विदेश में रहकर भी नहीं भूले गांव की मिट्टी का कर्ज

वरुणयादवगोंडा:हरकिसीकीइच्छाबड़ानामकमानेकीहोतीहै।कोईनौकरीकरताहैतोकोईव्यवसाय।जबकामयाबीकीऊंचाईछूनेकाअवसरमिलजाताहैतोबहुतकमलोगहैंजोगांवकीमिट्टीकाकर्जयादरखतेहैं।आइए,आपकोएकऐसेप्रवासीसेरुबरुकरातेहैंजोखुदसातसमंदरपाररहकरभीगांवकीमिट्टीकाकर्जनहींभूला।अमेरिकाकेन्यूजर्सीमेंरहनेवालेगोंडाकेडॉ.दीपेनसिन्हानेरोजगारकेलिएनसिर्फगांवमेंविद्युतपोलकीफैक्ट्रीलगवाईबल्कि,बुनियादीसुविधाओंकेभीइंतजामकिए।कोरोनाकालमेंउन्होंनेदूसरेप्रांतमेंफंसेगांवकेलोगोंकीमददकरकेउन्हेंघरपहुंचाया।वहहरदूसरे-तीसरेमाहगांवआतेहैं।

पढ़नेगएथेअमेरिका,बनालीकंपनी

-वजीरगंजकेनौबस्तामेंरहनेवालेरामेश्वरनाथसिन्हाकेतीनसंतानोंमेंएकबेटावदोबेटियांहैं।बेटेडॉ.दीपेनसिन्हा,बेटियांडॉ.आरतीसिन्हावडॉ.आनंदितारजतनेगांवमेंहीपढ़ाईकिया।इंटरमीडियटकीपढ़ाईकेबाददीपेनसिन्हाने1987मेंआइआइटीखड़कपुरसेबीटेककिया।इसकेबादएमटेककरनेकेलिएवेललैप्सयूनिवर्सिटीअमेरिकाचलेगए।तभीसेवहअमेरिकामेंहैं।यहींपीएचडीकरनेकेबाद1991मेंदीपेनसिन्हाकोनौकरीमिलगई।सॉफ्टवेयरसेजुड़ी20वस्तुओंकानवप्रवर्तनकरनेपरपेटेंटभीमिला।2008मेंउन्होंनेखुदकीएटीसीनामककंपनीखोलली।येकंपनीसॉफ्टवेयरवहार्डवेयरउपकरणबनानेकेसाथरेडियोस्टेशनस्थापनाकोलेकरभीसामग्रीतैयारकरतीहै।दीपेनबतातेहैंकि2010मेंपिताकीतबियतखराबहोगई।जांचमेंब्रेनट्यूमरहोनेकीजानकारीमिली।9नवंबर2011कोपिताकानिधनहोगया।

100लोगोंकेमिलरहानियमितरोजगार

-प्रधानडॉ.आनंदितारजतकेमुताबिकपिताकेनिधनकेबादडॉ.दीपेनसिन्हानेआरएनसिन्हाफाउंडेशनबनायाऔरदूसरे-तीसरेमाहगांवआनेलगे।गांवमेंगरीबीकोबेरोजगारीकोदेखकरउन्हेंगांवकेनामसेहीविद्युतपोलबनानेकीफैक्ट्रीलगाई।इसकेअलावाएलईडीबनानेकाकार्यशुरूकरायागयाहै।करीब100लोगोंकोनियमितरोजगारमिलरहाहै।फैक्ट्रीमेंरहनेवालेरिजवानअलीकाकहनाहैकिगांवमेंहीकामअबआसानीसेमिलजाताहै।लोहनडीहकेजनमेजयशुक्लकाकहनाहैकिदसहजारकीनौकरीगांवमेंकहांमिलेगी,यहांतोजबभीजरूरतपड़ेपैसामिलजाताहै।धुसवाकेराकेशगोस्वामीहोंयाफिरराजेशश्रीवास्तवहरकोईगांवमेंहीकामपाकरखुशहै।