पैंतीस साल से चकबंदी के फेर में फंसे चंदौरवासी

पुरानीपीढि़यांबुढ़ापेकीदहलीजपरपहुंचगईं।जमानेसेजमीनपरजिनकानामदर्जथाउनमेंकोईबदलावनहींहोसका।लिहाजा35सालसेगांवकेलोग..विरासत..कोतरसरहेहैं।कईतोस्वर्गवासीहोगए।यहहालहैधनपतगंजब्लॉककेचंदौरगांवका।जहांएक-दोनहीं,बल्किसाढ़ेतीनदशकबादभीचंकबदीप्रक्रियापूरीनहींहोसकी।ग्रामीणोंकोनकृषियोजनाओंकालाभमिलरहाहैनजरूरतपरजमीनबेचपारहेहैं।हांइतनाजरूरहैकिभूमाफियाअधिकारियोंसेसाठ-गांठकरउनकीजमीनकोऔने-पौनेदाममेंअपनेवरिश्तेदारोंकेनामपरपट्टाकरालेरहेहैं।किसानोंकीशिकायतपरकोईसुनवाईनहींहोरहीहै।

वर्ष1984मेंचंदौरगांवकीचकबंदीप्रक्रियाशुरूतोहुईथी।ग्रामीणोंकीखुशीकाठिकानानरहा।उन्हेंलगाकिजल्दहीउनकेछोटे-छोटेवदूर-दूरबिखरेखेतएकजगहहोजाएंगे,लेकिनप्रक्रियाधीरेधीरेजटिलहोतीगई।चकबंदीआजतकनहींपूरीहुई।गांवकेकईकिसानोंकीजोतकीजमीनकेरिकार्डतकगुमहोगए।काफीजदोजहदकेबादपुरानेबंदोबस्तकेकागजातोंकोसंकलितकराकरराजस्वपरिषदकेबंदोबस्तअनुभागसेगांवकेनक्शेकीट्रेसिगकराईगईहै।

कामयाबरहेभूमाफिया:

भूमाफियाचकबंदीअधिकारियोंसेमिलीभगतकरजमीनकेमूलअभिलेखोंकोगायबकरजमीनहड़पनेकीप्रकियामेंसफलहोरहेहैं।यहांतककिमूलअभिलेखोंमेंदर्जधार्मिकस्थल,सड़ककीकीमतीजमीनेंआदिसबनक्शेसेगायबहैं।

किसानोंनेबयांकियादर्द:

चकबंदीप्रक्रियापूरीनहोनेसेकिसानराजसिंह,बालचंदपाल,गोमती,रामकिशोर,पुनवासीआदिनेबतायाकिखेतीकीबड़ीसमस्याहोरहीहै।नतोसिचाईकीस्थाईव्यवस्थाकरापारहेहैंनखेतोंकासमतलीकरण।इससेआर्थिकस्थितिदिन-व-दिनबदतरहोतीजारहीहै।