पेंटिंग के शौक की बदौलत लकड़ी के पेंटिंग को रोजगार में बदला, पढ़िए ऐसे दंपत्ति की पूरी कहानी

पारुलरांझा,नोएडा। दुनियामेंऐसेबहुतकमलोगहोतेहैं,जोअपनेशौककोहीव्यवसायबनाकरउसेपेटभरनेकाजरियाबनालेतेहैं।ऐसेहीलोगोंमेंशुमारहैअंबालाकेटुंडलागांवनिवासीपवनकुमारऔरपत्नीरेणुबाला।

वेसेक्टर-33स्थितशिल्पहाटमेंचलरहेसरसआजीविकामेलेमेंविभिन्नउत्पादोंकेसाथपहुंचेहै।जहांईंटभट्टेपरकामकरपहलेखुदकेपरिवारकागुजरबसरकरनामुश्किलहोगयाथा,अबपेंटिंगकेशौककीबदौलतलकड़ीकेपेंटिंगकोरोजगारमेंबदलादियाहै।

कड़ीमेहनतकेदमपरहरसालकरीब10लाखकाटर्नओवरकररहेहै।उनकेद्वाराबनाईगईपेंटिंगऐसीप्रतीतहोतीहैकिमानोउसपरकंप्यूटरवर्ककियागयाहो।इसीतरहउनकोचावलकेदानोंपरकरीब150शब्दतकलिखनेमेंभीमहारतहासिलहै।दिलमेंकुछअलगकरनेकीइच्छाकेबलपरइससमयगांवकीकरीब60जरूरतमंदमहिलाओंकोरोजगारदेरहेहैं।

देशभरमेंपेंटिंगसेछोड़रहेअपनीछाप

पवनकुमारबतातेहैकिवेपिछले22वर्षोंसेपेंटिंगकाकार्यकररहेहैं।यहकलाअपनेदादासेसीखीथी।अपनेकामकेचलतेदेशभरमेंअपनीछापछोड़चुकेहैं।पवनपेंटिंगमेंइसकदरमाहिरहैकिलकड़ीपरखरीदारकेसामनेचंदमिनटोंमेंकलाकृतितैयारकरदेतेहै।चाहेफिरमकानकीनंबरप्लेटहोयाफिरडेकोरेशनकासामान।यहींहुनरवहअपनेग्रुपकेलोगोंमेंभरनेकाप्रयासकररहे।

राष्ट्रीयग्रामीणआजीविकामिशनकेबैनरतलेलकड़ीकीपेंटिंगकेजरियेअपनेपत्नीसंगपूरेभारतमेंघूमचुकेहैं।पवनकुमारभलेहीमेलोंकेअंदरकाउंटरसंभालतेहो,मगरउनकीकलेक्शनमेंअहमभूमिकाउनकीपत्नीकीरहतीहै।गांवकीमहिलाओंकोसाथलेकरकामकरनेकीइच्छाउनकीपत्नीकीहीथी।

नवयुवकोंकोदेतेहैंविशेषट्रेनिंग

पत्नीरेणुबालाबतातीहैकिगांवकीजिनमहिलाओंनेकभीपेंटिंगतोदूरहाथमेंब्रशतकनहींपकड़नाआताथा,आजलकड़ीमेंकलाकृतियांउकेरनाभीसीखलियाहै।सरकारीवप्राइवेटमेलोंमेंलकड़ीपरपेंटिंगसेचाबीकेछल्ले,घरोंकीनंबरप्लेटसेलेकरघरोंकीसजावटकासामानतैयारकरअपनेपरिवारकासहाराबनरहीहैं।खासबातयहहैकिइसकलाकोयुवाओंतकपहुंचानेकेलिएवेनवयुवकोंकोविशेषट्रेनिंगभीदेतेहैं,ताकिआनेवालेसमयमेंअनेकयुवाइसकार्यसेअपनीरोजीरोटीकमासके।