नईदिल्ली(ऑनलाइनडेस्क)।भारतीयसेनाकेजवानदेशहोंयाविदेशकीधरतीसभीजगहोंपरअपनेदेशकामानसम्मानसर्वथाऊंचाबनाएरखतेहैं।यहीवजहहैकिहजारोंसैनिकोंमेंभीकोईभारतीयसैनिकअलगदिखाईदेताहै।संयुक्तराष्ट्रकेशांतिमिशनपरजानेवालोंमेंयदिकिसीदेशकेजवानोंकीसबसेअधिकचर्चाहोतीहैजोवोभारतीयहीहैं।ऐसाइसलिएक्योंकियूएनकेशांतिदलमेंसबसेबड़ीसंख्याइन्हींभारतीयजवानोंकीहोतीहै।इसशांतिमिशनकेतहतयेजवानबेहदमुश्किलपरिस्थितियोंमेंनसिर्फअपनेकामकोअंजामदेतेहैंबल्किजहांपरयेतैनातहोतेहैंवहांकेस्थानीयलोगोंकीभीहरमुश्किलघड़ीमेंमददकरतेहैं।इसतरहकेशांतिमिशनमेंजानेवालोंमेंपुरुषयामहिलामेंभेदनहींकियाजाताहै।आजहमयहांपरऐसेहीएकमिशनकाहिस्साबनकरदक्षिणसूडानमेंसेवाएंदेनेवालीभारतीयसेनाकीमेजरबिंदेश्वरीतंवरकेबारेमेंबतारहेहैं।इनकाइंटरव्यूहालहीमेंयूएनकीतरफसेकियागयाथा।
बिंदेश्वरीएकफौजीपरिवारसेसंबंधरखतीहैं।उनकेपिताभारतीयसेनासेजुड़ेहुएथेइसलिएउन्होंनेइसकीमुश्किलों,इसकीचुनौतियोंऔरइसकीबारीकियोंकोभीकरीबसेदेखाऔरजानाहै।बिंदेश्वरीकेकईअलग-अलगकिरदारहैं।वोएकमहिलाफौजीअधिकारीभीहैंतोएकपत्नीभीहैंऔरएकबेटेकीमांभीहैं।उनकेपतिभीएकफौजीहीहैं।अपनेइंटरव्यूमेंउन्होंनेकहाकियूएनकेशांतिरक्षककेतौरपरदक्षिणसूडानमेंतैनातहोनाउनकेलिएकाफीअहमियतरखताहै।वोइसयहांपरबिताएगएहरपलकाबांहेंफैलाकरस्वागतकरतीहैं।
उन्होंनेबतायाकिक्योंकिउनकेइर्दगिर्दसभीकुछफौजियोंसेहीजुड़ाथाइसलिएहीउनकेमनमेंभीइससेअलगकोईदूसराख्यालनहींआताथा।उन्होंनेबतायाकिउनकेपरिवारसमेतदोस्तभीउनकेफौजमेंजानेकेफैसलेसेपूरीतरहसेसहमतथे।वोखुदकोभाग्यशालीमानतीहैंकिउनकाजन्मएकफौजीकेयहांपरहुआ।अपनेइसकरियरकेदौरानवोकईऐसीमहिलाओंसेमिलीजिन्हेंअपनेपरिवारकोइसबातकाविश्वासदिलानापड़ाकिवोइसकेकाबिलहैं।पहलीबारयूएनमिशनकाहिस्साबनीबिंदेश्वरीकेमुताबिकयूएनमिशनपरभेजेजानेवालेजवानोंकीचयनप्रक्रियाकाफीमुश्किलहोतीहै।सारीमुश्किलोंकोपारकरवोयहांतकपहुंचीहैं।उन्होंनेकहाकिअपनेदेशकाप्रतिनिधित्वयूएनमिशनमेंकरनेसेबड़ागौरवउनकेलिएकोईदूसरानहींहोसकताहै।
यूएनमिशनमेंवोएकमूवमेंटकंट्रोलविंगमेंस्टाफऑफिसरहैं।उनकाकामजूबासेमिशनकेएयरमिशनकीनिगरानीकरनाहै।येकामकोईआसाननहींहै।इसकेतहतउन्हेंमिशनमेंशामिलजवानोंऔरअन्यकर्मियोंऔरआने-जानेवालेमालवाहकवाहनोंपरकड़ीनजररखनीहोतीहै।इसकेअलावाहवाईसुरक्षाभीसुनिश्चितकरनाइनकेहीजिम्मेहै।वैश्विकमहामारीकोविड-19मेंयेऔरचुनौतीपूर्णहोजाताहै।इसमेंलास्टमूमेंटपरभीबदलावहोतारहताहै।उनकेमुताबिकयहांपरबारिशकेदिनोंमेंसड़कोंपरकाफीपानीभरजाताहै।ऐसेमेंस्थानीयलोगोंकीमददकरपानाकाफीचुनौतीपूर्णहोताहै।लेकिनइसकेबादभीजवानइसकोपूराकरतेहैंऔरजरूरतमंदोंकीमददकरतेहैं।
बिंदेश्वरीनेबतायाकिउनकादिनसुबहछहबजेशुरूहोताहैऔरयूएनमिशनकीआखिरीउड़ानकेबादहीखत्महोताहै।उन्हेंइसमिशनमेंदोवर्षकासमयहोचुकाहै।अपनेपरिवारऔरबच्चेसेदूरहोनाउनकेलिएएकभावनात्मकपरेशानीजरूरतबनताहै,लेकिनबावजूदइसकेउनकाकामउनकीप्राथमिकतामेंबनारहताहै।उनकाकहनाहैकिउनकापरिवारइसबातकोभलीभांतिजानताहै।उन्होंनेइंटरव्यूमेंबतायाकिउन्हेंयहांपरआनेकेबादजोअनुभवमिलाहैवोपहलेकभीकहींनहींमिला।यहांपरउन्होंनेकाफीकुछसीखाहै।यहांपरस्थानीयलोगउन्हेंदेखतेहीअपनीपरेशानीभूलकरउनकास्वागतकरतेहैं।वोमहिलाहोनेकेनातेदूसरीमहिलाओंकीपरेशानियोंकोसमझतीहैं।यहीवजहहैकिवोबेहिचकउनसेबातकरतीहैं।