सुशीलभाटिया,फरीदाबाद:मुझेक्लीनिकसेआएहुएअभीकुछपलहीबीतेथे।कोरोनाकेचलतेखुदकोस्वच्छकरनेकेबादटीवीपरखबरेंदेखरहाथाकिइतनेमेंमोबाइलपरघंटीबजी।जबतकफोनउठाता,तबतकबंदहोचुकीथी।देखाकिइसनंबरकीदोमिस्डकालथी।इतनेमेंहीतीसरीबारउसीनंबरसेफोनआगया।जबहेलोकेसाथबातचीतकीशुरुआतहुई,तोदूसरीओरसेआवाजआईकिपुलकितबोलरहाहूंऔरचारमर्डरकररखेहैं,जेलसेफरारहूं।पांचपेटीभिजवादो,नहींतोगोलीमारदूंगा।
अबयहसबसुननेकेबादमेराघबरानास्वाभाविकथा,परमैंनेकिसीतरहसेखुदकोसंभालाऔरफोनपरबातचीतपूरीहोनेकेबादअपनेपरिवारवालोंवपरिचितकोइसकीजानकारीदीऔरफिरपुलिसकोसूचितकिया।पुलिसनेपूरासहयोगकियाऔरउनकीत्वरितकार्रवाईमेंधमकीदेकररंगदारीमांगनेवालापकड़ाभीगया।मैंवमेरेपरिवारकेसभीसदस्यराहतमहसूसकररहेहैंऔरभगवानकाशुक्रियाअदाकरतेहैं।
कुछइसतरहकेअनुभवकेसाथदैनिकजागरणसेबातचीतकीशुरुआतकीएनआइटीतीननंबरनिवासीडा.सुदेशभाटियाने,जिन्हेंबुधवाररात्रि9.21बजेपुलकितनामक21वर्षीयशख्सनेफोनकरपांचलाखरुपयेकीरंगदारीमांगीथी।दोस्तकोदियावचननिभारहेडा.सुदेशभाटिया
डा.सुदेशभाटियाविश्वजागृतिमिशनमेंधर्मार्थकार्यकरतेहैंऔरवहांकीडिस्पेंसरीमेंइलाजकेलिएआनेवालोंकाउपचारकरतेहैं।सूरजकुंडरोडपरस्थितसिद्धदाताआश्रममेंभीअपनीधर्माथसेवाएंदेतेहैं,साथहीदिव्यांगोंकीसहायतार्थगठितचेतनावेलफेयरसोसायटीकेसंस्थापकोंमेंसेएकहैं।डा.सुदेशभाटियाकेखासमित्रडा.राजेंद्रनागपालएनआइटीतीननंबरमेंनागपालक्लीनिककेनामसेक्लीनिकचलातेथे।वर्ष1979मेंडा.राजेंद्रनागपालनेडा.सुदेशभाटियाकोकहाकिअबयहक्लीनिकवहीचलाएं,जानेकबबुलावाआजाए।इसपरडा.सुदेशभाटियानेउन्हेंवचनदियाकिक्लीनिककानामकभीनहींबदलेगा।इसकेबादडा.सुदेशनेअपनेनामकेसाथभाटियालिखनाबंदकरदिया।आजशहरवासीउन्हेंडा.सुदेशभाटियानहींबल्किडा.एसकेनागपालकेनामसेज्यादाजानतेहैं।खुदकीपहचानमिटाकरदोस्तकोदियावचननिभारहेहैं।इलाजकेबादडा.नागपालकोकोईमरीजफीसदेगयातोठीक,वरनामांगतेनहींथे,वहीकुछडा.सुदेशकरतेहैं।डा.सुदेशवरंगदारीमांगनेवालेकेबीचफोनपरबातचीत
रंगदारीमांगनेवालाआरोपितपुलकित:नागपालबोलरियाहै,सुननेमेंआईहैबड़ीगरीबमारकररियाहै।
डा.सुदेश:भई,ऐसाआजतकतोहुआनहीं,40सालमेंपहलीबारसुनरहाहूं।
आरोपित:पांचपेटीभिजवाफिरौती(रंगदारी)भिजवा,गोलीदागदेयांगेतेरेअंदर।चौकीमेंजाऊंगा,तोगोलीलगेगी।ध्यानराखिये।एकदिनकाटाइमदेरियाहूं,पांचपेटीकेलिए।
डा.सुदेश:मैंसेवामेंलगरहाहूं,कमाईनहींकररहा।पैसाकहांसेभिजवाऊं।
आरोपित:हमेंपताहैकिसुधांशुजीमहाराजकीसेवामेंलगारहाहै,परएकदिनकावक्तदेरहाहूं।
डा.सुदेश:होंगेतोदेदूंगा,वरनाजानचलीजाएगीऔरक्यों।
आरोपित:गोलीलगेगीगोलीक्लीनिकमें,पुलकितबोलरियामैं,नामसुनलियोध्यानसेपुलकित।चारमर्डरकेसचलरहेहैं।जेलसेफरारहूं।
डा.सुदेश:अच्छा।
आरोपित:अच्छानहीं,कलपैसापहुंचजाए।मैंफोनकरूंगा।पांचपेटीनहोतोतीनभिजवादियो।बेशकचौकीमेंनंबरदेदियो।कोईदिक्कतनहै।
डा.सुदेश:भैयामेरेपासतोपैसाहैनहीं।
आरोपित:पैसातोदेनापड़ेगा,आजनहींतोकलदेगा।घरपहुंचगयानदुकानबंदकरके।मैंनेबंदापीछेछोड़राखयाहै।कलफोनकरेगा।
डा.सुदेश:ठीकहै।