खगड़िया।प्रखंडकेअधिकांशअधिकारीजर्जरभवनमेंरहनेकोविवशहैं।कईअधिकारियोंकोआवासकीसुविधानहींहै।कुछकोआवासकीसुविधाऐसीहैकिअधिकारीस्वयंखतरामहसूसकरतेहै।शिक्षाअधिकारी,आपूर्तिपदाधिकारीऔरसीडीपीओकोरहनेकेलिएआवासकीसुविधानहींहै।इसकेसाथहीयहांअन्यकर्मियोंकोआवासकीसुविधानहींहै।जिसकारणकर्मीदूसरेजगहरहनेकोविवशहैं।कुछअधिकारियोंकोरहनेकेलिएआवासकीसुविधाहै।परंतुउनकेआवासजर्जरहोचुकेहैं।बतातेचलेंकिदशकोंपूर्वयहांप्रखंडसहअंचलकार्यालयकाभवनबना।उसीआस-पासअधिकारियोंकेरहनेकेलिएआवासीयभवनभीबनेहैं।दशकोंपूर्वबनेसरकारीआवासजर्जरहै।जबकिकईअधिकारियोंकोरहनेकेलिएजर्जरआवासभीउपलब्धनहींहै।सूत्रोंकेअनुसारयहांप्रखंडशिक्षापदाधिकारीकोरहनेकेलिएआवासनहींहै।जबकिप्रखंडआपूर्तिपदाधिकारीसमेतप्रखंडबालविकासपरियोजनापदाधिकारीकोरहनेकेलिएआवासीयसुविधानहींहै।अंचलअधिकारीकाआवासजर्जरहोचुकाहै।कईअधिकारीयहांभाड़ेकेमकानमेंरहनेकोविवशहैं।जर्जरआवासकेकारणइसमेंकर्मीभीरहनेसेपीछेभागरहेहैं।वेनिजीआवासकीतलाशकरतेहैं।
क्याकहतेहैंअधिकारी
बीडीओरविशंकरकुमारनेकहाकिइसकोलेकरवरीयपदाधिकारीकोलिखागयाहै।फंडआनेपरसोचाजाएगा।