जिदा रहने के लिए जाना होगा परदेश

बांका।सोमवारकीसुबहसमुखियाबाजारकेआसपासकईलग्जरीबसेंखड़ीथी।इसपरकामगारसवारथे।डोमाखांडमोड़परभीबसोंकेपासबड़ीसंख्यामेंमजदूरइकट्ठाहोरहेथे।सिरामिककॉम्पलेक्सकेपासभीबसेंखड़ीथी।सड़ककिनारेपेड़केनीचेसैकड़ोंकामगारसुस्तारहेथे।हरचेहरेपरपरदेशजानेकीखुशीऔरघरछोड़नेकादुखएकसाथदिखरहाथा।पूछनेपरपहलेसभीसकुचाजातेहैं।फिरबतातेहैंकिबंगलुरुसेठेकेदारनेबसभेजीहै।हमलोगकामपरजारहेहैं।धानरोपनीखत्महोनेकेबादपिछलेएकपखवारासेकटोरिया,चांदनसेलेकरबांकातकऐसादृश्यहरजगहदिखरहाहै।कटोरियाकेभलुआकुरा,हिडोलावरणआदिसेसैकड़ोंकामगारपिछलेसप्ताहरवानाहुएहैं।कामगारोंकेहीमुताबिक10हजारकामगारकापलायन15दिनोंमेंहोचुकाहै।डांड़ा,जगाय,रामपुर,रामनगर,कदरसीहरटोलेमुहल्लेकादर्जन-दोदर्जनकामगारबसोंमेंसवारहैं।इनकेजानपहचानवालेकईऔरगांवोंसेलोगोंकाजुटानहोरहाहै।

चार-पांचसौकमानेवालोंको10रुपयेभीनसीबनहीं

बंगलुरुकेलिएनिकलरहेकामगारअजयलैया,बटेश्वर,सुधीर,सुरेंद्रमोहलीनेबतायाकिअबकोरोनारहेयाजाए,अगरजिदारहनाहैतोउनलोगोंकोपरदेशजानाहीहोगा।धानरोपनीमेंलोगोंकोदो-चारदिनकाभीकामनहींमिला।घरमेंउनलोगोंकेपासनाखेतीहैनआसपासमजदूरीमिलरहीहै।सरकारकाभरोसामिलाथाकियहींकाममिलेगा।परसबहवाहवाईरहगई।परदेशमेंसभीलोगखा-पीकरचार-पांचसौरुपयेकमातेथे।घरमेंपांच-दसरुपयेकेलिएभीदिनभरतरसरहेहैं।ऐसेमेंघर-परिवारचलानेकेलिएपरदेशजानेकेसिवाउनलोगोंकेपासकोईउपायनहींहै।

डेढ़लाखलौटेकामगारोंकोनहींमिलाकाम

कोरोनाकालमेंमार्चसेजुलाईतकजिलामेंडेढ़लाखकेकरीबकामगारघरलौटेहैं।सरकारीआंकड़ोंमेंभीइसकीसंख्याएकलाखकेकरीबपहुंचगईथी।उम्मीदथीकिचुनावतकइनकामगारोंकापरदेसलौटानामुश्किलहोगा,लेकिनदोरोटीकीमजबूरीनेकोरोनाकेखौफकोखत्मकरदियाहै।कामगारोंनेबतायाकिबंगलुरू,तमिलनाडू,सिकंदराबादहरजगहसेलोगोंकोपिछलेमहीनेसेफोनआरहाहै।लॉकडाउननेवाहनकासाधननहींहोनेसेमुश्किलहोरहाथा।अबखुदठेकेदारघरपरबसेंभेजरहाहैतोनिकलरहेहैं।