वाराणसी,शैलेशअस्थाना।गर्मियोंकेदिनोंमेंआपनेदेखायासुनाहोगाकिकोईव्यक्तिचलते-चलतेअचानकसड़कपरगिराऔरउसकेप्राण-पखेरूउड़गए।याव्यक्तिधूपसेआया,अचानकपेटयासिरमेंदर्दमहसूसहुआऔरउसनेदमतोड़दिया।यहकोईबीमारीनहींबल्किमौसमकीमारहै।इसकानामहै‘हीटवेव’।यानी,गर्महवाकीलहरें।जोभीइनकीचपेटमेंआया,उसकेशरीरकापानीसूखजाताहैऔरवहकाल-कवलितहोजाताहै।हरे-हरेपेड़खड़ेसूखजातेहैंतोआसमानमेंउड़तेपक्षीअचानकमृतरूपमेंनीचेटपकजातेहैं।बीतेदशकोंमेंग्लोबलवार्मिंगकेकारणइसहीटवेवकीतीव्रताकाफीतेजीसेबढ़ीहै।काशीहिंदूविश्वविद्यालयकेपर्यावरणवैज्ञानिकोंनेअपनेशोधमेंबीतेवर्षोंमेंभारतमेंतीव्रहीटवेवकेतीननएहाटस्पाटचिह्नितकिएहैं,जिनसेउठनेवालीगर्महवाकीतेजलहरेंमनुष्य,वनस्पतियोंऔरप्रत्येकप्राणीकेस्वास्थ्यकेलिएगंभीरखतराहैं।इससेस्वास्थ्य,कृषि,अर्थव्यवस्थाऔरबुनियादीढांचेपरप्रतिकूलप्रभावपड़रहाहै।
लूकीआवृत्तिबढ़नेसेतेजहोरहेवातावरणीयबदलाव
बीएचयूस्थितभारत-महामनासेंटरऑफएक्सीलेंसइनक्लाइमेटचेंजरिसर्च(एमसीईसीसीसआर)केप्रो.आरकेमल्लबतातेहैंकिपूरेदेशकोमौसमसंबंधितविभिन्नताकोदेखतेहुएअध्ययनकीदृष्टिसे38उपखंडोंमेंबांटागयाहै।इनउपखंडोंमेंप्रो.मल्लकेनेतृत्वमेंविश्वविद्यालयकीशोधछात्राओंनिधिसिंहऔरसौम्यासिंहनेजलवायुपरिवर्तनकाअध्ययनकियातोपायाकिगंगाकेपश्चिमबंगालऔरबिहारकेपूर्वीक्षेत्रसेउत्तर-पश्चिमी,मध्यऔरआगेभारतकेदक्षिण-मध्यक्षेत्रमेंलूघटनातेजीसेबढ़ीहैं।यहजलवायुपरिवर्तनकासूचकतोहैही,मृत्युदरकोभीबढ़ानेवालाहै।खासतौरसेसमुद्रतटीयइलाकोंमेंमौसममेंव्याप्तआर्द्रताऔरभीषणगर्मीमिलकरजीवनकेलिएखतराबनरहेहैं।विज्ञानएवंप्रौद्योगिकीविभागकेसहयोगसेजलवायुपरिवर्तनकार्यक्रमकेतहतहुआयहशोध‘इंटरनेशनलजर्नलऑफक्लाइमेटोलॉजी’मेंभीप्रकाशितहुआहै।
दक्षिणकीओरखतरनाकविस्तारअध्ययनमेंसामनेआयाकिइनगंभीरलूकापिछलेकुछदशकोंमेंदक्षिणकीओरखतरनाकरूपसेविस्तारहुआहै।पहलेसेकमदैनिकऔसततापमानवालेक्षेत्रोंमेंतीव्रलूमेंस्थानिकवृद्धिआबादीकेलिएघातकहोरहीहै।ओडिशाऔरआंध्रप्रदेशमेंमृत्युदरबढ़ानेमेंतीव्रलूकाेकारणपायागयाहै।
औद्योगीकरणऔरतीव्रविकासहैसंकटकाकारण
वैज्ञानिकबतातेहैंकिऔद्योगीकरणऔरतेजविकासकेचलतेपेड़काटेजारहेहैं,जंगलसमाप्तहोरहेहैं।बड़ी-बड़ीचौड़ीसड़कोंकानिर्माण,इमारतोंकेनिर्माणसेकंक्रीटसेढकतीजारहीपृथ्वी,वाहनोंकीभरमार,वातावरणमेंखतरनाकगैसोंऔररसायनोंकीबढ़तीमात्रानेबीतेदशकोंमेंग्लोबलवार्मिंगकोबढ़ादियाहै।इसकेचलतेजलवायुतेजीसेबदलरहीहै।अधिकवर्षा,सूखा,गर्मियोंकेदिनोंकाबढ़ना,कमजाड़ापड़ना,मैदानीभागोंमेंभीजाड़ोंमेंतापमानकाफीनीचेचलाजाना,यहसबसंकटइसीअंधाधुंधविकासकानतीजाहै।
वैज्ञानिकोंनेदिएभारतसरकारकोसुझाव
हीटवेवकोरोकनेकेलिएवैज्ञानिकसंवेदनशीलहोनेकीजरूरतपरबलदेतेहैं।कहतेहैंकिइसकेअनुकूलनीतियांबनाकरबढ़तीगर्मीकोरोकनेकीआवश्यकताहै।ऐसीनीतिबनेजोसमाजकेप्रत्येकवर्गकीभिन्नताऔरसंवेदनशीलतापरआधारितहाे।वैज्ञानिकोंनेअध्ययनमेंमिलेतीनोंहीटवेवहाटस्पाटक्षेत्रोंमेंप्रभावीहीटएक्शनप्लानविकसितकरनेकीआवश्यकताकासुझावभारतसरकारकोदियाहै।