वट से बांधें सांसों की डोर : वाराणसी में वट वृक्ष की फैले छाया, दूर हो कोरोना संक्रमण की महामारी

वाराणसी,जेएनएन।जलवायुपरिवर्तनसेजूझतीदुनियाकेलिएवृक्षोंकासंरक्षणऔरभीअहमहोजाताहै।इसमेंभीवटयाबरगदजैसेपेड़हमारेजीवनकेलिएअमूल्यहैं।हिंदूधर्ममेंवटवृक्षकीबहुतमहत्ताहै।वटकोशिवसमानमानाजाताहै।यहपर्यावरणकीदृष्टिसेभीमहत्वपूर्णहै।सर्वाधिकआक्सीजनदेनेवालेपेड़ोंमेंतोशामिलयहहैही,इसकीजड़ेंमिटटीकोपकड़कररखतीहैऔरपत्तियांहवाकोशुद्धकरतीहैं।दैनिकजागरणसमाजकेप्रबुद्धजनोंविशेषकरमहिलाओंकोसाथलेकरचाहताहैकिऐसेपौधेबहुतायतसेलगाएजाएंजोप्राणवायुदेतेहैं।लोगोंसेहमआह्वानकरतेहैंकिअपनेआसपाससुविधाअनुसारबरगदकाएकपौधारोपनेकीचेष्टाकरें।

भारतीयसनातनपरंपरामेंसौभाग्यवतीस्त्रियांवटसावित्रीव्रतकरअखंडसौभाग्यकीकामनाकरतीहैं।10जूनकोयहपर्वमनायाजाएगा।इसलिएइसदिनआइए,वटसेहमअपनीसांसोंकीडोरबांधें।इनकीसुरक्षाऔरइन्हेंलगानेकेलिएहमेअतिरिक्तप्रयासकरनेचाहिए।कईशोधोंनेइसबातकीतस्दीककीहैकिबरगदकापूजनसेज़ुड़ाहोनाइसकेविशिष्टलाभोंकेकारणहै।आयुर्वेद,यूनानी,सिद्धाऔरहोम्योपैथीमेंइसकाकाफीउपयोगकियाजाताहै।इसकीपत्तियांअल्सरकेलिएअच्छीहोतीहैंतोआकाशीयजड़ेंसुजाकमें,जबकिबीजऔरफलठंडेऔरटॉनिककेरूपमेंकामआतेहैं।इसकीजड़ेंउल्टीकोरोकनेमेंप्रयोगकीजातीहै।साथहीइसकीछालकाउपयोगपेचिशमेंउपयोगहोताहै।

अक्षयकामनाओंकाप्रदाताहैवटवृक्ष

अक्षयकामनाओंकोदेनेवालावटवृक्ष,अक्षयवटकेनामसेजानाजाताहै।सनातनधर्ममेंवटसावित्रीव्रतसत्यसावित्रीकीकथासेहमसभीसनातनीसुपरिचितहैं।तोवहींजिसप्रकारब्रह्मा,विष्णु,महेशत्रिदेवहैं।उसीप्रकारवृक्षोंमेंबर,पीपलऔरनीमहै।वटवृक्षसर्वोपरिऑक्सीजनदेनेवालेवृक्षोंकीश्रृंखलामेंआतेहैं।आयुर्वेदमेंइसेबलवर्धकवृक्षकेरूपमेंमान्यताहै।श्रीहरिकीतरहसंपूर्णपालनहारहैंउसीप्रकारजीवजगतकापालनहारवटवृक्षहै।यहवृक्षप्रकृतिकेसाथजीवपोषकवृक्षहै।पंचवटीमेंभीइसकीगणनाकीजातीहै।

-पं.ऋषिद्विवेदी,ख्यातज्योतिषाचार्य

आयुर्वेदहीनहींंहोम्योपैथमेंभीहैउपयोगी

बरगदकावृक्षभरपूरप्राण-संजीवनीआक्सीजनउपलब्धकरानेकेसाथहीपारिस्थितिकितंत्रकाएकमजबूतआधारस्तंभहै।बरगदविशेषतःरातमेंप्रचुरमात्रामेंआक्सीजनकाउत्सर्जनकरताहै।चिकित्साशास्त्रमेंभीवटवृक्षकेकईऔषधीयगुणोंकीचर्चाकीगईहै।होम्योपैथीमेंभीइसकेअवययोंसेबनीहुईदवाकाउपयोगकियाजाताहै।आइए,हमसभीसंकल्पलेंकिहमअपनेपर्यावरणकीरक्षाकरेंगे।वटकेपौधोंकोअपनेआसपासलगाएंगे।समय-सपरउनकीसेवा-सुसुश्राकरेंगेजिससेवोपल्लवित,पुष्पितहों।अपनेबच्चोंकेजन्मदिन,परिवारिजनोंकेजन्मदिन,वैवाहिकवर्षगांठ,श्राद्ध,वैवाहिकअनुष्ठानकेदिनपौधरोपणकरनेकीपरंपराकोपोषितकरनेकीनितांतआवश्यकताहै।

