अर्जुनराममेघवाल
दुनियापानीकोलेकरविकरालसंकटसेजूझरहीहैतोभारतभीइससेअछूतानहींहै।हालातयहांतकपहुंचगएकिसंयुक्तराष्ट्रको1993में22मार्चकोविश्वजलदिवसघोषितकरनापड़ा।इसकाप्रयोजनसंयुक्तराष्ट्रकेतत्वाधानमेंसभीसरकारोंऔरअन्यसंबंधितपक्षोंकेसाथमिलकरजलसंकटसमाधानकेलिएमिलकरकामकरनेसेहै।इसीअंतरराष्ट्रीयसंस्थाद्वारासहस्नाब्दिविकासलक्ष्योंयानीएमडीजीकेबादसितंबर,2015मेंजिससततविकासलक्ष्ययानीएसडीजीकोचुनागयाउसमेंभीमानवअस्तित्वकेलिएबेहदजरूरीजलकोलेकरविशेषध्यानदिएजानेपरजोरदियागयाहै।इनचुनौतियोंकातोड़निकालनेकेबीचअबविभिन्नमंचोंपरजलवायुपरिवर्तनकीचिंतापरचर्चाभीआमहोगईहै।
जलप्रबंधनसेजुड़ेपहलुओंपरसार्थकचर्चाकेलिएभारतमेंभीवर्ष2012सेवार्षिकनीतिगतसंवादभारतजलसप्ताहकीशुरुआतहुईहै।इससालभीभारतसरकारकेजलसंसाधन,नदीविकासऔरगंगापुनरोद्धारमंत्रालयकेतत्वाधानमेंइसकेपांचवेंसंस्करणकाआयोजनकियाजारहाहै।10से14अक्टूबरतकहोनेवालेइसआयोजनकीथीमहै-‘समावेशीविकासकेलिएजलऔरऊर्जा।’मैंइसदिशामेंतत्कालकदमउठानेकीहिमायतइसलिएकरताहूं,क्योंकिबहुमूल्यप्राकृतिकसंसाधनबेहदसीमितहैं।अंधाधुंधदोहनसेवेतेजीसेसिकुड़तेजारहेहैं।संयुक्तराष्ट्रकेखाद्यएवंकृषिसंगठनयानीएफएओकेअनुसारपेयजलकेलिएभलेहीरोजानाप्रतिव्यक्ति2से4लीटरपानीकीजरूरतपड़तीहो,लेकिनकिसीव्यक्तिकेलिएएकदिनकाभोजनतैयारकरनेमें3,000से5,000लीटरपानीकीजरूरतपड़तीहै।उसकाअनुमानहैकिवर्ष2050तकवैश्विकजलसंपदापर2.7अरबकीअतिरिक्तआबादीकेभरण-पोषणकाबोझभीपड़नेवालाहै।भारतमेंभीप्रतिव्यक्तिजलउपलब्धता2010में1608घनमीटरकेमुकाबले2050तकघटकर1139घनमीटररहजाएगी।चूंकिविकासकेमोर्चेपरभारततेजीसेछलांगलगारहाहैजिससेपानीकीजरूरतभीबढ़ेगी,ऐसेमेंयहांजलकासमुचितप्रबंधनउतनाहीअधिकमहत्वपूर्णहोगा।फिलहालदेशकीआधीसेअधिककामकाजीआबादीखेतीसेजुड़ीहैजिसमेंसिंचाईकीअहमभूमिकाहै।भारतमेंजलसंसाधनोंका85फीसदसिंचाईमेंउपयोगहोताहै।मानसूनकीबिगड़ीचालऔरवर्षाकेअसमानवितरणसेजहांबुंदेलखंड,विदर्भ,राजस्थान,गुजरात,मध्यप्रदेश,आंध्रप्रदेशऔरतेलंगानाकेकुछइलाकेसूखेकीमारझेलरहेहैंतोअसम,बिहार,छत्तीसगढ़जैसेदेशकेकईइलाकेबाढ़कीविभीषिकासेपरेशानहैं।यहअसंतुलननकेवलकृषि,बल्किग्र्रामीणविकास,पर्यावरण,विनिर्माणऔरकारोबारीसेवाओंकोभीप्रभावितकररहाहैजिसकाखामियाजाअर्थव्यवस्थाकोउठानापड़रहाहै।आवश्यकताहैकिइसदुर्लभसंसाधनकेसंरक्षणकेलिएगंभीरऔरसततप्रयासकिएजाएंजिसमेंराज्यसरकारों,पंचायतीराजसंस्थानों,सामुदायिकसंस्थानोंऔरपारिवारिकसेलेकरवैयक्तिकस्तरपरभागीदारीजरूरीहोगी।जलसंसाधनप्रबंधनकेलिएसरकारनेकुल30लिंकचिन्हितकिएहैंजहांअधिशेषजलराशिवालेइलाकोंसेपानीकिल्लतवालेक्षेत्रोंमेंपहुंचायाजाएगा।इसयोजनामें16लिंकप्रायद्वीपीयभारतऔर14हिमालयीक्षेत्रमेंहैं।नदियोंकोजोड़नामौजूदासरकारकीप्राथमिकताओंमेंशामिलहैजिसमेंअधिशेषवालेक्षेत्रोंसे170अरबघनमीटरपानीकोकिल्लतवालेक्षेत्रोंमेंपहुंचानेकालक्ष्यहै।