कौशांबी।महिलाओंकोपढ़ाकरज्ञानकीज्योतिजलानाशिक्षिकासुषमाचौरसियानेअपनेजीवनकामकसदबनालियाहै।बच्चोंकोशिक्षादेनेकेसाथ-साथमहिलाओंकोउनकेअधिकारोंकेलिएजागरूकभीकररहीहैं।शिक्षककीनौकरीपानेसेपूर्वएकदर्जनसेअधिकमहिलाओंकोशिक्षाकीमुख्यधारासेजोड़करजीवनकोसंवारचुकीहैं।अबस्कूलकीरसोइयावपड़ोसकीमहिलाओंकोभीशिक्षितकररहीहैं।इसकेपीछेउनकीमंशाहैकिमहिलाएंअपनेहककोजानें,जिससेउनकाशोषणनहींहोसके।
योग्यताकेआधारपरवर्ष2002मेंसिराथूबीआरसीक्षेत्रकेप्राथमिकविद्यालयमलाकसद्दीमेंशिक्षकपदपरतैनातग्रेजुएटपासपश्चिमशरीराकीसुषमाचौरसियानेजिनमहिलाओंकोशिक्षितकियाहै,उनमेंकलावती,अनीता,वंदना,राजरानी,माया,आशा,आरती,उर्मिलाआदिशामिलहैंजोअबअच्छीतरहसेलिखवपढ़सकतीहैं।साक्षरहोनेकेबादयेमहिलाएंअपनेअधिकारोंकेप्रतिजागरूकहोनेलगीहैं।इनदिनोंसुषमाचौरसियाबीआरसीसरसवांक्षेत्रकेप्राथमिकविद्यालयपुरवारमेंशिक्षकपदपरसेवाएंदेरहीहैं।प्राथमिकवजूनियरविद्यालयमेंतैनातरसोइयाक्रांति,निर्मला,अंजू,कलावतीवगीतानिरक्षरहैं।उन्हेंभीसुषमास्कूलबंदहोनेकेबादपढ़ातीहैं।
कहतीहैंशिक्षितमहिलाएं
-पहलेपढ़ाईनहींकरपाए,जिससेघड़ीकासमयभीनहींदेखपातेथेऔरनहीअपनानामलिखनाजानतेथे।निरक्षरहोनेकीवजहसेजीवनअजीबलगरहाथा।शिक्षाप्राप्तकरनेकेबादसबकुछआसानहोगयाहै।
-शादीसेपूर्वघरेलूकार्यअधिकथे।इसकीवजहसेपढ़ाईनहींकरपाई।शादीहोनेकेबादसुषमानेमुलाकातहुईऔरउन्होंनेपढ़ाईकेमुझेप्रेरितकिया।आजअच्छीतरीकेसेपढ़नावलिखनाजानतीहूं।
-1995सेमहिलाओंकोकररहीहैंजागरूक।
-गांवकीदर्जनोंमहिलाओंकोबनायाहैसाक्षर।
-महिलाओंकेअधिकारकीदेरहीहैंजानकारी।
-शिक्षितहोनेकेबादमजबूतबनरहींमहिलाएं।