कृत्रिम घोंसलों में लौटने लगी है गौरेया

जेएनएन,मुजफ्फरनगर।कभीघर-आंगनकीप्यारीनन्हींचिड़िया(गौरैया)खूबफुदकतीदिखतीथी,लेकिनमौजूदादौरमेंइसप्रजातिपरसंकटकेबादलछागएहैं।गौरैयाकेसंरक्षणकेलिएलोगोंनेपहलभीकीहै,जोकारगरसाबितहोरहीहै।गौरैयाकृत्रिमघोंसलोंमेंलौटरहीहैं,जिससेइनकेसंरक्षणमेंमददमिलरहीहै।वनविभागभीगांवोंमेंगौरैयाकेप्रतिजागरूकताफैलारहाहै।शोधार्थीआशीषकेमुताबिकपश्चिमीउप्र,उत्तराखंड,पंजाबवहरियाणामेंगौरैयाकेसंरक्षणकोबढ़ावामिलरहाहै।पश्चिमीउप्रमेंचलारहेघोंसलारखनेकीमुहिम

ग्राफिकएराविश्वविद्यालयकेछात्रआशीषकुमारकाकहनाहैकिवहपक्षियोंकेजीवनवप्रजननआदिपरशोधकररहेहैं।ब्रिटेनकीरायलसोसायटीप्रोटेक्शनआफब‌र्ड्सकेगौरैयाकोलालसूचीमेंदर्जकरनेपरवहपश्चिमीउप्रकेसहारनपुर,मुजफ्फरनगर,बुलंदशहरवगाजियाबादआदिस्थानोंपरजागरूकतामुहिमचलारहेहैं।इसमुहिममेंवेअपनेसाथियोंकेसहयोगसेकरीब250सेअधिककृत्रिमघोंसलेलगाचुकेहैं।इनमेंकरीब80से90घौंसलोंमेंगौरैयानेनिवासबनायाहै।मुजफ्फरनगरकेचरथावल,जानसठवखतौलीक्षेत्रमेंगौरैयाकीसंख्याबढ़ीहै।

आशियानेकेसाथभोजनभीसिमटा

प्राकृतिकरूपसेगौरैयाकाआवासकच्चेमकान,झोपड़ीआदिथे,लेकिनपक्केमकानोंसेयहचिड़ियादूरीबनारहीहै।गौरैयाघरेलूऔरपालतूपक्षीहै।यहइंसानऔरउसकीबस्तीकेआसपासरहनाज्यादापसंदकरतीहै।यहअक्सरझुंडमेंरहतीहै।बढ़तेरासायनिकउर्वरकोंकाप्रयोगगौरैयाकेलिएभोजनकीचिताबनगयाहै।रसायनोंकेअंधाधुंधप्रयोगसेभूमिमेंपाएजानेवालेकीड़े-मकोड़ेविलुप्तहोरहेहैं।इनकाकहनाहै..

गौरैयासंरक्षणकेलिएविभागीयस्तरसेपहलकीजारहीहै।गंगाखादरक्षेत्रोंकेसाथआसपासकेगांवोंमेंगौरैयाकोसंरक्षणदेनेकेलिएलोगोंकोजागरूककियाजारहाहै।वेटलैंडमेंभीकृत्रिमघोंसलेलगाएजाएंगे।

-सूरज,डीएफओ,मुजफ्फरनगर।