जागरणसंवाददाता,महोबा:जनपदमेंपेयजलकिल्लतदेखचरखारीकेएककारोबारीनेनिश्शुल्कजलदानकोजीवनकाअंगबनालियाहै।सूचनामिलतेहीवहअपनेखर्चसेपानीकाटैंकरलेकरपहुंचजातेहैं।तेरहवीं,गरीबोंकेयहांहोनेवालीकन्याओंकेविवाहयाकोईभीआयोजनहो,वहपेयजलउपलब्धकरानानहींभूलते।
चरखारीकेटाकीजतिराहानिवासीशिक्षकपिताकेपुत्रअशोककुमारत्रिपाठीउर्फअशोकमहाराजकीमानेंतोपिताकेनिधनकेबादपारिवारिकदायित्वोंकेनिर्वाहनकेलिएट्रैक्टरट्रालीबनानेकाकामशुरूकिया।कामचलनिकलातोमनमेंविचारआयाकिसमाजकेलिएभीकुछकरनाचाहिए।क्षेत्रमेंपेयजलकिल्लतदेखतेहुएलोगोंकीप्यासबुझानेसेबेहतरकोईसेवासमझमेंनहींआई।घरकेहीट्रालीकारखानेमेंपानीकेटैंकरतैयारकराएऔरजरूरतमंदोंकेपासनिश्शुल्कपानीपहुंचानेलगे।उन्होंनेबताया,समयपरपानीभराटैंकरपहुंचादियाजाताहैऔरखालीहोनेपरउसेवापसमंगालियाजाता।चर्चाबढ़नेकेसाथकस्बेकेहीरामनारायणसोनीनेभीमददकोहाथबढ़ायाऔरअपनेट्यूबवेलसेटैंकरकेलिएपानीदेनेलगे।बिजलीनहोनेपरजलसंस्थानकेपंपहाउससेटैंकरभरवायाजाताहै।सातसालपहलेशुरूकीगईइसमुहिममेंआज10टैंकर,तीनट्रैक्टरपानीपहुंचानेकाकामकररहेहैं।इलाकेमेंअबसभीलोगऐसावाकिफहोगएहैंकिकहींभीआयोजनपरखुदसूचनादेदेतेहैं।बकौलअशोकत्रिपाठीइससेजोसुकूनऔरसुखमिलताहैउसकेएवजमेंदूसराकुछनहींहोसकता।