संवादसूत्र,डोहरखुर्द:प्यासबुझानीहैतोउड़जापंछी..यहांतोतेरेहिस्सेकापानीभीप्लास्टिककीबोतलोंमेंबंदहै।ऐसाहालआजकलशहरोंमेंबनाहुआहै।जहांपहलेजगहजगहप्याऊलगाईजातीथी,लेकिनअबप्याऊदेखनेकोकमहीमिलतीहै।शहरोंमेंपीनेकापानीप्लास्टिककीबोतलोंमेंबंदकरफ्रिजमेंठंडाकरपीनेकीआदतबनतीजारहीहै।वहींगांवोंमेंआजभीमिट्टीकेमटकोंमेंपानीकोठंडाकरप्यासबुझाईजातीहै।मिट्टीकेमटकेबनानेवालेखोडमानिवासीरघुवीरसिंहनेबतायाकिकिसतरहउनकापूरापरिवारसुबहसेलेकरशामतकमटके,पेड़पौधोंकेगमलेऔरभीअन्यमिट्टीकेबर्तनबनानेमेंजुटेरहतेहैं।कमलादेवीनेबतायाकिजोहड़सेचिकनीमिट्टीलाकरउसकोकूटकरपानीमेंभिगोकरमुलायमबनायाजाताहैऔरफिरचाकपरगोलगोलघुमाकरउसेमटकाकारूपदियाजाताहै।विवाहशादियोंमेंभीमहिलाचाककापूजनकरतीहै।क्योंकिइसीचाकपरउनकेघरेलूमिट्टीकेबर्तनबनाएजातेहैं।मिट्टीकेमटकेबनानेकेबादउन्हेंसुखाकररंगनापड़ताहै।उसपरतरह-तरहकीसुंदरआकृतिकेचित्रबनाएजातेहैं।इसकेबादईंधनवपदाड़ीऔरउपलेसेमटकोंकोपकायाजाताहै।ममतादेवीनेबतायाकिमटकेकीकीमत30सेलेकर180रुपयेतककीहोतीहै।एकगमलेकीकीमत30से40रुपयेऔरपक्षियोंकेलिएपानीरखनेकेबर्तनकीकीमत20रुपयेहै।वहींजानकारोंकीमानेतोमिट्टीकेमटकेमेंपानीरखकरपीनास्वास्थ्यकेलिएलाभदायकहोताहै।हालांकिभागदौड़भरीजिदगीमेंलोगफ्रिजकापानीज्यादाउपयोगमेंलेतेहैं।इससेस्वास्थ्यपरभीबुराअसरपड़ताहै।