काशी में बिरजू महाराज को शिष्‍याओं ने दी नृत्‍यांजलि, विदायी में भीग उठीं सभी की पलकें

वाराणसी,जागरणसंवाददाता। मोक्षकीनगरीकाशीसंगीतकेक्षेत्रमेंयूनेस्‍कोमेंविश्‍वविरासतकेतौरपरदर्जहै।संगीतकारोंकीनगरीकाशीमेंसंगीतकामानहीनहींबल्किहरघड़ीसुरोंमेंपगीकाशीकीपरंपरामेंसुरोंकीसाधनाकाअपनामानरहाहै।कथकसम्राटबिरजूमहाराजभलेकीलखनऊघरानेकेथेलेकिनकाशीमेंभीउनकीगहरीजड़ेंरहीहैं।इसलिहाजसेकाशीकेशिष्‍यभीगुरुकोनमनकरनेशनिवारकीसुबहपहुंचेतोसंगीतांजलिऔरनृत्‍यांजलिकेपलोंनेलोगोंकोअतिभावुककररहा।हरआंखबहरहीथीमानोगुरुकेजानेकेबादएकविरासतलंबेसमयतकखालीरहनेवालीहै।

मधुरध्वनिमेंगूंजतेरहे-'मेरेसंगनाचजैसे...अंतकाल...नजरभरनिहारा'औरसुरोंसेपगेकदमोंकेथापनेलोगोंकोसंगीतकीएकसशक्‍तकड़ीकेअलगहोनेकीमीमांसामाहौलकोकलशयात्राकेविदायीपलोंमेंनजरआतीरही। नटराजसंगीतअकादमीमेंरागिनीसमेतकईशिष्यऔरशिष्याओंनेनृत्यंजलीअर्पितदी।इसदौरान

बड़ीसंख्यामेंमौजूदप्रशंसकपंडितबिरजूमहाराजयादमेंफफकपड़े। पुष्पांजलिदेनेवालोंमेंकांग्रेसनेताअजयरायवराघवेंद्रचौबेभीशामिलरहे।

पंडितजयकिशनमहाराजनेबतायाकिपरिवारसेबनारसपांचसदस्यआयेहैं।मेरेसाथबेटात्रिभुवन,रजनी,यशस्विनीऔररागिनीआयेहैं।पंडितबिरजूमहाराजकेकुलपांचपुत्र-पुत्रियांहैं।तीनपुत्रियोंमेंकवितामिश्रपतिसाजनमिश्र,अनीताऔरममताशमिलरहे।पत्नीअन्‍नपूर्णादेवीबनारसकेहीकबीरचौरासेसंबंधितरहीहैं।

बिरजूमहाराजकाजन्मचारफरवरी1938कोहुआथा।वेकालकाबिंदादीनघरानेकेसातवींपीढ़ीसेरहेहैं।पंडितजयकिशनमहाराजनेबतायाकि हमआठवींपीढ़ीकेहैंजबकिबेटात्रिभुवननौंवीपीढ़ीहैं।येपंरपराआगेभीजारीरहेगी।छोटेभाईदीपकमहाराजक्रियापरबैठेहैं।शम्भूमहाराजकेबेटेकिसनमहाराज,भष्वितीमिश्रा,शश्वीतिभीआयेहैं।शिष्यासंगीतासिन्हाकेअतिरिक्तबनारससेजुड़ेकईशिष्यइनविदायीकेपलोंमेंमौजूदरहे।

यहभीपढ़ें: वाराणसीमेंपद्मविभूषणपं.बिरजूमहाराजकीअस्थियांगंगामेंहोंगीविसर्जित,शिष्‍याओंनेदीनृत्‍यांजलि

यहभीपढ़ें: काशीमेंकथकसम्राटबिरजूमहाराजकाअस्थिकलशदर्शनकोउमड़ासंगीतसमाज