मुजफ्फरनगर,जेएनएन।महाभारतकालीनपौराणिकतीर्थनगरीशुकतीर्थमेंजीवनदायिनीगंगामैयाकीधारासूखरहीहै।गंगाघाटसुनसानहोगएहैं।जलकाबहावकमहोनेसेश्रद्धालुसमेतजलीयजीव-जंतुपरेशानीमेंहैं।कभीगंगाकीमुख्यधाराइसपौराणिकक्षेत्रसेकल-कलबहतीथी।हरसालदेशभरसेश्रद्धालुगंगामेंस्नानकरनेआतेहैं।आलमयहहैकिअबगंगामेंनौकाविहारबंदहोगयाहै।घाटपरगंदगीऔरसूखतीगंगाकोदेखश्रद्धालुबगैरगंगास्नानकेलौटरहेहैं।
पश्चिमीउत्तरप्रदेशमेंशुकतीर्थऐसापौराणिकऔरअलौकिकस्थानहै,जहांपांडवअभिमन्युकेपुत्रतथाअर्जुनकेपौत्रधर्मचक्रवर्तीसम्राटराजापरीक्षितकोभगवानवेदव्यासकेसुपुत्रपरमहंसचूड़ामणिश्रीशुकदेवजीमहाराजनेपांचहजारपांचसौपचपनवर्षपूर्वश्रीमद्भागवतमहापुराणकाज्ञानोपदेशदेकरमोक्षप्रदानकियाथा।भागवतकथाकाप्रथमप्रसारणइसीपवित्रतीर्थस्थलसेहुआथा।शुकतीर्थभागवतकाप्रकाशकहै।पावनशुकतीर्थभागीरथीगंगातथाभागवतज्ञानगंगाकासंगमस्थलहै।यहवहपवित्रतीर्थस्थलहै,जहांपरपांडवोंकोअक्षयपात्रमिलाथा।भारतकेकोने-कोनेसेश्रद्धालुआकरभागवतसप्ताहकथाकाआयोजनकरतेहैं।गंगास्नानकरधर्मलाभप्राप्तकरतेहैं।शुकतीर्थमेंगंगाकिनारेवर्षमेंदोबड़ेगंगास्नानमेलाकाभीआयोजनहोताहै,जिसमेलाखोंश्रद्धालुनगरीमेंतंबूकेडेरेबनाकररहतेहैं।गंगामेंस्नानकरमंदिरोंमेंप्रसादचढ़ाकरधर्मलाभउठातेहैं,लेकिनवर्तमानमेंतीर्थनगरीमेंबाणगंगाकीमुख्यधारासेकल-कलकीध्वनिसुनाईनहींदेती।पानीसेलबालबरहनेवालेघाटप्यासेहैं।जलकीधारासूखनेसेगंगामेंनौकाविहारबंदहोगयाहै।घाटपरगंदगीकेढेरलगगएहैं।जलकुंभीसमेतगंदगीदेखश्रद्धालुबगैरगंगास्नानकेलौटरहेहैं।इससेगंगाघाटपररहनेवालेपंडित,पुजारीऔरप्रसादविक्रेताभीपरेशानीमेंहैं।
वीरोंकीगाथाकागवाहहैस्मारक
कारगिलयुद्धमेंदेशकेवीरोंनेअदम्यसाहसदिखायाथा।पाकिस्तानकेसाथइसयुद्धमेंवीरोंनेअपनाबलिदानदिया।इनबलिदानियोंकीयादमेंगंगाघाटपरस्मारकबनायागयाहै,जिसमेंसभीबलिदानियोंकानामवपताअंकितहै।वहींगंगाघाटपरकारगिलयुद्धमेंप्रयोगहुआटैंकरखाहुआहै,जोयुवाओंमेंदेशभक्तिकाजज्बाजगाताहै।हरसालबलिदानियोंकीयादमेंगंगाघाटपरकार्यक्रमहोताहै।गंगाकिनारेप्रकृतिकीअनोखीछटा
गंगाकिनारेबनीनक्षत्रवाटिकाआकर्षणकाकेंद्रहै।वाटिकामेंनौग्रहकेपौधेहैं।प्रकृतिकीअनोखीछटादूरतकबिखरीहै।फल-फूलकेपौधोंकेसाथहीबच्चोंकेलिएझूलेहैं।जानवरोंकीमनमोहिनीविशालप्रतिमाएंवाटिकाकीशोभाबढ़ातीहैं।