ऋण के लिए चक्कर काट रहे दिव्यांग, नहीं मिल रही मदद

समस्तीपुर।वैसेतोदिव्यांगजनोंकोआत्मनिर्भरबनानेकेलिएसरकारकेद्वाराकईयोजनाएंसंचालितकीजाहीहै।लेकिनधरातलपरइसकाप्रभावशून्यहीदिखरहाहै।दिव्यांगदिवसपरजिलामुख्यालयअधिकारियोंकेपासफरियादलेकरपहुंचेमोरवाप्रखंडकेचकभेलूनिवासी35वर्षीयदिव्यांगपरमानंदबतातेहैंकिपिछलेएकवर्षसेऋणकेलिएअधिकारियोंकेचक्करलगारहेहैं।बतायाकिउनकीपत्नीभीदिव्यांगहैं।वहमैट्रिकपासहैंऔरबच्चोंकोटयूशनपढ़ाकरपरिवारकाभरणपोषणकरतेहैं।सरकारकीओरसे400रुपयेआर्थिकसहायतामिलतीहै।लेकिनइससेपरिवारकाभरणपोषणकरनामुश्किलहै।वहींदूसरीओरजिलामुख्यालयमेंकंधोंपरबोझउठाकरलेमनटीबेचरहेबेगूसरायजिलाके40वर्षीयदिव्यांगमो.अजहरबतातेहैंकिकाफीतलातुममेंजिदगीगुजररहीहै।बाएंहाथऔरएकआंखसेदिव्यांगहैं,उपरसेपरिवारकाबोझऔरतंगहाली।पिछलेआठसालसेसमस्तीपुरमुख्यालयकेआसपासलेमनटीबेचकरकिसीतरहपरिवारकाभरणपोषणकररहेहैं।घरमेंपत्नीऔरदोबच्चेभीहैं।किसीतरहबच्चोंकीपढ़ाईलिखाईऔरपरिवारकाखर्चमुश्किलसेनिकलपाताहै।सरकारकीओर400रुपयेआर्थिकमददमिलरहीहै,परइतनेसेतोघरकाआटादालकाखर्चभीनहींपाता।बतायाकिरोजगारकेलिएऋणलेनेकीइच्छाहै,कितुब्याजकेडरसेऋणलेनेहिम्मतनहींजुटापाते।उजियारपुरप्रखंडकेविशनपुरसमथूनिवासीअंजनीझाकीदिव्यांगपत्नीकुमकुमबतातीहैकिकुछदिनोंतकसरकारकीओरसेसहायताराशिमिली,लेकिनउसेभीबंदकरदियागया।अबप्रखंडकार्यालयकाचक्करलगालगाकरपरेशानहैं।बतादेंकिसरकारकीओरसेदिव्यांगजनोंकेबौद्धिकऔरशारीरिकक्षमताकेविकासकेलिएसरकारऔरगैरसरकारीसंस्थानोंकेमाध्यमसेआत्मनिर्भरबनानेकेलिएकईयोजनाएंसंचालितकीजारहीहै।लेकिनशासनकेसुस्तरवैयेसेदिव्यांगजनोंकोइसकालाभनहींपाताहै।