परमात्माशिवकोअनेकनामोंसेजानाजाताहै।उनकेजितनेभीनामहैं,वहसभीउनकेस्वरूपकापरिचयदेतेहैं।जैसेअमरनाथ,सोमनाथ,विश्वेश्वर,पशुपतिनाथ,केदारनाथ,महाकालेश्वर।यहसभीनामगुणवाचक,कर्तव्यवाचकऔरपरिचयवाचकहैं।यहसभीनामउनकीशक्ति,उत्तमताऔरउच्चकर्तव्योंकोबतानेवालेहैं।अमरनाथकाअर्थहैकिशिवनेकलयुगकेमनुष्योंकोअमरपुरीअर्थातस्वर्गकामालिकबनायाथा।सोमनाथकाअर्थहैपरमात्माशिवनेकलयुगमेमनुष्योंकोअज्ञाननींदसेजगानेकेलियेसोमरसपिलायाथा।परमात्माशिवबंधनसेमुक्तहैं।वेआत्माओंकोमायारूपीविकारोंसेमुक्तकरतेहैं।इसलिएउनकापूजनहोताहै।वेत्रिमूर्तिहैं,क्योंकिवेब्रह्मा,विष्णुवशंकरकेभीरचयिताहैं।मंदिरोंमेजबहमजातेहैंतोदेखतेहैकिमूर्तियोंमेंसभीदेवताओंकीपूजाहोतीहै,¨कतु¨लगया¨बदुरूपमेंनहीं।शिवकास्मरण¨चहया¨बदुजैसेआकारवालाहोताहै।इससेस्पष्टहोताहैकिअन्यसभीदेवी,देवताशरीरधारीहैं,परंतुशिवसबसेअलगहैं।शिवकीमहाकालेश्वरकेरूपमेंभीपूजाहोतीहैं,क्योंकिवहकालोंकाकालहैअर्थातजिसेकभीमृत्युनआएवोजोकभीकालकेवशमेंनाहो।