कटते कट नहीं रही दुख की रात, करते हैं सुबह होने का इंतजार

खगड़िया।बाढ़सेशहरवासीऔरग्रामीणपरेशानहैं।बाढ़सेघिरेलोगोंकेदिनतोकिसीतरहकटजातेहैं,परंतुरातकाटनामुश्किलहोरहाहै।सांप-बिच्छुकाडरइन्हेंभयाक्रांतकरदियाहै।कईपरिवाररतजगाकरनेकोविवशहैं।सरकारीराहतभीइनपरिवारोंकेलिएकमपड़नेलगाहै।खगड़ियानगरपरिषदकेवार्डनंबर24,योगीराजडा.रामनाथअघोरपीठकेआसपासबसेकरीबतीनसौपरिवारोंकीजिदगीअभीपानीमेंहीकटरहीहै।एमजीमार्गसेबलुआहीबसस्टैंडकेबीचकईदुकानोंकेअंदरपानीहै।गंगावबूढ़ीगंडककेउफानकोदेखकरव्यवसायीभीसहमेहुएहैं।प्रभावितक्षेत्रमेंनावकीव्यवस्थातोकीगईहै,परवहकमपड़रहीहै।पशुपालकभीपरेशानहैं।बिजलीकीव्यवस्थापक्केघरोंमेंचलरहीहै,परंतुझोपड़ियोंमेंरहनेवालेपरिवारकीसुरक्षाकोलेकरफिलहालबिजलीकटवादीगईहै।बीतेदिनोंनगरसभापतिसीताकुमारीवपूर्वनगरसभापतिमनोहरकुमारयादवद्वाराऐसेपरिवारोंकाजायजालियागया।जरूरतमंदपरिवारोंकोहरसंभवसहयोगभीदियाजारहाहै।अंचलप्रशासनद्वारासामुदायिकरसोईसंचालितकियाजारहाहै।परंतु,एकसौसेअधिकपरिवारसामूहिकरसोईमेंनहींजापारहेहैं।महिलाएंजरूरीसामानकीखरीदकोलेकरजानजोखिममेंडालकरबाढ़कापानीपारकरतीहैं।जगह-जगहगड्ढेहैं,जहांअथाहपानीहै।सिद्धपीठअघोरपीठसुनसानहै।दोनोंशामपूजा-अर्चनाकरगेटकोबंदकरदियाजाताहै।कईपरिवारपानीकेबीचरातमेंघरपरहीसोतेहैं।उन्हेंभयहैकिघरछोड़दिए,तोचोरोंकीनिगाहपड़ेगी।कईबाढ़पीड़ितोंनेमहिलाओंऔरबच्चोंकोसगे-संबंधियोंकेयहांभेजदियाहै।अधिकारीदूरसेहीदेखकरचलेजातेहैं

लक्ष्मीदेवी,मांगनदास,सुखलदास,संजयसिन्हा,रामपुकारसिन्हा,मुकेशसाह,लालोयादव,रमेशझा,गणेशठाकुरआदिकाकहनाहुआकिअबतकसूखाराशनभीनहींदियागयाहै।अधिकारीदूरसेहीदेखकरचलेजातेहैं।घरोंमेंरखेअनाज,खानेकेसामानआदिबाढ़केपानीमेंडूबगया।शौचालयमेंभीपानीभरगयाहै।हरसालसेअधिकइसबारबाढ़काप्रकोपहै।कोटबाढ़पीड़ितपरिवारोंकोअविलंबसूखाराशनआदिदियाजाए।अनुदानउनकेखातेमेंभेजेजाए।रातमेंपुलिसजलमार्गसेगश्तीकरे।-रणवीरकुमार,नगरपार्षद,वार्डनंबर24,खगड़िया