सुलतानपुर:प्रख्यातकथाकारसंजीवकाजिलापंचायतसभागारमेंरविवारकोअभिनंदनकियागया।संजीवअमृतमहोत्सवसमितिएवंसृजनपीठसाहित्यिकसंस्थाकेसंयोजनमेंआयोजितसमारोहमेंवक्ताओंनेकहाकिउन्होंनेअपनीकहानियोंवउपन्यासोंकेजरिएसामाजिकबुराइयोंपरजोरदारप्रहारकियाहै।उन्हेंप्रेमचंदकीपरंपराकामहत्वपूर्णकथाकारबतायागया।
पहलेसत्रमेंकार्यक्रमकासंचालनकरतेहुएकविडा.डीएममिश्रनेउनकेव्यक्तित्ववकृतित्वपरसंक्षिप्तचर्चाकी।कहाकिसमाजसुधारकेप्रतिअपनीकहानियोंमेंसंजीवचितितनजरआतेहैं।उनकीकहानियांजनपीड़ाओंऔरसामाजिककुरीतियोंकोसामनेलातीहैं।आसनसोलकेकथाकारशिवकुमारयादवकेकहानीसंग्रहभूर-भू-स्वाहाकाविमोचनभीइसअवसरपरकियागया।बस्तीसेआएकविअष्टभुजाशुक्लकेमुख्यआतिथ्यवरांचीकेप्रख्यातआलोचकरविभूषणकीअध्यक्षतामेंसाहित्यकारोंनेसंजीवकेसाहित्यपरचर्चाकी।
दूसरेसत्रमेंसाहित्यविमर्शकार्यक्रमहुआ।युगतेवरपत्रिकाकेसंपादककमलनयनपांडेयनेकहाकिसंजीवकोखोजीप्रवृत्तिकापत्रकारकहाजाताहै।वहआत्मस्थापनाकीकुंठासेमुक्तहैं।रविभूषणनेकहाकिवहपीड़ावबेचैनीकेकथाकारहैं।उन्हेंभारतीयकथाकारकहाजानाचाहिए।साहित्यकारसत्यकासंरक्षकहोताहैऔरयहसमयझूठकाहै।इसीकेविरुद्धरचनाकारअपनीकलमचलाताहै।संजीवइसमेंपारंगतहैं।वक्ताओंनेकहाकिसंजीवनेस्थानीयताकोवैश्विकस्तरकाबनादिया।इनकीकहानियांजीवनकाआख्यानहैं,लेकिनपूर्णकालिकहैं।कथाकारशिवमूर्तिनेउन्हेंवंचिततबकेकेनायकोंकोअपनीरचनाओंकाविषयबनाया।
लखनऊकेआलोचकवीरेंद्रयादवनेकहाकिउन्होंनेप्रेमचंदकीपरंपराकाअतिक्रमणभीकियाहैऔरविस्तारभी।तदभवपत्रिकाकेसंपादकअखिलेशनेकहाकिअसहमतिकेविरुद्धलिखनाहीउनकेलेखनकाप्रस्थानबिन्दुहै।उन्होंनेअपराधकहानीकाजिक्रकिया,कहाकिइसएककहानीनेसंजीवकोरातोरातकथासाहित्यकाहीरोबनादियाथा।केएनआइकेप्राचार्यडा.राधेश्यामसिंहनेकहाकिऐसेसाहित्यकनायककाजनपदमेंअभिनंदनकरनागर्वकाविषयहै।मुरादाबादकेउर्दूकथाकारनदीमराइनी,इलाहाबादकेकविहरेंद्रमौर्य,डा.सुशीलकुमारपांडेयसाहित्येंदु,सूर्यदीनयादव,बस्तीकेआलोचकरघुवंशमणि,राकेश,आशारामजागरथ,डा.आद्याप्रसादप्रदीप,डा.ओंकारनाथद्विवेदी,डा.मन्नानसुलतानपुरी,प्रेमपुष्पमिश्र,सोमेशशेखर,हरिलालशुक्ल,वाईपीशाही,श्यामनारायणश्रीवास्तव,परवेजकलीमआदिसाहित्यकारउपस्थितिरहे।