मायावती और अखिलेश के साथ आने में पेंच क्या?

उत्तरप्रदेशविधानसभाचुनावमेंखंडितजनादेशमिलनेकीस्थितिमेंक्याप्रदेशकेकट्टरराजनीतिकप्रतिद्वंद्वीमायावतीऔरमुलायमसिंहकीसमाजवादीपार्टीमेंदोस्तीहोसंभवहै?इससवालपरबीबीसीहिंदीकोदिएअखिलेशयादवकेदिएइंटरव्यूकेबादसेहीकयासलगाएजारहेहैं.

अखिलेशयादवनेबीबीसीकोदिएइंटरव्यूमेंकहाथाकिवहप्रदेशमेंराष्ट्रपतिशासननहींचाहेंगेक्योंकिबीजेपीरिमोटकंट्रोलसेयहांसत्ताचलाएगी.

अखिलेशकेइसबयानकोबिहारमेंलालूऔरनीतीशकेसाथआनेकीतर्जपरदेखाजारहाहै.हालांकिलालूऔरनीतीशनेबिहारमेंचुनावसेपहलेहीगठबंधनकरलियाथा.क्यानीतीशऔरलालूकीतर्जपरमायावतीऔरअखिलेशकेबीचगठबंधनसंभवहै?

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दरअसल,यहबहुतहीपेचीदाऔरमुश्किलसवालहै.इससवालपरसमयसेपहलेविचारकियाजारहाहैक्योंकिअभीचुनावीनतीजेकुछघंटेदूरहैं.ऐसेमेंइसबातकाकेवलअनुमानलगायाजारहाहैऔरकेवलअनुमानकेदमपरऐसेकयासलगाएजारहेहैं.

BBCSPECIAL'हाँअगरज़रूरतपड़ीतो...':अखिलेश

येकयासइसलिएभीलगाएजारहेहैंक्योंकिउत्तरप्रदेशकेबाहरकईऐसेनेताहैंजो2019केलोकसभाचुनावकोलेकरबीजेपीकेख़िलाफ़गोलबंदीकोमजबूतकरनाचाहतेहैं.

इननेताओंमेंममताबनर्जीऔरलालूप्रसादयादवजैसेनेताहैं.येनेतासभीबीजेपीविरोधीदलोंकोएकमंचपरलानाचाहतेहैं.येकोईमहागठबंधनबनानाचाहतेहैं.

इसतरहकीख़बरेंहैंकिममताबनर्जीनेअखिलेशयादवऔरमायावतीदोनोंसेबातकीथी.इसबातचीतमेंइन्होंनेकोईनकारात्मकरुखनहींदिखायाहै.राजनीतिमेंकुछभीअसंभवनहींहोता.

दोनोंपार्टियांएकदूसरेकेलिएअछूतनहींहैंक्योंकि1993मेंदोनोंमिलकरसरकारबनाचुकीहैं.उसकेबादबहुजनसमाजपार्टीकातीनबारभारतीयजनतापार्टीकेसाथगठबंधनहुआ.इसलिएअसंभवकुछभीनहींहै,लेकिननिर्भरइसबातपरकरेगाकिकिसकोकितनीसीटेंमिलतीहैं.

सबसेबड़ापेंचक्याहै?

मायावतीऔरअखिलेशकेसाथआनेमेंसबसेबड़ापेंचमुख्यमंत्रीकीकुर्सीकोलेकरहोगा.इसकेअलावाऔरकईपेंचहैं.मायावतीतीनबारमुख्यमंत्रीरहचुकीहैं,वहसीनियरनेताहैं.

अखिलेशभीमुख्यमंत्रीरहचुकेहैं.ऐसेमेंदोनोंकेलिएएक-दूसरेकामातहतहोकरकामकरनाआसाननहींहोगा.ऐसेभीसंबंधनहींहैंकिएकमुख्यमंत्रीरहेऔरदूसराउपमुख्यमंत्रीपरसंतोषकरले.

दोनोंनेताओंकेस्वभावमेंपावरशेयरिंगकीप्रवृत्तिनहींहै.यदिपावरशेयरिंगकास्वभावहोतातोपहलेजोगठबंधनहुएवेबीचमेंहीनहींटूटते.इसीतरहसेयदिअखिलेशमेंपावरशेयरिंगकीप्रवृत्तिहोतीतोउनकीपार्टीकेभीतरभीझगड़ानहींहोता.

यहकाफीमुश्किलपेंचहै.एकमहत्वपूर्णबातयहहैकि2019मेंलोकसभाकाचुनावहोनाहै.ऐसेमेंमायावतीकाबीजेपीकेसाथजानामुश्किलहै.

यदिकिसीकोबहुमतनहींमिलताहैतोअखिलेशनहींचाहेंगेकिराष्ट्रपतिशासनलागूहोक्योंकियहबीजेपीकेहक़मेंहोगा.खंडितजनादेशकीस्थितिमें1996मेंभीऐसाहोचुकाहै.

बहुमतनहीआनेकीसूरतमेंबीजेपीचाहेगीकिराष्ट्रपतिशासनलगेऔरजोविधायककरोड़ोंखर्चकरजीतेहैंउन्हेंतोड़करअपनेपक्षमेंलायाजासके.

बीजेपीकोबहुमतनहींमिलताहैतोइसकामतलबयहभीनहींहैकिवहबहुमतसेबहुतदूररहेगी.यदिबीजेपीकोथोड़ेबहुमतकीज़रूरतहोगीतोवहआरामसेजुटासकतीहै.

2012केकैंपेनमेंमुलायमसिंहनेमूर्तियांतुड़वानेकीबातकहीथी,लेकिनऐसाकुछहुआनहीं.दोनोंकेबीचअबवैसीकोईदुश्मनीनहींहै.येपब्लिककोदिखानेकेलिएहोताहैऔरयहकोईबाधानहींहै.