जमुई।इसइलाकेमेंगांधीविचारकवग्रामभारतीसहसर्वोदयआश्रमसिमुलतलाकेसंस्थापकस्व.शिवानंदभाईकोहरकोईजानताहै।उन्होंनेजीतेजीजलएवंपर्यावरणसंरक्षणकेकईऐसेकामकियाजोआजभीअमिटछापबनकरक्षेत्रकेलोगोंकोलाभान्वितकररहाहै।
स्व.शिवानंदभाईप्राकृतिकजलस्रोतएवंबरसातकेपानीकाठहरावकेलिएझाझा,सोनोएवंचकाईप्रखंडमेंअथकप्रयासकिया।जलसंरक्षणएवंपर्यावरणरक्षाकेलिएउन्होंने580आहार,तालाबएवं1860कूपोंकीखोदाईकेसाथ48उदवहकानिर्माणकिया।1256एकड़परतीभूमिकोकृषियोग्यभूमिकेलिएबनाया।उन्होंनेपानीकेक्षरणकोरोकनेकेलिएसाथहीजमीनमेंपानीकीनमीबनीरहेइसकेलिएगांव-गांवघूमकरग्रामीणोंकोजागरूककिया।उन्होंनेग्रामीणोंकोबतायाकीवर्षाकापानी,पहाड़सेनीचेगिरकरबर्बादहोनेवालापानी,घरकेकाममेंउपयोगहोनेवालापानीकोकैसेरोकाजाए।इसकेलिएउन्होंनेसुदूरवर्तीक्षेत्रोंमेंभीविशेषअभियानचलायाजिसकासकारात्मकप्रभावसामनेआए।हजारोंफलदारपेड़,ईमारतीलकड़ीकेपौधेकानवरोपणकिया।उनकेकठिनतपस्याकाफलहैकिक्षेत्रकेकिसानोंमेंकृषिकेप्रतिविशेषझुकावहुआ।
इनकीकृतियांआजभीधरातलमेंवास्तविकताकोबयांकररहीहैजिसमेंमुख्यरूपसेसिमुलतलास्थितपौधशाला,अमररायडीहकेदधिचीआश्रम,लीलावरणधीरेंद्रग्राम,सर्वोदयआश्रमघोरमो,चकाई,गिरीजनसेवाश्रमगोविदपुरचकाई,वनवासीसेवाश्रमगगनपुरचकाई,सर्वोदयआश्रमसोनो,सर्वोदयआश्रमबोड़वाझाझाहै।आजउनकापुत्रविमलेशअपनेपिताकेबताएपदचिन्होंपरचलकरइसबरसातसुदूरवर्तीग्रामीणक्षेत्रोंमेंकामकररहाहै।गपानीबहावकोरोकनेकेलिएसोखताबनानेकेप्रतिलोगोंकोजागरूककररहाहै।क्योंकिआनेवालेसमयमेंप्राकृतिकसंसाधनसेप्राप्तजलकोसंरक्षितरखनेमेंसफलहोगा।पिताकीमौतकेबादग्रामभारतीसहसर्वोदयआश्रमसिमुलतलाकेसंचालककुमारविमलेशजलसंरक्षणकरनेकेप्रेरितकररहाहै।