अंशुसिंह।हरियाणाकेअंबालाजिलेकाछोटा-सागांवहैअधोई,जहांकृषिहीलोगोंकामुख्यपेशाहै।यहांकेहीग्रामीणपरिवेशमेंपली-बढ़ीहैंअमरजीतकौर। 12वींकीपढ़ाईपूरीकरनेकेबादअभीस्नातकमेंदाखिलालियाहीथाकिकृषकपिताकीतबियतबिगड़नेपरइसकाप्रभावपरिवारकीआर्थिकस्थितिपरभीपड़ा।तबबेटीनेपिताकेखेतोंकीजिम्मेदारीलेनेकानिर्णयलिया।जोभीथोड़ी-बहुतजानकारीथी,उसकीमददसेउन्होंनेखेतोंमेंकार्यकरनाशुरूकरदिया।कईबारतोसुबहचारबजेकीगई,रातमेंघरलौटपातीथींअमरजीत।लेकिननमेहनतकरनाछोड़ाऔरनहीटूटाउनकाहौसला।
वहबतातीहैं,‘मुझेखेती-किसानीकीअधिकजानकारीनहींथी।बचपनमेंपिताजीकोखेतोंमेंजोकरतेदेखाथा,उतनाहीजानतीथी।मुश्किलदौरथावह।लेकिनकुछलोगोंकीमददसेआगेबढ़ी।शुरूकेतीनवर्षठेकेपरलीहुईजमीनकेअलावापारिवारिकभूमिपरभीफसलउपजाई।तकरीबन15एकड़केखेतमेंअकेले,बिनाकिसीमजदूरकीसहायताकेकामकिया।फिरवहखादडालनाहोयाखेतोंकीजुताईकरनीहो।’आजअमरजीतकेखेतोंमेंमौसमकेअनुसार,गन्नेसेलेकरगेंहू,धान,सब्जी,मक्कासभीफसलेंउगाईजातीहैं।वेखुदहीइसेबाजारतकपहुंचातीहैं।
कृषिमेंकररहीहैंनव-अन्वेषण:संतोषराजस्थानकेसीकरजिलेकेगांवबेरीकेएकसामान्यपरिवारसेआतीहैं।कुछअलगहटकरकरनेकीचाहतमेंउन्होंनेजैविकखेतीशुरूकी।नवाचारकेजरियेकटिंगविधिसेअनारकीनईजैविककिस्मविकसितकी,जिसकेलिएउन्हेंप्रदेशसरकारसेसम्मानमिलाहै।2019मेंवे'खेतोंकेवैज्ञानिक'सम्मानसेभीनवाजीजाचुकीहैं।इनकेपिताहोमगार्डकेजवानथे,लेकिन2013मेंउन्होंनेभीनौकरीछोड़बागवानीमेंहाथबंटानेकानिर्णयलिया।
अपनीबुलंदआवाजमेंबतातीहैंसंतोष,‘हमनईविधिसेअनार,अमरूद,नींबू,माल्टाएवंकिन्नूकेपौधेकटिंगविधिसेतैयारकरतेहैं।पौधेतैयारहोजानेकेबादउन्हेंउचितकीमतपरकिसानोंकोउपलब्धकरायाजाताहै।’बड़ीबातयहभीहैकिसंतोषकृषिमेंउन्नततकनीककाइस्तेमालकरतीहैं।वेट्यूबवेल,बूंद-बूंदसिंचाईएवंसौरऊर्जाकाप्रयोगकरतीहैं।कुछसमयपूर्वइन्होंनेराजस्थानमेंसेबकेपौधेतैयारकरनेमेंभीउपलब्धिहासिलकीहै।आजवेपांचबीघेमेंबागवानीकर20लाखरुपयेतकसालानाकमालेतीहैं।इनकेतैयारकिएहुएसेबएवंअनारआदिकेपौधेस्थानीयबाजारोंकेअलावा,आंध्रप्रदेश,उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश,गुजरातजैसेअन्यराज्योंमेंभेजेजारहेहैं।
आलूकीखेतीसेबदलतीआर्थिकतस्वीर:शमीमाकेपतिकिसानहैं।वेखुदभीउनकेसाथखेतोंमेंबीजकीकटाईसेलेकरश्रमिकोंकोदिशा-निर्देशदेना,सबदेखतीहैं।दोवर्षपहलेइनकासंयुक्तराष्ट्रकेप्रोजेक्टडेवलपमेंट(यूएसएआइडी)कार्यक्रमसेजुड़नाहुआ,जोपेप्सिकोइंडियाकंपनीकेसाथमिलकरग्रामीणमहिलाओं(किसानों)केसशक्तीकरणकेसाथहीउन्हेंसस्टेनेबलफार्मिंगकेबारेमेंजागरूककरताहै।
