संवादसूत्र,प्रतापगढ़:पहलेपुलिसअधीक्षकआवासपरआधादर्जनसेअधिकबतखपालेगएथे।नएएसपीसतपालअंतिलनेइनसभीबतखोंकोकंपनीबागमेंभेजवादिया।नएठिकानेपरपहलेतोगुमसुमरहीं,लेकिनअबउन्हेंनएसाथीमिलगएहैं,उनकेस्वभावमेंपरिर्वतनभीआरहाहै।सुबहऔरशामपार्कमेंलोगोंकीचहल-पहलबढ़जातीहैऔरलोगइन्हेंप्यारसेपुचकारतेहैं।धीरे-धीरेनएसाथीपाकरअबइनकामनकंपनीबागमेंलगनेलगाहै।कंपनीबागमेंदर्जनभरकबूतरोंकोभीलोगोंनेअपनेघरोंसेयहांपरशिफ्टकरदियाहै।नगरपालिकाइनकीदेखरेखकररहीहै।
शहरकेकंपनीबागमेंखरगोशवबतखकीसंख्यादिनपरदिनबढ़रहीहै।पहलेकंपनीबागमेंबतखकीसंख्यादसथी।जोअबबढ़कर25होगईहै।शहरकेसिविललाइन,सदरबाजारवअन्यवार्डकेकुछलोगोंनेअपनी-अपनीबतखोंकोकंपनीबागमेंलाकरछोड़दियागया।इसीतरहखरगोशकीसंख्याभीपांचसेबढ़करदसहोगईहै।इनबतखोंकानामहीराहै।ऐसालगताहैकिवहएक-दूसरेसेपरिचितहैं।सुबहवशामयहांसैरकरनेआनेवालेलोगजबआतेहैंतोबतखोंकोउनकीचहलकदमअच्छीलगतीहै।लोगउन्हेंप्यारसेगेहूं,ब्रेड,चनाऔरबिस्किटखिलातेहैं।वहीं,बहुतसेलोगखरगोशकोगाजर,चुकंदरवघासखिलानापसंदकरतेहैं।
-उड़ादिएगएदर्जनभरकबूतर
कंपनीबागमेंपहलेदर्जनभरकबूतरपालेगएथे।काफीसालोंतकउनकीदेखरेखहुई।माहभरपहलेउनसभीकबूतरोंकोछोड़दियागया।
नगरपालिकाअपनेश्रोतसेइनकीदेखभालकररहीहै।समय-समयपरइनकाइलाजभीकरायाजाताहै।यहकंपनीबागकीसुंदरताकोबढ़ारहेहैं।
-मुदितसिंह,ईओनगरपालिका