जागरणसंवाददाता,अंबाला:कथावाचकभक्तिवेदांतसिद्धांतीमहाराजनेकहाकिश्रीमद्भागवतकथामेंसभीवेदोंकासारहै,ठीकउसीप्रकारसेजैसेकिसीवृक्षकेगुणउसकेफलसेपतालगतेहैं।भागवतरूपीरसकोपीनेसेकभीतृप्तिनहींहोती,इसलिएहमारेगुरुवर्गोंनेअधिकसेअधिकहरिनामसिमरणकरकेउदाहरणप्रस्तुतकिया।वहमंगलवारछावनीकेकरधानस्थितश्रीकुंजबिहारीगौड़ीयमठमेंचलरहीश्रीमछ्वागवतकथाकेदूसरेदिनश्रद्धालुओंकेसमक्षप्रवचनकररहेथे।भक्तबांधवसोसाइटीकीओरसेकरवाईजारहीकथामेंदूरदराजसेसंगतपहुंची।उन्होंनेकहाकियदिहमनिरंतरहरिनामकरतेहैंतोभगवानकेगुणहमारेअंदरलक्षितहोनेलगतेहैं।कृष्णनामइतनासुंदरहैकिस्वयंकृष्णभीलोगहमारेद्वारपरआकरहमेंजगातेहैंऔरप्रभुभक्तिकीओरअग्रसरकरतेहैं।भजनोंपरश्रद्धालुझूमउठे।समाप्तिपरप्रभुकोभोगलगाप्रसादवितरितकियागया।इसमौकेपरसुंदरगोपाल,श्यामदास,कृष्णदास,उपेंद्रदास,वीरेंद्रवअन्यसदस्यमौजूदरहे।