इससे3.5करोड़अतिरिक्तभूमिसिंचितहोगी।बाढ़सेनिजातकेअलावानौवहन,पेयजलसहिततमाममोर्चोंपरसहायतामिलेगी।देशमेंजलप्रबंधनकोतार्किकऔरसंतुलितबनानेकेलिएहमेंपानीकीआपूर्तिऔरउसकेवितरणकीनएसिरेसेसमीक्षाकरनीहोगी।सड़क,रेलऔरकईअन्यमाध्यमोंमेंनिवेशकीतुलनामेंसिंचाईमेंहुआनिवेशकहींज्यादाजल्दीफलीभूतहोताहै।इसेध्यानमेंरखतेहुएसरकारने2015मेंप्रधानमंत्रीकृषिसिंचाईयोजनाकाआगाजकिया।परड्रॉप,मोरक्रॉपयानीकमसिंचाईमेंअधिकफसलकोसरकारनेअपनामंत्रबनायाहै।इसमेंसूखाप्रभावितक्षेत्रोंकोतरजीहदीजारहीहै।राज्यऔरजनपदस्तरकीयोजनाओंमेंसिंचाईकीमदमेंकिएजानेनिवेशकोसाथजोड़तेहुएइसयोजनाकोसिरेचढ़ायाजारहाहै।पूराध्यानखेतमेंपानीकेबेहतरउपयोगऔरसिंचाईक्षमताऔरउपयोगितामेंखाईपाटनेपरहै।समग्र्र-एकीकृतदृष्टिकोणकेसाथजलक्रांतिअभियानजैसीयोजनाभीसभीपक्षोंकीभागीदारीकेसाथलागूहोरहीहैजिसकामकसदजलसंरक्षणकोजनआंदोलनबनानाहै।सरकारनेनेशनलवॉटरइन्फोर्मेटिक्ससेंटरकीस्थापनाकीजोजलसंसाधनोंकेराष्ट्रव्यापीआंकड़ेतैयारकरेगा।नदियोंकीसफाईएकअनवरतप्रक्रियाहै।इसमेंनमामिगंगेपरियोजनाउम्दाउदाहरणहै।इसकेतहतविभिन्नतरहकीगतिविधियोंवाली173योजनाएंसंचालितहोरहीहैंजिसमेंघाटोंकीसफाईसेलेकरगांव-शहरोंकीस्वच्छताभीशामिलहै।173में41परियोजनाएंतोपूरीभीहोचुकीहैं।गंगामेंगंदगीफैलानेवालेउद्योगोंपरसरकारीसख्तीकाहीअसरहैकिगंगामेंप्रवाहितहोनेवालेप्रदूषकोंकीतादादमें35प्रतिशतकीकमीआईहै।देशभरमेंबांधसुरक्षाकेलिएभीबांधपुनर्वासएवंसुधारपरियोजनायानीडीआरआइपीचलाईजारहीहै।चूंकिपानीकामसलासंविधानकीसातवींअनुसूचीमेंराज्यसूचीमेंआताहै,ऐसेमेंअंतर-राज्यजलविवादऔरउनकाउचितसमाधानकेंद्रसरकारकेलिएबड़ीचुनौतीहै।अंतर-राज्यनदीजलविवादअधिनियम,1956केतहतविवादोंकोसुलझानेकेलिएवर्तमानमें8ट्रिब्यूनलहैं।सरकारसंशोधितराष्ट्रीयजलनीतिपरकामकररहीहैजिसमेंकेंद्रीयस्तरपरएकस्थाईजलविवादट्रिब्यूनलबनानेकेसाथहीविवादसमाधानसमितिबनानेकीयोजनाहैजोराज्योंकेजलसंबंधीविवादोंकासमाधाननिकालेगी।इसकेलिए1956केकानूनमेंसंशोधनकेमकसदसेसरकारइससाललोकसभामेंनयाविधेयकपेशभीकरचुकीहै।जलप्रबंधनकेलिएसरकारकेकईमंत्रालयऔरविभागभीकंधेकेकंधामिलाकरकामकररहेहैं।सीवेजपाइपलाइनसेलेकरशौचालयनिर्माणऔरप्लंबरकाकौशलसिखानेकेलिएजलसंसाधनमंत्रालयनेकौशलविकासएवंउद्यमितामंत्रालयसेकरारभीकियाहै।पानीकेपुन:इस्तेमालकोलेकररेलमंत्रालयऔरइंडियनऑयलकेसाथभीयोजनाबनाईहै।बिजलीमंत्रालयनेतोसंयंत्रोंकेलिएअनिवार्यकियाहैकिवेसीवेजसंयंत्रके50किलोमीटरकीपरिधिमेंमौजूदहोंतोबिजलीबनानेकेलिएउसकेपानीकाहीइस्तेमालकरें।पानीकेपुन:उपयोगकोलेकरविभिन्नमंत्रालयों,सार्वजनिकउपक्रमों,राज्यसरकारोंऔरअन्यसंस्थाओंकेसाथसहयोगकीसंभावनाएंतलाशीजारहीहैं।जाहिरहैजलसंसाधनोंकेसततविकासकेलिएमौजूदासरकारनेतमामप्रयासकिएहैंऔरजबइनप्रयासोंकोसभीवर्गोंकासाथमिलेगातोभारतनिश्चितरूपसेजलकोलेकरसंवेदनशीलसमाजबनजाएगा।[लेखककेंद्रीयजलसंसाधनराज्यमंत्रीहैं]