आशुतोषसिंह,रायबरेली:खेतमेंजानेकासमयनहींतोघरमेंहीहरी-भरीसब्जियांउगारहे।लौकीखानाहोयाकद्दूअथवासाग,यहसबछतोंऔरमकानकेपरिसरमेंखालीजमीनपरतैयारहोरहे।इनकेनासिर्फशुद्धहोनेकीगारंटीहै,बल्कियेपूरीतरहआर्गेनिकभीहैं।घरमेंउगीसब्जियांखानेकाशौकबाजारकीसब्जियांखरीदनेकीमजबूरीकोखत्मकररहाहै।ज्यादातरलोगसब्जियोंकेलिएबाजारपरनिर्भररहतेहैं।कमलागतमेंअधिकपैदावारकेलिएकारोबारीउर्वरकों,दवाओंऔरघातकरंगोंतककाउपयोगकरनेसेगुरेजनहींकरते।ऐसीसब्जियांखाकरकमउम्रमेंभीलोगगंभीरबीमारियोंकीचपेटमेंआरहेहैं।इससमस्यासेछुटकारापानेकेलिएलोगरूफ(छत)औरकिचनगार्डेनकोबढ़ावादेरहेहैं।शहरकेइंदिरानगर,तिलकनगर,आनंदनगर,रानानगरसमेतकईमुहल्लोंमेंयहदृश्यदेखनेकोमिलतेहैं।लोगछतपरगमलेमेंमिर्च,टमाटर,बैंगन,शिमलामिर्च,गोभी,लौकी,सेम,धनिया,मटर,सोयामेथी,लहसुनआदिसब्जियांपैदाकररहेहैं,जोपूरीतरहसेआर्गेनिकहैं।धोबहानिवासीवेदप्रकाशमिश्र,आशीषकुमारमिश्रभीछतपरगमलोंमेंहरीसब्जीपैदाकररहेहैं।वेदप्रकाशमिश्रनेबतायाकिदोवर्षोंसेइसेअपनारहेहैं।इससेरसायनकेप्रयोगसेतैयारसब्जीखानेसेछुटकारामिलगया।कईलोगइसेदेखनेभीआतेऔरअपनेयहांभीगार्डेनतैयारकररहेहैं।
महिलाओंकाबढ़ारूझान
आनंदनगरनिवासीडॉ.पूर्तिश्रीवास्तव,अलका,संगीता,इंदिरानगरकीज्योतिसिंहआदिनेबतायाकिमेरेपासबहुतजगहतोनहींहै,लेकिनछतपरगमलोंमेंकईतरहकीसब्जियोंकेपौधेलगाएहैं।इससेपूरेपरिवारकेखानेकेलिएपर्याप्तमात्रामेंसब्जीहोजातीहै,जोपूरीतरहसेआर्गेनिकहै।कभी-कभीतोआसपासकेलोगोंकोभीदेनापड़ताहैं।घरकेकामोंसेफुर्सतमिलनेकेबादपौधोंकीदेखभालकेलिएसमयदेतेहैं।इनसेट-कृषिविशेषज्ञोंसेलेरहेजानकारी
कृषिविशेषज्ञआरकेकनौजियानेबतायाकिलोगगमलोंकेसहारेघरोंमेंसब्जियांउगानेकोकाफीमहत्वदेरहेहैं।शहरसेलेकरगांवोंतककेलोगइसेतैयारकरनेकेतरीकेकेबारेमेंजानकारीकरतेहैं।