मथुरा,जासं।मथुराआनेवालेयात्रियोंकीनजरमेंब्रजकीअनूठीछविहोतीहै।एकखूबसूरतब्रजउनकीआंखोंकेसामनेहोताहै,लेकिनबसस्टैंडपरआतेहीइसछविकोबट्टालगताहै।बसस्टैंडपरठंडेपेयजलकीसुविधानहींहैं।यात्रीपानीखरीदकरपीनेकोमजबूरहैं।बसस्टैंडपरहवाकेलिएपंखेऔरबैठनेकेलिएबैंचभीपर्याप्तनहींहैं।
बसस्टैंडकोधर्मनगरीकाआइनाहोनाचाहिए,लेकिननयेबसस्टैंडकीस्थितिठीकउल्टीहै।बसोंसेरोजानाकरीबदसहजारयात्रीआवागमनकरतेहैं,लेकिनसुविधाकेनामपरकागजीघोड़ेदौड़रहेहैं।बसस्टैंडस्थितप्याऊकेनलोंसेसादापानीहीनिकलताहै,इसपानीसेगर्मीमेंगलातरनहींहोपाताहै।प्याऊपरलगेछहनलोंमेंसेचारकीटोटियागायबहै।यात्रियोंकेबैठनेकेलिएकेवलचारबैंचहैं।बसस्टैंडपरयात्रियोंकीसुविधाकेलिएकेवलचारपंखेहैं,इसमेंसेएकपंखाखराबहै।राजस्थानरोडवेजकाउंटरकीतरफनतोबैठनेकेलिएबैंचहैंऔरनहवाकेलिएपंखेहैं।क्याकहतेहैंयात्री
बसस्टैंडपरपेयजल,बैंच,पंखेकीव्यवस्थाएंदुरुस्तहोनीचाहिए।बसस्टैंडपरयात्रियोंकोमूलसुविधाएंतकनहींमिलरहीहैं।बसकाइंतजारकरनामुश्किलहोजाताहै।
घनश्याम-मथुराबसस्टैंडपरसफाईरहनीचाहिए,लेकिनयहांसफाईदिखाईनहींदेतीहै।यात्रियोंकोमिलनेवालीसुविधाएंतकनहींहैं।अधिकारियोंकोइसओरध्यानदेनाचाहिए।
कासिम-दिल्लीयदिवाटरकूलरऔरपंखेखराबहैंतोउनकोसहीकरादियाजाएगा।यात्रियोंकीपरेशानीकापूराध्यानरखाजारहाहै।
संतोषअग्रवाल-एसएस