नरकचतुर्दशीकोनरकचौदसयानर्कापूजा,रूपचतुर्दशीऔरछोटीदीपावलीकेनामसेभीमनातेहैं।यहपर्वकार्तिककृष्णपक्षकीचतुर्दशीकेदिनहोताहैजोइसबार6नवंबर2018कोमंगलवारकेदिनमनायाजायेगा।विधि-विधानसेपूजाकरनेवालेव्यक्तिसभीपापोंसेमुक्तहोस्वर्गप्राप्तकरतेहैं।इसेछोटीदीपावलीइसलिएकहाजाताहैक्योंकिदीपावलीसेएकदिनपहले,रातकेवक्तउसीप्रकारदीएकी
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रोशनीसेअंधकारकोभगादियाजाताहैजैसेदिवालीकीरातकोहोताहै।इसरातदीएजलानेकीप्रथाकेसंदर्भमेंकईपौराणिककथाएंऔरलोकमान्यताएंप्रसिद्धहैं।यहकाफीमहत्वपूर्णपर्वहै,जिसेपांचपर्वोंकीश्रृंखलाकेमध्यमेंरहनेवालाऐसात्यौहारमानाजाताहैजैसेमंत्रियोंकेबीचराजा।
क्योंकहतेहैंरूपचतुर्दशी
नरकचतुर्दशीकोरूपचौदसभीकहतेहैं।मान्यताहैकिइसदिनप्रातःकालतिलकातेललगाकरअपामार्गयानिचिचड़ीकीपत्तियांजलमेंडालकरस्नानकरनेसेनरकसेमुक्तिमिलतीहै।इसदिनव्रतरखनेकाभीअपनामहत्वहै।ऐसाविश्वासकियाजातहैकिरूपचौदसपरव्रतरखनेसेभगवानश्रीकृष्णव्यक्तिकोसौंदर्यप्रदानकरतेहैं।इसव्रतमेंप्रातस्नानकेबादभगवानविष्णुऔरभगवानकृष्णकेदर्शनकरनेचाहिए।ऐसाकरनेसेपापोंकानाशहोताहैऔरसौंदर्यप्राप्तहोताहै।
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नरकचतुर्दशीकोअरूणोदयसेपहलेप्रत्यूषकालमेंस्नानकरनाचाहिए,इससेमृत्युकेपश्चातयमलोकनहींजानापड़ताहै।प्रात:कालस्नानकेबादघरकेबाहरनालीकेपासतेलकादियाजलानाचाहिए।नरकचौदसकीशामकोदीपदानकीपरंपराहैजिसेयमराजकेनिमित्तकियाजाताहै।इसरातमेंघरकासबसेबुजुर्गव्यक्तिपूरेघरमेंएकदियाजलाकरघुमाताहैऔरफिरउसेघरसेबाहरकहींदूरजाकररख
देताहै।इसदिएकोयमदीयाकहतेहैं।इसदौरानपरिवारकेबाकीसदस्यघरमेंअंदरहीरहतेहैं।ऐसीमान्यताहैकिइसप्रकारदिएकोघरमेंघुमाकरबाहरलेजानेकेसाथहीसभीनकारात्मकशक्तियांघरसेबाहरचलीजातीहैं।इसदिनएकदीपकपितरोंकेनामसेभीजलायाजाताहै।इसदीपककोजलाकरउनसभीपितरोंकोमोक्षमिलजाताहैजिनकीअकालमृत्युहोतीहै।