दहेज मांगा तो बारात लौटाई, फिर असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा में टॉप कर गई एल्‍बा

हल्द्वानी,सतेंद्रडंडरियाल:हौसलामजबूतहोतोमुश्किलेंआसानहोजातीहै।कुछऐसाहीजज्बानजरआताहैहल्द्वानीतल्लीबमौरीनिवासीएल्बामंड्रेलेमें।जीवनसंघर्षसेजूझतेहुएउन्होंनेअपनीपढ़ाईपूरीकी।2017मेंजबविवाहतयहुआतोससुरालपक्षनेदहेजकीमांगरखदी।एल्बानेयहांसमझौतानहींकियाऔरशादीसेहीइन्कारकरदिया।इसकेबादउन्होंनेवहकरदिखाया,जिससेउनपरसिर्फपरिवारहीनहींबल्किशहरकेलोगभीनाजकरतेहैं।

दहेजमांगनेपरविवाहकाप्रस्तावठुकरानेवालीएल्बानेउत्तराखंडलोकसेवाआयोगकीवर्ष2019कीअसिस्टेंटप्रोफसरकीपरीक्षामेंप्रदेशमेंटॉपकियाहै।वहअभीपं.बद्रीदत्तपांडेराजकीयस्नातकोत्तरमहाविद्यालयबागेश्वरमेंतैनातहैं।बतातीहैंकिजिंदगीमेंकभीहारनहींमाननीचाहिए।कभी-कभीहारऐसारास्तादिखादेतीहैजोहमेंजीतकीतरफलेजाताहै।दससालतकएल्बानेसरकारीवगैरसरकारीसंस्थाओंमेंनौकरीकेसाथहीअपनीपढ़ाईजारीरखी।एल्बाअपनेवेतनकाआधेसेज्यादाहिस्साजरूरतमंदबच्चोंकीशिक्षाकेलिएखर्चकरतीहैं।वहबतातीहैंकिउनकीमाताहीजीवनमेंउनकीप्रेरणाहैं।

भाईकीपढ़ाईकेलिएबहननेखुदनहींकीशादी

हल्द्वानी:अपनेलिएतोसभीजीतेहैं,लेकिनदूसरोंकाजीवनसंवारनेकेलिएसमर्पणकरनेवालेलोगकमहीहोतेहैं।खासतौरपरउसमाहौलमेंजबजीवनकेमूल्यबदलनेलगे।डॉ.ऊषाडोगराउनशख्सियतोंमेंहैं,जिन्होंनेसंघर्षऔरअपनीप्रतिभाकेबलपरनसिर्फऊंचामुकामहासिलकिया,बल्किसफलतापानेकेबादभीअपनेजीवनमूल्योंकोनहींबदला।उन्होंनेभाईकीपढ़ाईऔरपरिवारकीजिम्मेदारीउठानेकेलिएखुदविवाहभीनहींकिया।

मूलरूपसेरानीखेतडोगराएस्टेटनिवासीडॉ.ऊषाडोगरावर्तमानमेंराजकीयमहाविद्यालयभतरौजखानअल्मोड़ामेंकार्यरतहैं।उनकाहल्द्वानीकीभट्टकॉलोनीमेंअपनाआवासहै।पिताकेनिधनकेबादडॉ.ऊषानेपरिवारकीजिम्मेदारीसंभाली।पहाड़कीबेटीकाकॅरियर1984मेंपहाड़सेहीशुरूहुआ।बागेश्वरमहाविद्यालयमेंलंबीसेवाकेबादउन्हेंहल्द्वानीएमबीपीजीकॉलेजभेजागया।इसकेबादउन्होंनेमहिलाकॉलेजमेंभीसेवाएंदीं।डॉ.ऊषानेपरिवारमेंअपनीमाताकीदेखभालऔरइकलौतेभाईकाकॅरियरबनानेकेलिएस्वयंविवाहनहींकिया।अपनीनौकरीकेसाथ-साथछोटेभाईकोएमबीएकराया,जोआजएकमल्टीनेशनलकंपनीमेंकार्यरतहै।ऊषाबतातीहैकिशिक्षाहीवहमाध्यमहैजिसनेउन्हेंहौसलादिया।

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