बिजनौर,अजीतचौधरी।वन्यजीवोंकोसंरक्षणदेनेकेप्रयासोंकाअसरदिखनेलगाहै।इसकाप्रमाणजिलेमेंवन्यजीवोंकाबढ़ताकुनबाभीहै।बाघऔरगुलदारकेसाथहिरन,नीलगायआदिकीसंख्याभीबढ़ीहै।अमानगढ़वनरेंजमेंतीनसालपहलेहुईगणनामेंपांचभालूदिखेथे,जोअबबढ़कर11होचुकेहैं।कुछसालपहलेतकएकभीलोमड़ीयहांनहींदिखतीथी,अबइनकीसंख्याभीसैकड़ोंमेंपहुंचगईहै।
उत्तराखंडकीपहाड़ीतलहटीमेंबसेबिजनौरमेंअमानगढ़वनरेंजहै।नदियोंकेकिनारेभीकाफीवन्यजीवहैं।यहांबाघ,गुलदार,हाथी,भालूसेलेकरदुर्लभप्रजातिकेपक्षीभीबहुतायतमेंहैं।
कुछसालपहलेतकअमानगढ़वनरेंजमेंकेवल15बाघथे,अबइनकीसंख्याबढ़कर27होगईहै।हाथियोंकाकुनबाभीबढ़गयाहै।2013मेंउत्तराखंडमेंआईजलप्रलयकेबादबारहसिंघाकमहोगएथे।दोसालपहलेइक्का-दुक्काबारहसिंघायहांदिखनेशुरूहुए,लेकिनअबखादरक्षेत्रमेंबारहसिंघाकेझुंडदिखरहेहैं।
डाल्फिनऔरघड़ियालभीकमनहीं
बिजनौरमेंजलीयजीवोंकीभीकमीनहींहै।हालमेंडब्ल्यूडब्ल्यूएफद्वाराकीगईगणनामेंजिलेमेंगंगामेंघड़ियालदिखेथे।2020मेंहुईगणनाकेदौरानसातडाल्फिनदिखीथीं।बिजनौरगंगाक्षेत्रमेंदोसालपहलेडब्ल्यूडब्ल्यूएफकीटीमकोडाल्फिनकेशावकभीदिखेथे।
वन्यजीवोंकीवर्तमानस्थिति
बाघ27,काकड़93,गुलदार80,भालू11,हाथी102,सुअर1837,फिङ्क्षशगकैट22,मगरमच्छ54,कालेहिरन208,लकड़बग्घा2,हिरन,पहाड़ा541,लोमड़ी253,वनरोज3185,सियार1434,सांभर247,मोर1548,चीतल2350,बिज्ज59,बारहङ्क्षसघा35,सेह84,गोह71,जंगलीबिल्ली96।
(नोट:आंकड़ेवनविभागसेलिएगएहैं)
इन्होंनेबताया...
जिलेमेंवन्यजीवोंकेसंरक्षणकेपूरेप्रयासकिएजारहेहैं।जनतासेभीसहयोगलियाजारहाहै।वन्यजीवोंकीसंख्याबढ़ेगीतोप्रकृतिकासंतुलनभीबनारहेगा।
-अनिलपटेल,डीएफओ