंकेसाथहीहमारेकुछकर्तव्यभीहैं,जिनकानिर्वहनभीहमेंअपनेराष्ट्रवसमाजकेहितमेंनिभानेकीआवश्यकताहै।जनसंख्यानियोजनकीअगरबातकीजाएतोबहुतसेऐसेलोगहैं,जोनसिर्फखुदस्वावलंबनकीदिशामेंआगेबढ़ेबल्किबहुतसेयुवाओंकोभीरोजगारमुहैयाकरारहेहैं।ऐसीहीस्वावलंबनऔरआत्मनिर्भरहोनेकीप्रेरणादेरहेहैंरेवाड़ीकेगांवनिमोठनिवासीअशोककुमार।गांवनिमोठनिवासीअशोकमात्रदसवींपासहैंऔरचारसालपूर्वतकबेरोजगारीसेजूझरहेथे।आजनकेवलखुदकोएकशहदउत्पादककेतौरपरस्थापितकरचुकेहैंबल्किबहुतसेबेरोजगारयुवाओंकोमधुमक्खीपालनकीट्रे¨नगभीदेरहेहैं।

ट्रे¨नगलीऔरबढ़गएआगे:

चारसालपहलेतकबेरोजगारीकीमारझेलरहेअशोककुमारकेलिएघरकाखर्चचलानातकमुश्किलहोताजारहाथा।अशोककोइसीदौरानमालुमचलाकिवनविभागकीतरफसेमधुमक्खीपालनकीट्रे¨नगदीजारहीहै।अशोकभीट्रे¨नगकेलिएपहुंचगए।वहांऔरभीबेरोजगारयुवामौजूदथे,लेकिनअशोकनेपूरीगंभीरताकेसाथइसट्रे¨नगमेंमधुमक्खीपालनकेबारेमेंसीखाऔरखुदभीइसीराहपरआगेबढ़नेकीठानली।मधुमक्खीपालनकेलिएविभागकीतरफआर्थिकसहायतादीगई।अशोकनेयहांसेमधुमक्खीपालनाशुरूकिया।विभागीयअधिकारियोंकीमददसेउन्हेंशहदनिकालनाआगयाऔरधीरे-धीरेवहपारंगतहोनेलगा।आजअशोकशहदउत्पादककेतौरपरजिलेभरमेंअपनीअलगपहचानबनाचुकेहैं।उनकेशहदकीगुरुग्राम,दिल्लीसेलेकरउत्तरप्रदेशतकमेंविशेषपहचानबनचुकीहै।उनकेद्वारातैयारकियागयाशहददिल्लीकेआलइंडियाइंस्टीट्यूटऑफमेडिकलसाइंस(एम्स)केबहुतसेचिकित्सकभीइस्तेमालकरतेहैं।गुरुग्रामकीसुलतानपुरझीलकेनिकटउनकीस्टॉललगतीहै,जहांअच्छीखासीबिक्रीहैऔरविदेशीपर्यटकतकभीउनकेशहदकीमिठासकाआनंदउठातेहैं।अशोकपे¨कगकरकेअपनेशहदकोवहांलेजातेहैं।हरियाणावनविकासकारपोरेशनकेसहयोगसेजीवनमेंआगेबढ़ेअशोकअबविभागद्वाराबेरोजगारयुवाओंकोदीजानेवालीमधुमक्खीट्रे¨नगप्रोग्रामकाभीअहमहिस्साबनगएहैंऔरयुवाओंकोअपनेफार्मपरमधुमक्खीपालनेकीविधिबेहतरतरीकेसेसमझातेभीहैं।अशोककाशहदहरबड़ेमेलेवकार्यक्रममेंभीअपनीजगहबनाताहै।