पेयजल किल्लत

प्रदेशमेंगर्मियोंसेपहलेहीबढ़रहीपेयजलकिल्लतएकगंभीरविषयहै।जिसतरहसेपर्वतीयक्षेत्रोंमेंजलस्रोतसूखरहेहैंउससेप्रदेशमेंपानीलगातारकमहोरहाहै।इसवर्षहुईकमबरसातनेरहीसहीकसरपूरीकरदीहै।उम्मीदकीजारहीथीकिबरसातकेबादजलस्रोतफिरसेरिचार्जहोजाएंगेऔरपेयजलकीसमस्यासेछुटकारामिलसकेगा।यदिप्रदेशमेंएशियाकेसबसेबड़ेबांधोंमेंसेएकटिहरीकीबातकरेंतोयहांभीपेयजलकीस्थितिबहुतबेहतरनहींहै।इसक्षेत्रकीप्राकृतिकजलस्रोतोंपरनिर्भरताकाअंदाजाइसबातसेलगायाजासकताहैकिपूरेजिलेमें630प्राकृतिकजलस्रोतोंसे517पेयजलयोजनाएंसंचालितहोरहीहैं।इसबारकमबरसातकाअसरयहहुआकिइनमेंसे107जलस्रोतसूखनेकेकगारपरहैंऔरइससे95पेयजलयोजनाओंकेप्रभावितहोनेकीआशंकाहै।येआंकड़ेएकजिलेनहींबल्किपूरेपर्वतीयक्षेत्रकीस्थितिकोबयांकररहेहैं।यहस्थितितबहैजबअभीगर्मियांभीशुरूनहींहुईहैं।

एकबारपाराचढ़नाशुरूहोगातबस्थितिऔरदुरुहहोसकतीहै।ऐसानहींहैकियहस्थितिपहलीबारबनरहीहै।विभागीयवगैरसरकारीसंस्थाओंकीओरसेइसेलेकरकईसर्वेकिएगएहैंऔरइनमेंलगातारसूखरहेजलस्रोतोंपरचिंताजताईजारहीहै।इससेआनेवालेसमयमेंपेयजलसंकटऔरगहरानेकीआशंकाभीबताईगईहै।सदानीरागंगाऔरयमुनाकेप्रदेशमेंइसतरहकीस्थितिपरराष्ट्रीयमंचोंपरभीचर्चाहुईहै।राज्यगठनकेबादअबतकप्रदेशमेंआईसरकारोंनेइसपरचिंतातोजताई,कागजोंपरभीखूबकामहुएलेकिनधरातलपरकामनहींनजरआरहेहैं।प्रदेशमेंचालखालबनाने,सूखीनदियोंकोपुनर्जीवनदेने,जंगलोंमेंचेकडेमबनानेआदिकीजितनीबातेहुईंवेधरातलपरअभीतकउतरीनहींहैं।मौजूदासरकारनेभीसूखरहेजलस्रोतोंपरचिंताजताईहै।कोसीवरिस्पनानदीकेपुनर्जीवनकीदिशामेंकदमउठानेकीबातकहीजारहीहै।इससेकुछउम्मीदजगीहैंलेकिनयेयोजनाएंदीर्घकालिकहैं।सरकारकोऐसेकदमभीउठानेचाहिएजोआमजनकोत्वरितराहतदेसकें।इसकेलिएसरकारकोविस्तृतकार्ययोजनाबनानीहोगी।

[स्थानीयसंपादकीय:उत्तराखंड]