सहरसा।केदलीपंचायतअंतर्गतछतवन,रामपुर,असई,पहाड़पुरगांवकोसीनदीकीबाढ़औरकटावसेकईवर्षोंसेप्रभावितहोरहाहै।इसबारकोसीनदीकीमुख्यधारापहाड़पुरगांवकोअपनेआगोशमेंलेकरविलीनकरनेमेंलगीहै।गांवकेलोगोंकोभागकरइधर-उधरशरणलेनीपड़रहीहै।जिनलोगोंकाघरपुनर्वासस्थलमेंथा,उन्हेंतोथोड़ीराहतहै,बाकीलोगऊंचेस्थानोंपरयारिश्तेदारोंकेयहांशरणलिएहुएहैं।
गांवकेउपेन्द्रशर्मा,सत्यनारायणशर्माकापूराखेतनदीकीधारामेंबहगयाहै।वोअबसत्तरकटैयाकेबिजलपुरमेंअपनेरिश्तेदारकेयहांरहरहेहैं।जहांउनकाघरवखेतथा,वहांअबनदीबहरहीहै।रामपुरकेसौखीमंडल,उपेंद्रमंडल,ओपीमंडलसमेतकईलोगसुपौलजिलेकेपरसरमाकेसमीपसोनकमेंशरणलियेहुएहैं।इनलोगोंनेबतायाकियहांउनकेकुछरिश्तेदारहैंघरभीबहागांवऔरसमाजसबकुछछूटगया।
हरसालकीहैयहकहानी
पूर्वीऔरपश्चिमीतटबंधकेअंदरस्थित300सेअधिकगांवोंकीहरसालकीयहीकहानीहै।हरवर्षकोसीनदीकेकटानऔरबाढ़सेविस्थापितहोतेरहतेहैं।नदीविशेषज्ञदिनेशकुमारमिश्रनेअपनीकिताबदुईपाटनकेबीचमेंलिखाहैकिकोसीतटबंधोंकेबीच380गांवहैं।जोचारजिलोंके13प्रखंडोंपरफैलेहुएहैंऔरउनकीआबादी2001कीजनगणनाकेअनुसार9.88लाखहै।तटबंधबननेसेयहगांवदोपाटोंकेबीचफंसाहै।