निर्दलियों की नहीं गलती दाल, पार्टी प्रत्याशियों का ही रहता भाव

जासं,एटा:आजादीसेलेकरअबतकहुएविधानसभाचुनावमेंसिर्फतीननिर्दलीयउम्मीदवारहीजीतपाएहैं।मतदाताओंनेराजनीतिकदलोंकेउम्मीदवारोंकोहीमहत्वदियाहै।यहअलगबातहैकिहरचुनावमेंखासीसंख्यामेंनिर्दलीयचुनावलड़तेहैं।

विधानसभाकासबसेपहलाचुनाववर्ष1951मेंहुआथा।उससमयअलीगंजसीटऐसीथीजिसपरनिर्दलीयमोहनसिंहजीतेथे।1957मेंएटासीटपरनिर्दलीयगंगाप्रसादवर्माऔरअलीगंजमेंभूपकिशोरनेचुनावजीताथा।शुरूआतीदौरकेदोचुनावोंकेअलावाऔरकभीभीयहांनिर्दलीयप्रत्याशीचुनावनहींजीतपाए।मुख्यसंघर्षमेंभीनहींरहे।हरबारनिर्दलियोंकीफौजजरूरखड़ीहोतीहै।निर्दलियोंकीबड़ीसंख्याचुनावीमैदानमेंदिखतीहै।इसकाप्रमुखकारणयहहैकिनिर्दलियोंकेजरिएलाभबड़ीपार्टियोंकेउम्मीदवारोंकोहोताहै।चुनावआयोगनेप्रत्याशियोंकेवाहनोंकीसंख्यासीमितकरदीहै।अबअगरकोईप्रत्याशीअपनेकिसीसमर्थककोचुनावमैदानमेंउतारताहैतोउसकीगाड़ियोंकालाभउसेमिलजाताहै।यहएकऐसासचहैजोसामनेसेदिखाईनहींदेता।हालांकिकोईकद्दावरनिर्दलीयमैदानमेंआताहैतोयहस्थितियहनहींहोती।1993मेंसबसेज्यादानिर्दलीय

राममंदिरआंदोलनकेबादवर्ष1993मेंविधानसभाकेचुनावहुए।इसचुनावमेंनिर्दलीयउम्मीदवारोंकीफौजखड़ीहोगई।यहदूसरीबातहैकिकोईभीनिर्दलीयमुख्यसंघर्षमेंनहींआसकाऔरउसकीजमानतजब्तहोगई।एटाविधानसभासीटपरउससमयकोईभीनिर्दलीयहजारकाआंकड़ापारनहींकरसकाऔरसबसेज्यादावोटनिर्दलीयउम्मीदवारकेशवसिंहकोमिलेथे।इससीटपरउससमयछहनिर्दलीयमैदानमेंथे,लेकिनराजनीतिकपार्टियांभारीपड़ीं।निधौलीकलांसीटपरउससमयसपाकेतत्कालीनमुखियामुलायमसिंहयादवनेचुनावलड़ाथा,तब30निर्दलीयप्रत्याशीचुनावमैदानमेंथे।विधानसभाचुनावकेइतिहासमेंइससीटपरनिर्दलियोंकीयहसंख्याअबतककेचुनावतकसर्वाधिकहै।दूसरानंबरउससमयअलीगंजविधानसभाकारहा,जहांराजनीतिकपार्टियोंकीतरफसेसपाकेअवधपालसिंहयादव,भाजपाकेगेंदालालगुप्ता,जनतादलकेरामेश्वरसिंहऔरकांग्रेसकेराजेंद्रसिंहराठौरउम्मीदवारथे।इसचुनावमेंसपाउम्मीदवारकीजीतहुई,लेकिन26उम्मीदवारनिर्दलीयथे।जलेसरसीटपरछहनिर्दलीयउम्मीदवारोंनेचुनावलड़ाथा।जबदोमुलायमलड़ेचुनाव

-वर्ष1993मेंहीतत्कालीनसपामुखियानिधौलीकलांसीटपरचुनावलड़रहेथे,वहींएकऔरमुलायमसिंहनिर्दलीयउम्मीदवारथे।उससमयमुलायमसिंहनामकेदोउम्मीदवारोंनेचुनावलड़ाथा,मगरसबसेकमवोटकुंवरपालसिंहकोमिले,जबकिनिर्दलियोंमेंसेसबसेज्यादावोटहवलदारसिंहकोप्राप्तहुएथे।जबजीतनेवालेप्रत्याशीकाकियाअंतरकम

-तीननिर्दलीयप्रत्याशियोंकेअलावाअन्यकोईनिर्दलीयभलेहीचुनावनहींजीतपाया,मगर2007मेंजलेसरविधानसभासीटपरनिर्दलियोंनेजीत-हारकेअंतरकोकमकरदियाथाऔरएक-एकवोटकेलिएराजनीतिकदलोंकेप्रत्याशियोंकीसांसेंअटकीरहीं।दरअसल,जलेसरविधानसभासीटपरमुख्यसंघर्षभाजपाकेकुबेरसिंहअगरियाऔरबसपाकेरनवीरसिंहकश्यपकेबीचथा।उससमयभाजपाको31038औरबसपाको30966वोटमिलेथे।भाजपाप्रत्याशीमात्र72वोटोंसेचुनावजीतेथे।उससमयसातनिर्दलीयप्रत्याशीचुनावमैदानमेंथे।इनमेंसुरेशचंद्र,लाखनसिंह,रामजीलाल,राजेंद्रसिंह,रहीससिंह,पप्पूऔरमहेशचंद्रशामिलहैं।निर्दलियोंमेंसेसबसेकमवोटमहेशचंद्रकोमिले,जबकिसबसेअधिकसुरेशचंद्रकोमिले।उससमय3004वोटनिर्दलीयप्रत्याशीलेगए।इससीटपरजीत-हारकाअंतरमात्र72रहा।आंकड़ोंसेसाफहैकिनिर्दलियोंनेइसअंतरकोबहुतकमकरदियाथा।जीत-हारकेअंतरसेअधिकवोटतोसबसेकमवोटलेनेवालेनिर्दलीयमहेशचंद्रकोमिले,उन्हें86वोटमिलेथे।दोदशकमेंनिर्दलियोंकीस्थिति

-विधानसभासीट-संख्या

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