खर्चीले नहीं थे चुनाव, लहड़ू, घोड़ी और साइकिल से होता था चुनाव प्रचार

लखीमपुर:राजनीतिकेपुरानेदिग्गजमोहद्दीनपुरकेइंद्रपालसिंहऔरपसगवांकेश्यामबाबूगुप्ताआजकेनेताओंकीकार्यपद्धतिसेकाफीआहतहैं।अपनेसमयकोयादकरतेहुएबतातेहैंकितबचुनावखर्चीलेनहींहोतेथे।लहड़ू(छोटीबैलगाड़ी),घोड़ीऔरसाइकिलसेचुनावलड़ेजातेथे।कार्यकर्तानि:स्वार्थभावसेजुटतेथेऔरनेताओंकासमर्पणजनताऔरपार्टीकेप्रतिरहताथा।

जनसंघकेसंस्थापकपंडितदीनदयालउपाध्यायकीकर्मभूमिरही।मोहम्मदीविधानसभामेंचुनावसीमितसंसाधनोंसेलड़ेजातेरहेहैं।पसगवांब्लाककेतीनबारब्लाकप्रमुखरहेऔरराजनाथसिंहकेमुख्यमंत्रित्वकालमेंभाजपाकेजिलाध्यक्षरहे93वर्षीयठाकुरइंद्रपालसिंहबतातेहैंकिउनकेबड़ेभाईठाकुरश्रीपालसिंहजनसंघकीस्थापनाकेसमयसे1968तकजनसंघकेजिलाअध्यक्षरहे।इसदौरानपंडितदीनदयालउपाध्यायकामोहम्मदीआना-जानारहा।कईबारवहउनकेघरमोहिउद्दीनपुरभीआए,वहभीसाइकिलसे।उन्होंनेपंडितदीनदयालउपाध्यायसेबहुतकुछसीखा।उन्होंने1952केप्रथमविधानसभासेअबतककेकईचुनावकेबारेमेंबतायाकिचुनावखर्चीलेनहींहोतेथे।साइकिल,घोड़ी,लहडू(छोटीबैलगाड़ी)सेचुनावप्रचारहोताथा।कार्यकर्ताओंकेसहयोगसेप्रबंधकरकेएकजीपसेहीपूराचुनावलड़लेतेथे।उन्होंनेबाबूमन्नालालकोतीनबारचुनावलड़ायाऔरजितायाभी।

पसगवांनिवासी82वर्षीयश्यामबाबूगुप्तानेअपनेजीवनकाअधिकांशसमयकांग्रेसमेंव्यतीतकिया।सेवारामऔरबंशीधरराजकोवेचुनावलड़वातेरहेहैं।वहबतातेहैंकिआजकाचुनावकाफीहाईटेकऔरखर्चीलाहोगयाहै,लेकिनमानवीयमूल्योंकाक्षरणहुआहै,यहांतककिबोलनेकालहजाबदलगयाहै।दोनोंदिग्गजमौजूदासमयकेनेताओंकीकार्यपद्धतिसेकाफीआहतदिखे।उनकाकहनाकिआजकेसमयमेंनेतागिरीधनार्जनकेलिएकीजारहीहैजबकिपहलेजरूरतमंदोंसेजुड़नेऔरसेवाभावथा,ईमानदारीऔरकर्मठताथी।उन्होंनेत्यागऔरईमानदारीकेलिएनानाजीदेशमुखसहितकईनेताओंकेउदाहरणदिए।उन्होंनेयुवाओंकोसंदेशदियाकिवेईमानदारीसेजनसेवाकरेंऔरमतदानजरूरकरें।