बलरामपुर:जिलेमेंएकऐसाविद्यालयहैजहांछात्रोंकोतकनीकीशिक्षाकाज्ञानपरोसाजारहाहै।साथहीछात्रोंकोसाफ-सफाईकेसाथबड़ोंकाआदरसत्कारकरनाभीसिखायाजारहाहै।अध्यापककीलगनसेनसिर्फबच्चोंकीसंख्याबढ़ी।वरनलोगोंकीसरकारीस्कूलकेप्रतिधारणाकोबदलकररखदिया।अभिभावकभीबच्चोंकेमुंहसेफर्राटेदारअंग्रेजीसुनकरफूलेनहींसमारहेहैं।विशम्भरपुरउच्चप्राथमिकविद्यालयकीचहारदीवारीवस्वच्छतादूसरेप्राथमिकविद्यालयोंसेकिसीनजीरसेकमनहींहै।बच्चोंकोआरओकापानीपिलायाजाताहै,जिससेउन्हेंपेटसेहोनेवालीबीमारीसेबचायाजासके।तकनीकीशिक्षादेनेकेलिएकंप्यूटरपरशिक्षादीजारहीहै।देशदुनियामेंरोजानाघटितहोनेवालीघटनाओंकीजानकारीकेलिएअखबारमंगायाजाताहै।विज्ञानप्रयोगशालाकक्षबनाहै।जिसमेंआधुनिकतरीकेसेविज्ञानकीपढ़ाईकराईजातीहै।
पितासेमिलीथीप्रेरणा
-प्रधानाध्यापकविश्वमोहनश्रीवास्तवकीमानेंतोउनकेपितावभाईअध्यापकथे।उनकेरिटायरहोनेकेबादउनकीइच्छापढ़ानेकीहुई।पहलेउन्हेंनाबार्डवरेलवेमेंनौकरीकेलिएबुलावापत्रआया,लेकिनवहनहींगए।बच्चोंकोशिक्षितकरनेकीअभिलाषाबचपनसेहीथी।उनकोपितासेबच्चोंकोशिक्षितकरनेकीप्रेरणामिलीथी।उनकीनियुक्त19नवंबर1999मेंपाल्हाडीहमेंहुई।कटियामटेरा,आदमतारामेंतबादलाहोगया।वर्ष2004मेंविशम्भरपुरउच्चप्राथमिकविद्यालयमेंप्रधानाध्यापककेपदपरहुई।उससमयविद्यालयमेंबच्चोंकीसंख्यानकेबराबरथी।आसपासगांवकेलोगसरकारीविद्यालयमेंबच्चोंकोपढ़ानेकोतैयारनहींथे।उन्होंनेविद्यालयकीतस्वीरबदलनेकीठानी।इसकेबादउन्होंनेपीछेमुड़करनहींदेखा।आजविद्यालयमें131बच्चेनामांकितहैं।जिसमें56बालिकाएंव75छात्रशामिलहैं।पढ़ाईकामाहौलवसाफ-सफाईदेखअभिभावकभीफूलेनहींसमातेहैं।
हितमित्रोंसेलियासहयोग
-विद्यालयकीसूरतबदलनेकेलिएअपनेहितमित्रोंसेसहयोगलिया।आरओलगवाया।कूड़ानिस्तारणकेलिएकंपोस्टपिटगड्ढेखोदवाए।शौचालयववाशबेसिनलगवाया।गार्डनबनवाया,जिसमेंसब्जियांउगाईजारहीहैं।दीवारोंपरआगसेबचावकेतरीकेवआपातकालीननंबरदर्जकरवाए।कमरोंकीदीवारोंपरस्लोगनलिखवायागया।जिसमेंकाफीखर्चाभीआया।उन्होंनेअपनेवेतनसेभीकरीब20हजाररुपयेखर्चकिए।