सुभाषशर्मा,उदयपुर।बहनोंकेलिएरक्षाबंधनकापर्वबेहदमहत्वपूर्णहै।इसदिनसभीबहनेंअपनेभाइयोंकोराखीबांधतीहैं।किन्तुउदयपुरसंभागकेराजसमंदजिलेकापिपलांत्रीगांवकीकहानीहीबेहदअजूबीहै।पर्यावरणकीरक्षाकेलिएयहांकीमहिलाएंपिछलेडेढ़दशकसेपेड़ोंकोराखीबांधतीहैं।यहीनहींयहांजिसपरिवारमेंबेटीपैदाहोतीहै,वहपरिवार111पौधेलगाताहै।
राजसमंदजिलेकीपहचानबनीनिर्मलग्रामपंचायतमेंअबगांवकीबेटियांहीनहीं,शहरोंसेभीपेड़ोंकोराखीबांधनेबहनेंपहुंचतीहैं।रक्षाबंधनपर्वपरइसअनूठेआयोजनकोदेखनेकेलिएदूर-दूरसेलोगपहुंचनेलगेहैं।
बेटीकेजन्मपरलगातेहैं111पेड़
पिपलांत्रीगांवमेंरक्षाबंधनपरपेड़ोंकोराखीबांधनेकेसाथएकऔरखासबातजुड़ीहै।लगभगढाईहजारकीआबादीवालेइसगांवमेंबेटीकेजन्मपरपरिवारकेलोग111पौधेलगातेहैं।यहपरम्पराडेढ़दशकसेचलीआरहीहै।पर्यावरणरक्षाकीअनोखीमिसालकीशुरूआतयहांकेतत्कालीनसरपंचश्यामसुंदरपालीवालनेकीथी।बेटीकीमौतसेटूटेपालीवालनेउसकीयादमेंइसकीशुरूआतकीऔरइससेअबपूरागांवहीनहीं,बल्किआसपासकेगांवभीजुड़चुकेहैं।पालीवालबतातेहैंकिपिपलांत्रीबेहदखूबसूरतथालेकिनमार्बलखननक्षेत्रमेंबसेहोनेकेचलतेयहांकीपहाड़ियांखोददीगई।भूजलपातालमेंचलागयाऔरप्रकृतिकेनामपरकुछभीनहींबचा।
पथरीलागांवअबहरियालीमेंबदला
डेढ़दशकपहलेपिपलांत्रीगांवपथरीलाथा।संगमरमरकीखदानोंकेचलतेयहांपेड़पौधोंकीओरध्याननहींदियाजारहाथा।जबसेबेटियोंकीयादमेंयहांपौधेलगानेकीशुरूआतहुई,तबसेयहांकीकिस्मतहीबदलगई।अबयहक्षेत्रहरियालीसेपूरीतरहआच्छादितहोचुकाहै।रक्षाबंधनपरपेड़ोंकीराखीबांधनेकीहीनहीं,बल्किउनकीसुरक्षाकीजिम्मेदारीयहांकीमहिलाएंरखतीहैं।यहांलगाएगएपौधेअबतीसफीटऊंचाईकेहोचुकेहैं।आजपिपलांत्रीगांवकश्मीरकीवादियोंसेकमतरनहीं।
विदेशमेंपढ़ाईजातीहैइसगांवकीकहानी
पिपलांत्रीगांवकीकहानीविदेशोंमेंपढ़ाईजातीहै।डेनमार्कसरकारकेलिएयहगांवकिसीअजूबेसेकमनहींहै।इसगांवकीकहानीडेनमार्ककेस्कूलोंमेंबच्चोंकोपढ़ाईजातीहै।डेनमार्कसेमासमीडियायूनिवर्सिटीकेस्टूडेंट्सयहांस्टडीकरनेआतेहैं।