समाजमेंहरइंसानकोसाधुकीतरहजीवनयापनकरनाचाहिए।धर्मसाधुओंकेविषयमेंक्याकहताहै?जोव्यक्तिमनमेंसोचतेहैंकिमेरेलिएस्वयंकेप्राणजितनेबहुमूल्यहैंऔरलोगोंकेलिएभीउनकेप्राणउतनेहीप्यारेहैं।यहीसमझकरजोदूसरोंकेसाथव्यवहारकरतेहैं,वहीहैंसाधु।साधुताकेविरुद्धनहींजानाहै।जहांधर्मकानिर्देशहै,वहांदूसरीबातनहींचलेगी।साधुसेतात्पर्य-सफेदवस्त्रधारीव्यक्तिसेनहींहै।प्राचीनकालमेंनियमथाकिजोव्यक्तिसिरसेपैरतकसफेदवस्त्रधारणकिएहोतोउसेसाधुकहतेथेऔरअगरलाल-गेरुवावस्त्रहोतोउसेकहतेथेसंन्यासी।धर्मसाधुओंकेविषयमेंक्याकहताहै?मानलीजिएकिजीवितमछलीहैऔरआपउसेकाटरहेहैं।वहरोरहीहै।क्यूं-क्यूंआवाजकररहीहै।वहबचनाचाहतीहैऔरआपउसेमारनाचाहतेहो।उसेअपनेकोबचानेकीख्वाहिशहै,आपमेंभीअपनेकोबचानेकीउतनीहीख्वाहिशहै,उतनीहीअभिलाषाहै,तमन्नाहै।आपउसेमारकरउसेविकासकरनेसेवंचितकररहेहैंतोआपसाधुकाकामनहींकररहेहैं।धर्मकाजोनिर्देशहै,वहआपकोमाननाहीपड़ेगा।आपकोउसमछलीकोमारनानहींचाहिए।वहआपकीदुश्मननहींहै।यदिआपउसेमारतेहैंतोधर्म-विरोधीकामकररहेहैं।यहांआपकायहतर्कनहींचलेगाकिमछलीसेप्रोटीनमिलताहै।धर्मकानिर्देशआपकोमाननापड़ेगा।आपलोगस्पष्टरूपमेंसमझगएहोंगे।जहांधर्मकानिर्देशहै,वहांदूसरीबातनहींचलेगी।आपकाधर्महीहैजोमौतकेबादभीआपकेसाथरहेगा।दुनियाकेजितनेमित्रहैं,प्रियजनहैंवेमौतकेबादसाथनहींरहेंगे।वेचितापरचढ़ादेंगेउसकेबादअपने-अपनेघरचलेजाएंगे,लेकिनधर्मअंततकसाथरहताहै।इसलिएआपकाभीकामहै-धर्मकोमजबूतबनाना।जोअंततकसाथरहे,वहीतोसच्चामित्रहै।सचतोयहहैकिमनुष्यअपनेअच्छेकर्मद्वाराहीसमाजमेंप्रतिष्ठितहोतेहैं।जोलोगअच्छेकर्मकरतेहैंउनमेंधर्मकाबीजकहींनकहींअवश्यरहताहै।कर्मोंकेविषयमेंभीकहागयाहैकिकिसीकारणवशयदिइसजन्ममेंहमाराजीवनकष्टमेंरहातोउसकेलिएपूर्वजन्मकेसंचितकर्मजिम्मेदारहोतेहै।ऐसेमेंयहीप्रयासकरनाचाहिएकिहमबेहतरकर्मकरनेकीराहपरचलतेरहें।[श्रीश्रीआनंदमूर्ति ]