माता को गीतों से जगा रही महिलाएं

संवादसूत्र,सिमरिया(चतरा):शारदीयनवरात्रपरसिमरियाबस्तीकीमहिलाएंमाताकोगीतोंसेजगारहीहैं।बस्तीकीमहिलाएंसुबहशामशिवालयस्थितदेवीमंडपपहुंचरहीहैऔरपारंपरिकदेवीगीतोंकागायनकररहीहैं।इनकेगीतोंमेंमाताकीमहिमाकागुणगानऔरमानवकल्याणकीभावनाझलकतीहैं।देवीगीतोंकागायनकररहीमहिलाओंनेबतायाकिनवरात्रमेंमाताकेगीतोंकागायनकीपरंपराकाफीप्राचीनहै।इसेमहिलाएंपहलेसुबहऔरशामढलनेकेबादगातीहैं।नवरात्रकेनौदिनोंतकयहआयोजनचलताहै।उन्होंनेबतायाकिमहिलाओंद्वारासमवेतस्वरमेंगाएगएइनगीतोंसेमाताप्रसन्नहोतीहैंऔरगांवपरअपनीकृपाबनाएरखतीहैं।महिलाओंनेबतायाकिसिमरियाबस्तीमेंआजादीकेपूर्वसेदुर्गापूजाकाआयोजनहोताआयाहै।यहांपर्वकेआयोजनमेंमहिलाएंभीबढ़-चढ़करहिस्सालेतीहै।देवीगीतोंकाआयोजनभीप्रत्येकवर्षहोताहै।सिमरियाबस्तीकीदुर्गापूजामेंमहिलाएंसभीअनुष्ठानोंमेंशामिलहोतीहैं।शामकीमहाआरतीमेंभीगांवकेमहिलाओंकीबड़ीभागीदारीहोतीहै।कोरोनासंक्रमणकेचलतेइसवर्षकाफीएहतियातबरतकरपूजाकाआयोजनकियाजारहाहै।बावजूदस्वास्थ्यविभागकेसभीगाइडलाइनकोपालनकरतेहुएनवरात्रउत्साहऔरभक्तिभावसेमनायाजारहाहै।