प्रस्तावित लीड के साथ...क्षेत्र में पहली बार पड़े बड़े डाके से हर कोई सकते में

होशियार¨सह,कनीना:डकैतीकीइतनीबड़ीघटनाक्षेत्रमेंपहलीबारहुईहै।लाखोंलोगोंकीश्रद्धाकेकेंद्रबाघेश्वरीधामपरमेंबुधवाररातहुईकरीबएककरोड़रुपयेकेसोने-चांदीवनकदीकीडकैतीसेहरव्यक्तिसकतेमेंहै।इससेपूर्वकभीइतनीबड़ीवारदातनहींहुईथी।

देशकाजानामानाधार्मिकस्थानहोनेकेकारणबाघेश्वरीधाममेंआस्थाओंकाअंबारहै।यहांपरवर्षमेंदोबारमेलेलगतेहैं।यूंतोबाघेश्वरीधामपरप्रत्येकसोमवारकोभारीभीड़जुटतीहै,¨कतुसर्दियोंमेंआनेवालीमहाशिवरात्रितथागर्मियोंमेंशिवरात्रिकेदिनलाखोंभक्तयहांपहुंचतेहैं।भक्तोंमेंकांवड़लाकरशिवालयपरअर्पितकरनेकीपरंपराभीचलीआरहीहै।

राजादलीपकेवक्तयहांशिवभोलेनेबाघकारूपधारणकरकेपरीक्षालीथी,तभीसेयहस्थलबाघेश्वरीनामसेजानाजाताहै।यहांसबसेपहलेमंदिरकानिर्माणकणाणाकेराजाकल्याण¨सहरैबारीनेकरवायाथा।उनकालूटाहुआधानदौलतयहींपरशिवभोलेके²ष्टांतसेवापसमिलाथा।अबयहदेखाजानाहैकिशिवभोलेकासोनेकानागएवंचांदीकेछत्रकपुलिसबरामदकरपातीहैयानहीं।

जिसप्रकारयहांडकैतोंनेमहंतएवंदोअन्यसाधुओंकोशिवालयपरिसरमेंबंधकबनाकरघटनाकोअंजामदियाहै,उससेशिवभक्तदुखीहैंही,साथमेंघटनाकोसुननेवालेभीहतप्रभहैं।लगताहैकिबड़ीसाजिशकेतहतघटनाकोअंजामदियाजासकताहै।

महंतरोशनपुरीकेअनुसारडकैतशब्दोंकाकमप्रयोगकररहेथे,जिससेउनकेबारेमेंअधिकजानकारीनहींमिली।उनकेअनुसारसारेहट्टेकट्टेएवंऊंचीकदकाठीवालेथे।उनकेसुनेगएकुछशब्दोंसेलगताहैकिवेमेवातक्षेत्रसेहैं।यहीधारणापुजारीराजकुमारकीहै।डकैतोंकोसोने-चांदीकेछत्रकोंकापूराज्ञानथा।रोशनपुरीमहंतनेअपनीचोटदिखातेहुएबतायाकिउन्होंनेबेरहमीसेमाराहै।डंडेकीचोटकेनिशानकईघंटोंकेबादभीवैसेहीनजरआरहेहैं।लुटेरोंनेकेवलरोशनपुरीकोहीमाराहै,अन्यकिसीभीसंतकीधुनाईनहींकीजिससेलगताहैकिउन्हेंसंतकेविषयमेंसमस्तजानकारीथी।