पश्चिमबंगालकेहुगलीजिलेकेछोटेसेगांवमोलयपुरकीशमीमानेभीबकायदाप्रशिक्षणलेकरअपनीजमीनपरआलूकीखेतीकरनीशुरूकी।एकमौसममेंवेकरीब12टनआलूकीउपजकरलेतीहैं।वहबतातीहैं,‘मैंवर्ष2010में‘ईदमुबारक’नामकेएकस्वयंसहायतासमूहसेजुड़ीथी।इसमेंगांवकीकृषकमहिलाएंशामिलहोतीहैं।आजउससमूहकानेतृत्वकर,अन्यमहिलाओंकोउन्नतखेतीकेबारेमेंजागरूककरतीहूं।
वहीं,कंपनीकेकार्यक्रमसेजुड़नेकेबादअबबिचौलियोंकेआश्रितनहींरहनापड़ता।कंपनीकेलोगसीधेउत्पादखरीदकरलेजातेहैं।इससेआमदनीभीपहलेसेअच्छीहोगईहै।’जिनशमीमाकेपासएकसमयबचतकेनामपरकुछनहींशेषरहताथा,वेआजअपनीबेटीकोपढ़ारहीहैंजोमेडिकलप्रवेशपरीक्षाकीतैयारीकररहीहै।घरकीमालीहालतभीबेहतरहुईहै।उनमेंआत्मविश्वासआयाहैकिवेसहायककीभूमिकानिभानेकीबजायअकेलेखेतोंमेंकामकरलेतीहैं।हुगलीकेहीहरिश्चंद्रपुरगांवकीमालतीमलिक,बीते20-22वर्षोंसेपतिकेसाथमिलकरअपने0.8एकड़केखेतमेंकामकररहीहैं।करीबसालभरपहलेइनकावूमनएम्पावरमेंटइनिशिएटिवनामकएकअभियानसेजुड़नाहुआ,जहांउन्होंनेबीजोंकीसहीदेखभाल,पेस्टकंट्रोल,हार्वेस्टिंग,संग्रहणकेबारेमेंजाना।मालतीनेबतायाकिप्रशिक्षणकार्यक्रममेंहिस्सालेनेसेवेसिंचाई,क्रॉपरोटेशनआदिकेसाथवित्तीयप्रबंधनएवंउद्यमिताकेबारेमेंजानसकीं।इससेआजआलूवअन्यसब्जियोंआदिकीउपजमेंअच्छीबढ़ोतरीहुईहै।वहपरिवारकीआर्थिकमददकरनेकेसाथघरमेंट्यूबवेलसेलेकरशौचालयतककानिर्माणकरासकीहैं।
संगठितहोकरलिखतींनईकहानी:राजस्थानमेंमानसूनकेदौरानहीएकनिश्चितसमयकेलिएखेतीहोतीहै,लेकिनजोधपुरसेकरीब40किलोमीटरदूरसरेचापंचायतकेअंतर्गतआनेवालेछोटेसेगांवसरमेंकुछअलगप्रयोगकियाजारहाहै।स्थानीयग्रामीणमहिलाएंएकसमूहकेमाध्यमसेखेतीकेसाथअन्यकलात्मकगतिविधियोंसेजुड़करजीविकोपार्जनकररहीहैं।फेसबुककीमददसेइससमूहद्वाराबनाएजानेवालेउत्पादयाउपजकोबाजारतकपहुंचायाजारहाहै।‘हीरापन्ना’समूहसेजुड़ेवाघारामचौधरीकीमानें,तोइससेमहिलाओंकोस्थानीयकेअलावाप्रदेशकेबाहरभीपहचानमिलरहीहै।समूहसेजुड़ेसदस्योंकीसंख्यादिनोंदिनबढ़रहीहै।समूहसेजुड़ींकिसानपप्पूदेवीकहतीहैं,‘हमबाजरा,मूंग,तिल,ग्वारआदिकीखेतीकेअलावासिलाई-कढ़ाईवडेयरीसेसंबंधीकार्यकरतीहैं,लेकिनमेहनतवलागतकेअनुसारकमाईनहींहोपाती।अगरबिचौलियोंकीसमस्यानरहे,तोस्थितिमेंकाफीसुधारआसकताहै।‘
