देशी खिलौनों में छिपी जरूरतमंदों की मदद

जेएनएन,पीलीभीत:स्टेशनरोडऔरचौकबाजारमेंकईऐसेबड़ेप्रतिष्ठानहैं,जहांचाइनीजखिलौनेपहलेखूबबिकतेरहेहैंलेकिनअबउन्हेंकोईनहींपूछरहा।जिनदुकानोंमेंखिलौनोंकीपुरानास्टाकअभीमौजूदहै,उन्हेंअबघाटाकीआशंकासतारहीहै।क्योंकिदेशीखिलौनोंकीमांगबढ़नेलगीहै।इनदुकानोंकेअलावाबाजारमेंफेरीलगाकरदेशीखिलौनेबेचनेवालोंकाधंधाचमकनेकीउम्मीदबढ़गईहै।

शहरकेमुहल्लागंगापुरीमेंकुम्हारीकलाकाव्यवसायकरनेवालेदर्जनोंपरिवाररहतेहैं।इनमेंसेकईऐसेहैंजोत्योहारोंपरमिट्टीकेबर्तन,गणेश-लक्ष्मीकीमूर्तियांबनानेकेसाथहीबच्चोंकेलिएमिट्टीकेआकर्षकखिलौनेभीबनातेहैं।हालांकिआधुनिकताकीचकाचौंधमेंमिट्टीसेतैयारहोनेवालेइनखिलौनोंकाक्रेजकमहोगयाथा।कुम्हारीकलाकाव्यवसायकरनेवालेअनेकलोगोंनेसांचेबनवारखेहैं।इन्हींसांचोंमेंढालकरवेतरहतरहकेखिलौनेबनातेहैं।फिरधूपमेंसुखानेकेबादउनमेंतरहतरहकेरंगभरतेहैं।जिससेयेखिलौनेआकर्षकलगनेलगतेहैं।कुम्हारीकलासेजुड़ेइनलोगोंकोउम्मीदहैकिचीनीखिलौनोंसेलोगोंकामोहभंगहोजानेपरउनकेद्वारातैयारखिलौनोंकीमांगबढ़ेगी,जिससेउन्हेंभीअच्छीआमदनीकाअवसरमिलसकेगा।