उत्तरायणी सिर्फ पकवान खाने-खिलाने का त्योहार ही नहीं, सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का है पर्व

हल्द्वानी,गणेशपांडे।सूर्यकेमकरराशिमेंप्रवेशकीक्रियामकरसंक्रांतिकुमाऊंमेंउत्तरायणीवगढ़वालमंडलमेंमकरैणीनामसेजानीजातीहै।सौरचक्रमेंसूर्यदक्षिणायनसेउत्तरायणकीओरचलताहै,इसलिएइसेउत्तरायणीकहाजाताहै।लोकजनमानसकेलिएउत्तरायणीऋतुत्योहारहै,जोखुदमेंनदियोंकेसंरक्षणकासंदेशसमेटेहुएहै।कुमाऊंमेंसरयूनदीपारयानीबागेश्वरवपिथौरागढ़जिलेकेलोगउत्तरायणीसेपहलीशामआटा-गुड़मिलाकरघुघतेबनातेहैं।उत्तरायणीकीसुबहघुघुतेकौओकोखिलाएजातेहैं।चम्पावत,अल्मोड़ावनैनीतालजिलेमेंउत्तरायणीकीशामघुघुतेबनाएजातेहैं।गुड़मिश्रितआटेकेखिलौने,तलवार,डमरूआदिकेसाथघुघुतोंकोफूलऔरफलोंकीमालामेंपिरोकरबच्चेगलेमेंडालकरकौओंकोआमंत्रितकरतेहैं-कालेकौआकाले,घुघुतीमालाखाले।लेकौआबड़,मैंकेदिजासुनौंकघोड़।लेकौआढाल,मैंकेदिजासुनकथाल।लेकौआपुरी,मैंकेदिजासुनाकिछुरी।लेकौआतलवार,मैंकेदेठुलोघरबार।पौराणिककथाओंमेंमिलतेहैंप्रसंगउत्तरायणीकेसंदर्भमेंकईपौराणिककथाप्रचलितहैं।लेखकचारुतिवारीकेमुताबिकएककहानीचंदराजाओंकेसमयकीहै।कहाजाताहैकिराजाकल्याणचंदकेपुत्रनिर्भयचंदकाअपहरणराजाकेमंत्रीनेकरलियाथा।निर्भयकोलाड़-प्यारसेघुघुतिकहाजाताथा।मंत्रीनेजहांराजकुमारकोछुपायाथाउसकाभेदएककौअेनेकांव-कांवकरबतादिया।इससेखुशहोकरराजानेकौओंकोमीठाखिलानेकीपरंपराशुरूकी।दूसरीकथाकेमुताबिकपुरातनकालमेंकुमाऊंमेंकोईराजाथा।उसेज्योतिषियोंनेबतायाकिउसपरमारकग्रहदशाहै।यदिवहमकरसंक्रांतिकेदिनबच्चोंकेहाथसेकौओंकोघुघुतों(फाख्तापक्षी)काभोजनकराएतोउसकेइसग्रहयोगकेप्रभावकानिराकरणहोजाएगा।कहतेहैंराजाअहिंसावादीथा।उसनेआटेकेप्रतीात्मकघुघुतेतलवाकरबच्चोंकेहाथोंकौओंकोखिलाए।तबसेयहपरंपराचलपड़ी।इसतरहकीअन्यकथाएंभीमिलतीहैं।स्वतंत्रताआंदोलनमेंजगाईथीचेतनाउत्तरायणीसांस्कृतिकउत्सवहीनहीं,लोकचेतनाऔरसंकल्पोंकोमजबूतकरनेवालात्योहारहै।उत्तरायणीनेस्वतंत्रताआंदोलनकेसमयजनचेतनाकीअलखजगाईथी।संस्कृतिकर्मीवलेखकचारुतिवारीकेमुताबिक1916मेंजबकुमाऊंपरिषदबनीतोआजादीकेआंदोलनमेंएकनईऊर्जाकासंचारहुआ।बड़ीसंख्यामेंलोगकुमाऊंपरिषदसेजुडऩेलगे।अंग्रेजीशासनमेंकुलीबेगारकीप्रथाबहुतकष्टकारीथी।अंग्रेजजहांसेगुजरतेकिसीभीपहाड़ीकोअपनाकुलीबनालेते।उसकेएवजमेंउसेपगारभीनहींदीजाती।अंग्रेजोंनेइसेेस्थानीयजनताकेमानसिकऔरशारीरिकशोषणकाहथियारबनालियाथा।प्रतिकारकीआवाजेंउठनेलगीथी।सरयूमेंबहादिएथेकुलीरजिस्टरकुमाऊंकेसरीबद्रीदत्तपांडेकेनेतृत्वमें14जनवरी,1921कोउत्तरायणीमेलेमेंएकत्रजनमानसनेसरयू-गोमतीकाजलअंजलीमेंलेकरकुलीबेगारनहींदेनेकासंकल्पलेलियाथा।कमिश्नरडायबिलबड़ीफौजकेसाथवहांपहुंचाथा।वहआंदोलनकारियोंपरगोलीचलानाचाहताथा,लेकिनजबउसेअंदाजाहुआकिअधिकतरथोकदारऔरमालगुजारआंदोलनकारियोंकेप्रभावमेंहैंतोवहचेतावनीतकनहींदेपाया।इसप्रकारएकबड़ाआंदोलनअंग्रेजोंकेखिलाफखड़ाहोगया।हजारोंलोगोंनेकुलीरजिस्टरसरयूमेंबहादिए।इसआंदोलनकेसूत्रधारोंमेंबद्रीदत्तपांडे,हरगोविंदपंत,मोहनमेहता,चिरंजीलाल,विक्टरमोहनजोशीआदिप्रमुखथे।