जौनपुर में देवनाथ की गोशाला में है लक्ष्मी और पार्वती का वास, 20 वर्ष पूर्व गायों की सेवा का लिया था संकल्प

जागरणसंवाददाता,जौनपुर।करीब18वर्षोंसेदेवनाथशुक्लगोसेवाकररहेहैैं।2003मेंनासिककेकुंभमेलेमेंएकसंतकेकहनेपरगायोंकीसेवाकासंकल्पलियाथा।वहांसेलौटेतो1500रुपयेमेंएकगायखरीदी।नामरखालक्ष्मी।आजउसीलक्ष्मीसे45गोवंशोंकीसंख्याहोगईहैं।इनमें34गायऔर11बछड़ेहैैं।इसमेंगायोंकालक्ष्मी,सरस्वतीवपार्वतीतोबछड़ोंकामुरारी,बनवारीवनंदलालनामरखेहैं।इनकीगोसेवादेखकरबरबसहीलोगोंमुंहसेनिकलपड़ताहैकिइनकाजीवनधन्यहै।बदलापुरकस्बेसेउत्तरशाहगंजमार्गस्थितऊदपुरगेल्हवां(दाउदपुरबरुआन)निवासी58वर्षीयदेवनाथशुक्लनासिककेमहाकुंभमेंगएथे।वहांएकसंतनेइन्हेंगोसेवाकेमहत्वकोबतातेहुएगायोंकीसेवाकरनेकोकहतेहुएसंकल्पदिलाया।वहांसेआनेकेबादसंकल्पकेमुताबिकगोवंशोंकीसेवामेंलगेहैं।सुबह-शामसभीकोचारा-पानीदेनेकेबाददिनमें11बजेचरनेकेलिएछोड़देतेहैं।शामकोवापसआनेपरचारादेनेकेबाददूधनिकालतेहैं।जिसकोजरूरतमंदोंकोदेनेकेसाथहीअपनेघरमेंहीउपयोगकरतेहैं।

जनसहयोगसेकरतेहैंचारेकीव्यवस्था

देवनाथबतातेहैंकिइनकेदानावचारेकीव्यवस्थाक्षेत्रकेकुछमानिंदलोगोंसेसहयोगलेकरकरतेहैं।कुछगोबरकीखादबेचनेसेभीमिलजाताहै।कहाकिगोसेवाकरनेसेमानसिकसंतुष्टिकेसाथहीविश्वकेकल्याणकाएकउपक्रमभीहै।मैंअपनेजीवनसेपूरीतरहसंतुष्टभीहूं।

यहहैगायोंकानाम

गोशालामेंसभीगायोंवबछड़ोंकानामकरणकियागयाहै।जिन्हेंउन्हींकेनामोंसेबुलातेहैं।जिसमेंलक्ष्मी,कामधेनु,लाली,भाग्यश्री,गायत्री,नंदनी,सत्यभामा,ललिता,सुंदरी,रमा,सरस्वती,गंगा,भगवती,तुलसी,माया,जमोत्री,गंगोत्री,जमुना,बसुंधरा,पार्वतीकेसाथबछड़ोकोमुरारी,जनार्दन,नंदलाल,शनी,श्याम,बुद्धिराम,गिरधारी,नंदीहैं।

पत्नीभीगोसेवामेंबंटातीहैंहाथ

देवनाथबतातेहैंकिगोसेवामेंपत्नीजयशीलाभीपीछेनहींरहतीहैं।जबमैंगायोंकोचरानेचलाजाताहूंतोवहछोटे-छोटेबच्चोंकीदेखभालकेसाथसाफ-सफाईआदिकरतीहैं।इसकेअलावाचचेरेभाईरामेश्वरनाथभीसाथदेतेहैं।

तीनमाहसेपैरकटेगायकीकररहेसेवा

देवनाथकेगोसेवाकाअंदाजाइसीसेलगायाजासकताहैकिचरानेलेजातेसमयट्रककेधक्केसेएकगायकापिछलाएकपैरक्षतिग्रस्तहोगया।बादमेंउसेकाटनापड़ा।फिरभीवहिम्मतनहींहारे।गायकोअलगरखकरदवाकराए।कटेपैरकोमक्खियोंसेबचानेकेलिएहमेशाबांधेरखतेहै।

नहींमिलीसरकारीइमदाद

अभीतकदेवनाथकेइसपुनीतकार्यमेंहाथबंटानेकेलिएकोईसरकारीमददनहींमिली।नहीकोईजनप्रतिनिधिहीआगेआया।जबकिगोसेवाप्रदेशसरकारकीप्राथमिकताओंमेंहै।इसकेबावजूदइतनीबड़ीउपेक्षायहक्षेत्रवासियोंकेगलेनहींउतररहाहै।