शौचालय तो तीन वर्ष पहले ही बनवा लिए सर, पैसे के लिए तब से लगा रहे हैं चक्‍कर, कोई सुनता ही नहीं

संवादसूत्र,चैनपुर(कैमूर)।प्रखंडक्षेत्रकेग्रामपंचायतनंदगांवकेग्रामगांगुडीहनिवासीरामजीरामतीनवर्षसेअधिकसमयसेप्रखंडकार्यालयकाचक्करलगारहेहैं।वेशौचालयनिर्माणकेबादमिलनेवालीप्रोत्साहनराशिदेनेकीगुहारलगारहेहैं।लेकिनइतनेदिनोंमेंभीउन्‍हेंपैसेनहींमिलेहैं।वेकार्यालयकाचक्‍करलगाकरथकगएहैं।इसकेपीछेकार्यालयकर्मीकीगलतीसामनेआरहीहै।

कर्जलेकरकरायाथाशौचालयनिर्माण

नंदगांवपंचायतकेगांगूडीहनिवासीरामजीरामनेबतायाकिकर्जलेकरअपनेघरमेंशौचालयकानिर्माणकरवायाथा।कहागयाकिप्रोत्‍साहनराशिकेरूपमें12हजाररुपयेदिएजाएंगे।इसकोलेकरप्रखंडकेस्वच्छताकार्यालयमेंजरूरीकागजातभीजमाकरदिया।लेकिनलंबासमयबीतगया।पैसेनहींआए।तबप्रखंडकार्यालयपहुंचे।वहांपताचलाकिपैसेउनकीजगहदूसरेकेखातेमेंभेजदिएगएहैं।जिसव्यक्तिकेखातेमेंराशिगईहैउससेइसकीरिकवरीकीजाएगीतबउन्‍हेंभुगतानकियाजाएगा।लेकिनऐसाहुआनहीं।उसकेबादसेवेलगातारकार्यालयकाचक्‍करलगारहेहैं।अबतोदेखतेहीदेखतेतीनवर्षबीतगएहैं।रामजीरामकाकहनाहैकिजिनसेकर्जलियाथावेबार-बारपैसेकातगादाकरतेहैं।इसकारणजीनामुहालहोगयाहै।

दोनामकेएकहीव्‍यक्तिबसपिताकेनाममेंअंतर

जबइससंबंधमेंब्लॉककोऑर्डिनेटरभगवानउपाध्यायसेबातकीतोउन्‍होंनेबतायाकिउसगांवमेंरामजीरामनामकेदोव्‍यक्तिहैं।सिर्फपिताकेनाममेंअंतरहै।मामलातीनवर्षपहलेकाहै।उससमयजियोटैगिंगनहींकीजातीथी।सिर्फस्थलनिरीक्षणकरकेपैसेकाभुगतानकियाजाताथा।उसआधारपरबैंकखातेमेंप्रोत्साहनराशिडालनेकेदौरानयहगलतीहुई।इसकीरिकवरीकेलिएचारमाहपहलेचैनपुरथानेमेंआवेदनदियागयाथा।जिसव्‍यक्तिकेखातेमेंपैसेगएउसेबुलाकरपूछताछकीगईतोउसनेकहाकिपैसेखर्चहोगए।उसनेकुछसमयमांगाथा।लेकिनअबतकभुगताननहींकियाहै।दोबारासेउसव्यक्तिसेसंपर्ककरकेरिकवरीकीजाएगी।