-डा.अनिलकुमारगुप्ता,होम्योपैथिकचिकित्साधिकारी,राजकीयजिलाहोम्योपैथिकचिकित्सालय,भेलूपुर,वाराणसी।

इन्होंनेलिएसंकल्प

मैंअपनेविद्यालयमेंतथागांवमेंखेतमेंवटकापौधालगाऊंगी

सोमवतीअमावस्याकेदिनवटवृक्षकापूजन-अर्चनपर्यावरणसंरक्षणकाहीछिपाभावहै।कोविडमहामारीकायहकालहमारीपरंपराओंकापुनर्जागरणकालहै।हमअपनीपरंपराओंकाजितनापालनकरसकतेहैं,करनाचाहिए।मैंअपनेविद्यालयमेंतथागांवमेंखेतमेंवटकापौधालगाऊंगी।अपनेघरकेसामनेवालेपार्कमेंभीमुहल्लेकीमहिलाओंसेबातकरपूर्वकेदिनवटकापौधारोपणकियाजाएगा।

-डॉ.आनंदप्रभासिंह,प्रधानाचार्य,निवेदिताशिक्षासदनबालिकाइंटरकालेज,वाराणसी।

महामारीकेदौरमेंवटकेपौधेलगानाहमसबकाकर्तव्यहोनाचाहिए

वटवृक्षजीवनदातापौधोंमेंशामिलहै।आंगनमेंतुलसी,दरवाजेपरनीम,गांवकेबाहरपीपलऔरबरगदलगानाहमारीपरंपराकाहिस्साहै।इसकीलताएंवंश-बेलिकाप्रतीकहैं।इसीलिएयहपूज्यहै।महामारीकेदौरमेंवटकेपौधेलगानाहमसबकाकर्तव्यहोनाचाहिए।अपनेघरकेसामनेमहामनापार्कमेंइससोमवतीअमावस्याकोकालोनीकीमहिलाओंकेसाथवटकापौधालगाऊंगी।

-डा.अनीता,महात्मागांधीकाशीविद्यापीठ,संस्कृतविभाग,वाराणसी।

वटवृक्षहमारेजीवनवसंस्कृतिकाअभिन्नहिस्सारहाहै

वटवृक्षहमारेजीवनवसंस्कृतिकाअभिन्नहिस्सारहाहै।सर्वाधिकआक्सीजनदेनेवालायहपौधाप्राणदाताकहलायातभीतोवटसावित्रीपूजनकीपरंपरानिकली।इसलिएवटवृक्षकोपतिकीदीर्घायुकेलिएपूजनाइसव्रतकाअंगबना।अनेकव्रतवत्यौहारोंमेंवटवृक्षकीपूजाकीजातीहै।मैंनेसंकल्पलियाहैकिइसकीमहत्ताकोदेखतेहुएसोमवतीअमावस्याकोवटकाएकपौधारोपितकरूंगी।

-डा.अनामिका,आर्यमहिलापीजीकालेज,वाराणसी।

भारतीयसंस्कृतिमेंवृक्षऔरपर्यावरणकोहमेशामहत्वदियागया

भारतीयसंस्कृतिमेंवृक्षऔरपर्यावरणकोहमेशामहत्वदियागया।सभीधर्मोंमेंवृक्षकीमहत्ताबताईगईहै।वटवृक्षभारतकाराष्ट्रीयवृक्षहोनेकेसाथसनातनधर्मऔरवैज्ञानिकदृष्टिकोणसेभीमहत्वपूर्णहै।पर्यावरणसंतुलनकेलिएनकेवलपेड़-पौधोंकोरोपनाहोगा,बल्किउनकीदेखभालकाभीसंकल्पलेनाहोगा।

-नफीसइरम,प्रिंसिपल-रायलएकेडमीबजरडीहा।

शहरीवातावरणकेसंतुलनमेंवटवृक्षकीअहमभूमिका

बरगदकेपत्तोंमेंप्रकाशसंश्लेषणऔरऑक्सीजनउत्सर्जनभीअत्यधिककरताहै।हमज्यादातरउनवृक्षोंकीओरआकर्षितहोतेहैंजोफलदेतेहैं।मगरऑक्सीजनकेआधारपरहमनहींसोचपाते।अबघनेबसेशहरोंमेंबरगदऔरपीपलकेपेड़ोंकोसबसेपहलेनिशानाबनायाजाताहैजबकिशहरीवातावरणकोसंतुलितबनानेमेंयहसबसेअहमभूमिकानिभातेहैं।प्रदूषणकोसोखकरशुद्धआक्सीजनदेकरपयार्वरणकोशुद्धताप्रदानकरतेहैं।

-डॉ.कृपाराम,पर्यावरणविज्ञानी,इंस्टीट्यूटऑफएनवायरमेंटएंडसस्टनेबलडेवलपमेंट,बीएचयू।