रांची,जेएनएन।OfficeofProfitऑफिसऑफप्रॉफिट,लाभकापदकोलेकरएकबारफिरसेदेश-प्रदेशमेंजोरदारबहसछिड़ीहुईहै।क्योंकिताजामामलाझारखंडसेजुड़ाहै,जहांमुख्यमंत्रीपरलाभकापदलेनेऔरभारतीयजनप्रतिनिधित्वकानून1951काउल्लंघनकरनेकेसंगीनआरोपलगेहैं।कहाजारहाहैकिइसमामलेमेंराज्यपालअगलेकुछदिनोंमेंबड़ीकार्रवाईकरसकतेहैं।चुनावआयोगसेमंतव्यमिलतेहीराजभवनकोईचौंकानेवालाफैसलालेसकताहै।राज्यसेलेकरदेशतककीनजरेंआनेवालेनिर्णयपरटिकींहैं।इसबीचइनकानूनोंकोअपने-अपनेतरीकेऔरसहूलियतकेहिसाबसेपरिभाषितकरनेकादौरभीचलरहाहै।
येकानूनपहलेभीचर्चामेंरहेहैं,जबइसकेचलतेकांग्रेसकीराष्ट्रीयअध्यक्षसोनियागांधीऔरबॉलीवुडकेमहानायकअमिताभबच्चनकीपत्नीजयाबच्चनकोअपनीसंसदकीसदस्यतागंवानीपड़ीथी।बहरहाल,ताजाहालातोंमेंलोग-बागकेमनमेंलाभकापदऔरभारतीयजनप्रतिनिधित्वकानूनकोलेकरउत्सुकताबेहदबढ़गईहै।हमयहांअपनेआलेखमेंऑफिसऑफप्रॉफिट,लाभकापदऔरभारतीयजनप्रतिनिधित्वकानून1951केबारेमेंविस्तारसेबतारहेहैं,आपभीजानिए...
सोनियागांधीऔरजयाबच्चनगंवाचुकीहैंसदस्यता
'लाभकापद'मामलेमेंभारतमेंपहलेभीजनप्रतिनिधियोंपरकार्रवाईहोतीरहीहैं।संदर्भवर्ष2006कालें,तबयूपीएकेशासनकालमेंकांग्रेसकीराष्ट्रीयअध्यक्षसोनियागांधीपर'लाभकापद'कामामलासामनेआयाथा।उससमयसोनियागांधीउत्तरप्रदेशकेरायबरेलीसेलोकसभामेंसांसदथीं।इसकेअलावातबकेप्रधानमंत्रीमनमोहनसिंहकीसरकारमेंसोनियागांधीराष्ट्रीयसलाहकारपरिषदकीअध्यक्षभीथीं।जिसे'लाभकापद'बतायागयाथा।बादमेंइसकेचलतेसोनियागांधीकोलोकसभाकीसदस्यतासेइस्तीफादेनापड़ाथा।तबउन्होंनेरायबरेलीसेदोबाराचुनावलड़ाथा।
एकऔरमामलासाल2006काहीहै।जिसमेंफिल्मअभिनेत्रीजयाबच्चनपर'लाभकापद'कामामलासामनेआयाथा।जयाबच्चनतबराज्यसभाकीसदस्यथीं।उन्हेंउत्तरप्रदेशफिल्मविकासनिगमकाअध्यक्षभीबनायागयाथा।चुनावआयोग्यनेतबजयाबच्चनकोलाभकापदमामलेमेंअयोग्यठहरायाथा।जिसकेबादजयाबच्चनसुप्रीमकोर्टगईं,लेकिनउन्हेंअदालतसेकोईराहतनहींमिली।इसकेचलतेजयाबच्चनकीसंसदकीसदस्यताचलीगईथी।
क्याथासुप्रीमकोर्टकाफैसला
जयाबच्चनकेमामलेमेंसुप्रीमकोर्टनेफैसलादियाकिअगरकिसीसांसदयाविधायकने'लाभकापद'लियाहैतोउसकीलोकसभायाविधानसभाकीसदस्यतानिरस्तहोजाएगी।चाहेउसनेलाभकापदसेवेतनयादूसरेभत्तेलिएहोंयानहींलिएहों।
क्याहै'लाभकापद'OfficeofProfit
संविधानकेअनुच्छेद102(1)Aकहताहैकिकोईभीसांसदयाविधायकऐसेकिसीपदपरनहींहोसकतेजहांवेतन,भत्तेयाप्रत्यक्ष-अप्रत्यक्षरूपसेकिसीदूसरीतरहकेफायदेमिलतेहों।इसकेअलावासंविधानकेअनुच्छेद191(1)(A)औरभारतीयजनप्रतिनिधित्वकानून1951कीधारा9(A)केतहतभीसांसदोंऔरविधायकोंकोकिसीदूसरेमदसेलाभयाअन्यपदलेनेकीसख्तमनाहीहै।लोकप्रतिनिधित्वअधिनियम,1951संसदसदस्योंऔरराज्यविधानमंडलकेसदस्योंकेभ्रष्टआचरणऔरअन्यअपराधोंकेखिलाफभीकड़ीकार्रवाईकीअनुशंसाकरताहै।
जनप्रतिनिधित्वअधिनियम,1951
भारतीयसंविधानकेअनुच्छेद327केतहतजनप्रतिनिधत्वअधिनियम,1951कोसंसदद्वारापारितकियागयाहै।यहइनबातोंकीपुष्टिकरताहैकिसंसदऔरराज्यविधानसभाओंमेंसदस्यबननेकेलिएक्यायोग्यताएंऔरक्याअयोग्यताएंहोतीहैं।जनप्रतिनिधित्वअधिनियम,1951कीधारा8(4)मेंयहभीप्रावधानहैकिकोईभीजनप्रतिनिधिअगरकिसीभीमामलेमेंदोषीठहराएजानेकीतिथिसेतीनमहीनेतकअदालतमेंअपीलदायरकरताहै,तोउसकानिबटाराहोनेकीतिथितकवहअपनेपदसेअयोग्यघोषितनहींकियाजासकता।
इनकारणोंसेहोसकतेहैंअयोग्य
संविधानकेअनुच्छेद192(2)मेंराज्यपालकोकिसीजनप्रतिनिधिकोहटानेकेमामलेमेंचुनावआयोगसेमंतव्यमांगनेकाअधिकारप्राप्तहै।आयोगकेमंतव्यकेआधारपरराज्यपालअपनानिर्णयलेतेहैं।जबकिजनप्रतिनिधित्वकानून1951कीधारा8ए,9और9एकाउल्लंघनहोनेयथालाभकेपदपररहतेहुएभ्रष्टआचरणअपनानेपरसंसदयाविधानसभाकीसदस्यतासमाप्तकिएजानेकाप्रावधानहै।