यहां नर्सरी में नहीं हैं पंचवटी के पौधे

सिद्धार्थनगर:पेड़पौधेहमारेजीवनकेलिएबहुतउपयोगीहैंक्योंकियहवातावरणकोस्वच्छरखनेकेसाथहमेंप्राणवायुभीदेतेहैं।इनमेंपीपल,बरगद,बेल,आंवला,अशोककेपौधेप्रमुखहैं,जोभरपूरमात्रामेंआक्सीजनतोदेतेहीहैंसाथहीपर्यावरणकोशुद्धरखनेमेंभीइनकीमहतीभूमिकाहोतीहैपरवनविभागकीउदासीनताकेचलतेयहपौधेनर्सरीसेगायबहोगएहैं,जिसकेपरिणामस्वरूपयहपौधेरोपितनहींहोपारहेहैं।

बांसीतहसीलक्षेत्रमेंवनविभागकेखेसरहातथाबांसीदोरेंजहैं।खेसरहारेंजकेअंतर्गतखेसरहाब्लाककेबेलौहामेंदोनर्सरीतथामिठवलब्लाककेकटबंधमेंएकनर्सरीहै।बांसीरेंजकेअंतर्गतबांसीनगरमेंतथाजिगनिहवामेंनर्सरीहै,लेकिनपंचवटीकेपौधेइननर्सरियोंमेंनहींहैं,जबकिइनपौधोंकीउपयोगिताकोरोनामहामारीकेदौरानतेजीसेबढ़ीहै।

राधेश्यामयादव,विवेकराय,अंकितपाण्डेय,देवराजशुक्ला,उस्मानआदिग्रामप्रधानोंनेबतायाकिहमलोगअपनीग्रामपंचायतोंमेंपंचवटीकेपौधोकोरोपितकरनाचाहतेथे,लेकिनजबपौधोंकोलेनेबेलौहास्थितपौधशालापरगएतोवहांयहपौधेनहींथेंजिससेसागौन,शीशमजामुन,बबूलआदिपौधेलेजाकरग्रामपंचायतोंमेंरोपितकिएगएहैं।लोगोंकाकहनाहैकिअतिशीघ्रपौधोंकीव्यवस्थाकराईजाए।

पहलेलोगइनपौधोंकोरोपितनहींकरतेथे,जिससेपौधशालाओंमेंयहपौधेउपलब्धनहींहैं।अबइनपौधोंकोलोगमांगरहेहैं,इसलिएआगेसेयहपौधेउपलब्धकराएजाएंगे।

सुभाषचंद्रत्रिपाठी,रेंजरखेसरहारेंज