Chamoli Tragedy: समय रहते आपदा की जानकारी प्राप्त होने के मामले में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष

कुशलकोठियाल। UttarakhandGlacierDisaster उत्तराखंडइसबारफिरप्राकृतिकआपदाकेकारणखबरोंमेंरहा।राज्यकेसीमांतजिलेचमोलीकेरैणीगांवकेसमीपहैंगिंगग्लेशियरकेटूटनेसेआईआपदामेंहुईजन-धनहानिकाअभीतकसटीकआंकड़ादेनामुश्किलहोरहाहै।राज्यप्रशासनकेअनुसारमंगलवारसंध्यातक58शवबरामदहुएहैंऔर146अबभीलापताहैं।एकअच्छीखबरयहरहीकिइसआपदासे12लोगोंकोबचालियागया।राज्यकेपुलिसमहानिदेशककेअनुसारअबमलबेमेंयाटनलकेभीतरकिसीकेजीवितहोनेकीउम्मीदनहींबचीहै।तीन-चारदिनोंबादबचावकार्यभीबंदकरदियाजाएगा।

हमारेदेशमेंकरीब10हजारग्लेशियरहैंऔरउत्तराखंडमेंइनकीसंख्या968है।हिमालयविश्वकीसबसेनवीनतमपर्वतश्रृंखलामानीजातीहै,लिहाजाइसकेबनने-बिगड़नेकीप्रक्रियाअभीजारीहै।यहीकारणहैकिसमूचाहिमालयबेहदसंवेदनशीलहै।ऐसेमेंउच्चपर्वतश्रृंखलाओंमेंमौजूदग्लेशियरोंकीसंवेदनशीलताऔरबढ़जातीहै।खासतौरपरजबकिइनक्षेत्रोंमेंविकासकार्योनेभीगतिपकड़ीहैऔरयहसमयकीमांगभीहै।निरंतरभूगर्भीयहलचलोंकेसाथग्लोबलवार्मिगसेग्लेशियरोंकेपिघलनेकीदरबढ़गईहै।परिणामस्वरूपग्लेशियरमेंझीलोंकेफटनेऔरएवलांचकीघटनाएंसामनेआरहीहैं।

ऋषिगंगाकैचमेंटक्षेत्रमेंहैंगिंगग्लेशियरकेटूटनेसेहुईतबाहीभीइसीकापरिणामहै।बावजूदइसकेआजतकभीग्लेशियरोंकीमॉनीटरिंगकापुख्ताइंतजामनहींहै।ग्लेशियरोंकीमॉनीटरिंगकेलिएवाडियाहिमालयभूविज्ञानसंस्थानऔरइंडियनइंस्टीट्यूटऑफरिमोटसेंसिंगजैसेगिने-चुनेसंस्थानहीहमारेपासहैं।येसंस्थानभीचुनिंदाग्लेशियरोंपरकामकररहेहैं।विज्ञानजगतकीबातकरेंतोतमामविज्ञानीलंबेसमयसेमांगकररहेहैंकिग्लेशियरोंपरअध्ययनकेलिएपृथकसंस्थानकीस्थापनाआवश्यकहै,क्योंकिविकासकीचुनौतियोंकेबीचग्लेशियरोंसेनिकलनेवालेखतरेभीबढ़रहेहैं।यहसरकारोंकीसमझमेंआनाचाहिए।

उल्लेखनीयहैकिउत्तराखंडकाप्राकृतिकआपदाओंसेदुर्भाग्यपूर्णरिश्तारहाहै।इनआपदाओंकीजड़मेंनदियोंमेंबनरहेबांधोंऔरविकासकार्योकोदेखरहेलोगोंकोशायदयहभीमालूमहोगाकिआपदाएंतबभीआतीरहीहैं,जबइसक्षेत्रमेंपगडंडियोंसेआनाजानाहोताथा।हरआपदाकेबादबुद्धिजीवियोंमेंअपने-अपनेदृष्टिकोणसेबहसहीनहींहोतीहै,बल्किअपनेदृष्टिकोणकोसिद्धकरनेकेप्रयासभीहोतेहैं।इसबारकीआपदाभीइसपरंपराकाकोईअपवादनहींरही।कुछलोगइसकीवजहऋषिगंगावतपोवन-विष्णुगाड़पावरप्रोजेक्टकोबतारहेहैं,तोकुछकादावाहैकिइनपरियोजनाओंकेकारणबाढ़केप्रभावकोसीमितकियाजासका।बावजूदइसकेआमजनमेंइसबातपरतोसहमतिहीदिखरहीहैकिनदियोंपरबनरहेबांधोंकाइसतरहकीआपदाओंकेमद्देनजरगंभीरतासेअध्ययनकियाहीजानाचाहिए।विकासऔरपारिस्थितिकीसंतुलनकेबीचमेंहीरास्तानिकालनाहोगाऔरयहसमन्वयवसंवादसेहीसंभवहै,अतिवादसेनहीं।

हिमालयीग्लेशियरोंसेनिकलरहीनदियोंपरबनरहीअथवाप्रस्तावितजलविद्युतपरियोजनाओंऔरगांवोंतथाशहरोंकेबीचसंबंधितअलार्मिगसिस्टमकीजरूरतलंबेसमयसेमहसूसकीजारहीहै।इससेग्लेशियरटूटनेयाझीलकेफटनेसेआनेवालीतबाहीकोकाफीहदतकसीमितकियाजासकताहै।रैणीइलाकेमेंतबाहीआतेहीयदितपोवनमेंसायरनबजजातातोकईजानेंबचसकतीथीं।इसबारकीआपदामेंकेंद्रऔरप्रदेशकीसरकारोंवविभिन्नएजेंसियोंकीत्वरितसक्रियताउल्लेखनीयरही।एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,बीआरओ,सेना,वायुसेना,नेवी,आइटीबीपी,राज्यकीपुलिसजैसीएजेंसियोंनेबेहदसमन्वितऔरत्वरितअभियानचलाया।

हालांकिप्रशासन,पुलिसऔरअभियानमेंजुटीएजेंसियोंनेखुलकरयहनहींकहा,लेकिनअनावश्यकवीआइपीमूवमेंटसेपरेशानीहीपैदाहुई।जमीनपरआपदासेमुकाबलाकररहीफोर्सकेलीडरजबवीआइपीकेआगेपीछेखड़ेहोतेहैंतोइसतरहकेअभियानमेंव्यवधानहीपैदाहोताहै।इतनीसीबातवीआइपीजमातकोसमझनहींआईकिउनकीविशेषज्ञताऔरदक्षताउसविषयमेंनहींहैजिसकीजरूरतआपदास्थलपरजिंदालोगोंवशवोंकोनिकालनेकेलिएचाहिए।प्रदेशकेलोगहीयहपूछरहेहैंकिक्याकोईराजनीतिज्ञयहबतासकताथाकिमलबेमेंदबेलोगोंकोकैसेनिकालें,कहांसेअभियानशुरूकरें।टनलसेमलबाकैसेबाहरनिकालाजाएयाउसमेंफंसेलोगोंकोआक्सीजनकैसेदियाजाए?कौनसीमशीनकाउपयोगकहांऔरकैसेकरें।आपदाग्रस्तक्षेत्रमेंइसतरहकीवीआइपीसक्रियताकोरोकनेकेलिएसमझदारीविकसितकरनेकीआवश्यकताइसआपदामेंभीमहसूसकीगई।

[राज्यसंपादक,उत्तराखंड]

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