खतरे में स्कूल जाने वाले नौनिहालों की जान

मैनपुरी:घरसेस्कूलतककासफरआपकेनौनिहालकेलिएखतरनाकसाबितहोसकताहै।शहरमेंअधिकांशस्कूलवाहनमानकोंकीअनदेखीकरफर्राटाभररहेहैं।जबभीकोईहादसाहोताहैतोकुछदिनोंतकप्रशासनसर्तकहोजाताहै,लेकिनकुछदिनोंबादमेंसबठंडेबस्तेमेंचलाजाताहै।यहीलापरवाहीदोबाराहादसोंकाकारणबनतीहै।

शहरमेंदोसैकड़ासेअधिकछोटे-बड़ेस्कूलसंचालितहैं।इनमेंसेलगभगएकसैकड़ास्कूलऐसेहैं,जिनमेंस्कूलवाहनोंकासंचालनकियाजारहाहै।स्कूलवाहनकेरूपमेंटेंपो,मैजिकवस्कूलबसेंप्रयोगकीजारहीहैं।सड़कपरदौड़तेस्कूलवाहनोंमेंलापरवाहीकीसारीहदेंपारकरदीजातीहैं।टेंपोंमेंजहां20सवारियांबैठाईजातीहैंतोवहींमैजिकमेंभीयहीहालरहताहै।नियमानुसारस्कूलवाहनकीसभीखिड़कियोंपरलोहेकीग्रिलयाजालीलगीहोनीचाहिए।जिससेकोईभीबच्चाअपनाहाथ-पैरबाहरननिकालसके।लेकिनयहांजालीतोदूरकीबातहै,खिड़कीतकहटादीजातीहै।वाहनोंमेंअधिकबच्चेबैठानेकेलिएअलगसेसीटेंभीलगालीजातीहैं।छोटे-छोटेबच्चेखतरेसेअनजानहोतेहैंकिउनकीछोटीसीलापरवाहीउनकीजानपरभारीपड़सकतीहै।अधिकांशस्कूलवाहनऐसेहैं,जिनकानतोबीमाहैऔरनहीफिटनेस,इसकेबादभीवेबेखौफफर्राटाभररहेहैं।जबभीकभीकोईहादसाहोताहैतोलोगऐसेस्कूलवाहनोंमेंअपनेबच्चोंकोनभेजनेसेतौबाकरलेतेहैं।प्रशासनभीआननफाननमेंस्कूलवाहनोंपरकार्रवाईकरताहै,लेकिनकुछहीदिनोंमेंसबकुछठंडेबस्तेमेंचलाजाताहै।नतोलोगोंकोहादसायादरहताहैऔरनहीप्रशासनको।येनींदतबतकनहींटूटतीहैजबतककिकोईदूसराहादसानहो।स्कूलसंचालकोंकीयेलापरवाहीउनमासूमोंकेलिए¨जदगीकाआखिरीसफरसाबितहोतीहै,जिनकीकोईगलतीहीनहींहोतीहै।स्कूलवाहनोंकीलगातारअभियानचलाकरचे¨कगकराईजातीहै।जोभीवाहनमानकोंकीअनदेखीकरतेहैं,उनकेखिलाफकार्रवाईकीजातीहै।सभीस्कूलसंचालकोंकेसाथबैठककरभीउन्हेंमानकोंकापालनकरनेकेसमय-समयपरनिर्देशदिएजातेरहतेहैं।

डॉ.कौशलेंद्रप्रताप,प्रवर्तनअधिकारी,मैनपुरी।