बेटियोंकोमिलरहाकृषिमेंप्रोत्साहन:अंबालाकेअधोईकीकिसानअमरजीतकौरनेबतायाकिखेतोंमेंकामकरनेकेअलावाजैविकउत्पादकाकारोबारभीदेखतीहूं।जैसेअपनेखेतोंमें90प्रतिशतजैविकखादकाप्रयोगकरतीहूं,वैसेहीअन्यकिसानोंसेभीऐसाकरनेकेलिएप्रेरितकरतीहूं।इससेउनकाउत्पादनप्रभावितनहींहोताऔरपर्यावरणकीरक्षाहोजातीहै,सोअलग।
दूसरासकारात्मकपरिवर्तनयहआयाहैकिअबगांवकेअन्यपरिवारभीअपनीबेटियोंकोकृषिकार्योंसेजोड़रहेहैं,उन्हेंप्रोत्साहितकररहेहैं।नईपीढ़ीकेलड़कोंकोभीएकसंदेशगयाहैकिएकलड़कीखेतोंमेंकामकरसकतीहै,ट्रैक्टरचलासकतीहै,तोवेक्योंनहींअपनेपितायाघरवालोंकाहाथबंटासकतेहैं?मैंमानतीहूंकिकिसीकेलिएभीउनकास्वयंकाआत्मसम्मानजरूरीहै।महिलाओंकेसाथसमाजकोअपनीसोचकादायराबढ़ानाहोगा।
जैविकविधिसेबागवानीनेबदलीसूरत:राजस्थानकीकिसानसंतोषखेदड़नेबतायाकिमैंने2008मेंअनारकीजैविकखेतीशुरूकीथी,क्योंकिबाजरा,गेंहूजैसेमोटेअनाजसेखासकमाईनहींहोरहीथी।जितनीलागतलगतीथी,उसकीभीभरपाईनहींहोपातीथी।तभीहमनेबागवानीमेंहाथआजमानेकानिर्णयलिया।हमनेअनार,किन्नू,मौसमी,नींबूकेबगीचेलगाए।
पहलेवर्षकमलागतकेबावजूदअच्छीकमाईहुई,तोउत्साहबढ़ा।फिरकटिंगविधिसेअनारकेबीसहजारकेकरीबपौधेतैयारकिए।उससेबहुतफायदाहुआ।तबसेपौधेकीबिक्रीभीकरनेलगे।खेती-बागवानीमेंमेरादिलरमताहै।मैंनेअपनेबच्चोंकोभीएग्रीकल्चरमेंस्नातककरायाहै,ताकिवेकृषिक्षेत्रसेजुड़करकार्यकरसकें।मैंकिसानोंसेयहीअपीलकरूंगीकिवेरसायनोंकाप्रयोगबंदकर,जैविकखेतीकोअपनाएं।पानीकेसंकटकोदेखतेहुएड्रिपइरीगेशनअपनानेसेफायदाहोगा।इसीप्रकार,अपनेफसलोंकोखुदबाजारतकलेजानेसेआर्थिकउन्नतिकेसाथ-साथसंतुष्टिभीमिलेगी।
महिलाकिसानोंकेसशक्तीकरणपरजोर:पेप्सिकोइंडियाकीएग्रोनिदेशकप्रतापबोसनेबतायाकिहमदेशके14राज्योंमेंकरीब27हजारसेअधिककिसानोंकेसाथकामकररहेहैं।कॉलैबोरेटिवफार्मिंग,डायरेक्टसीडिंग,ड्रिपइरिगेशन,सस्टेनेबलफार्मिंगजैसेकार्यक्रमोंकेजरियेहमकिसानोंऔरविशेषकरमहिलाकिसानोंकेआर्थिकसशक्तीकरणकेलिएप्रयासरतहैं।
पश्चिमबंगालमेंयूएसएआइडीकेसाथमिलकरहमनेमहिलाकिसानोंकोप्रशिक्षितकरनेसेलेकरउन्हेंवैकल्पिकखेती,वित्तीयप्रबंधनआदिकेबारेमेंजागरूककियाहै।कंपनीलैंडेसाजैसेस्थानीयपार्टनर्सकेसाथकिसानोंकोस्वतंत्ररूपसेखेतीकरनेकेलिएप्रेरितकररहेहैं।आनेवालेसमयमेंमहाराष्ट्रमेंभीइसतरहकेअभियानशुरूकरनेकीयोजनाहै।