पानी का असली मोल तो वही आदमी बता सकता है, जो रेगिस्तान की तपती धूप से निकल कर आया हो

नृपेंद्रअभिषेकनृप।ग्रहपरजीवनकीसंभावनाएंतलाशनेमेंजुटेहैं।इसकाआधारयहीहैकिवहांहवामेंकुछजमेहुएपानीकेकणऔरनमीमिलीथी।इससेजलकीमहत्तासहजहीसमझीजासकतीहै,लेकिनआजइसीपृथ्वीपरजलसंसाधनगहरेसंकटमेंहैं।उसीसंकटकेप्रतिजागरूकताकेप्रसारमेंप्रत्येकवर्ष22मार्चकोविश्वजलदिवसकाआयोजनकियाजाताहै।

स्पष्टहैकिप्रकृतिकेसाथहमनेबहुतखिलवाड़करलियाऔरइसकेगंभीरपरिणामभीहमारेसमक्षप्रत्यक्षहैं।जलसंकटभीइसकाहीएकपरिणामहै,जोलगतारबढ़नेपरहै।जलस्रोतोंकोअगरकिसीनेसबसेज्यादानुकसानपहुंचायाहै,तोवहहैबढ़ताहुआजलप्रदूषण।अगरइसीप्रकारहमनदियों,तालाबोंआदिकोप्रदूषितकरतेरहेतोवहदिनदूरनहींजबनदियोंकाअस्तित्वहीखतरेमेंपड़जाएगा।नदियोंमेंप्रदूषणकोरोकनेकेलिएसरकारनेकुछप्रयासअवश्यकिएहैं,लेकिनइनप्रयासोंकोऔरअधिकगतिदेनेकीआवश्यकताहै।शहरोंमेंगंदापानीनदियोंमेंडालनेसेपहलेउसेसाफकरनेकेइंतजामअवश्यकिएजारहेहैं,परंतुअपेक्षितपरिणामआनाअभीशेषहै।इससेभीजलकीगुणवत्ताप्रभावितहोरहीहै।

भारतमेंखेतीमेंव्यापकमात्रामेंजलकाउपयोगहोताहै।ऐसेमेंखेतीमेंजलप्रबंधनकरनाअतिआवश्यकहै।इसकेलिएखेतीमेंसबसेपहलेड्रिपसिंचाईपर ध्यानदेनाहोगा।दरअसलड्रिपसिंचाईकातरीकासिंचाईकरनेकीएकउत्तमतकनीकहै।इसतकनीककीमददसेपानीकीबचतहोतीहै।इसड्रिपसिंचाईमेंपानीकोबूंद-बूंदकरकेपेड़-पौधोंकीजड़ोंकेआसपासपानीकोबूंद-बूंदकरकेटपकायाजाताहै,ताकिपेड़-पौधोंकोजितनेपानीकीआवश्यकताहोतीहै,ठीकउतनाहीपानीउन्हेंदियाजासके।इससेपानीकीबर्बादीकोरोकनेमेंमददमिलतीहै।

पृथ्वीपरजलएकअसीमप्राकृतिकसंसाधनहै,जोपुन:चक्रणद्वाराबनताहै,लेकिनताजाऔरपीनेयोग्यपानीहमारीप्रमुखआवश्यकताहै,जिसेहमारेसुरक्षितस्वस्थजीवनकेलिएबचायाजानाचाहिए।पानीकाअसलीमोलतोवहीआदमीबतासकताहै,जोरेगिस्तानकीतपतीधूपसेनिकलकरआयाहो।इसलिएजलसंरक्षणकेमहत्वकेबारेमेंसभीकोसमझनाहोगाऔरअपनीजिम्मेदारियोंकोनिभानाहोगा।शहरोंकोपानीकाइस्तेमालकमकरनाहोगाऔरपानीकेलिएतार्किकभुगतानकरनाचाहिए।

(लेखकस्वतंत्रटिप्पणीकारहैं)